ज़िम्मेदारी हर किसी के ज़िन्दगी में होती है पर कुछ ज़िम्मेदारी के नाम पर सपने को छोड़ देते है तो कुछ सपने के लिए अपनी ज़िम्मेदारी को। कम ही लोग ऐसे है जो ज़िम्मेदारी को निभाते हुए अपने सपने को जीते हैं और यही लोग समाज मे उदाहरण बनते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी है मशहूर ब्यूटी एक्सपर्ट शहनज़्ज़ हुसैन (shehnaaz hussain)की।
प्रारंभिक जीवन
1980 में भारत के पूर्व न्यायाधीश एन.यू.बैग के यह जन्मी थी शहनाज़ हुसैन। इनके दादा मीर यार जंग हैदराबाद के पूर्व न्यायाधीश और नागपुर के गवर्नर थे। मात्र 14 वर्ष की उम्र में इनकी सगाई कर दी गयी और 16 वर्ष की उम्र में शादी। शहनाज़ कुछ समझती इस से पहले ही उसी साल ये माँ बन गयी। और इस तरह इंक ऊपर कई ज़िम्मेदारीया आ गयी। पर इन ज़िम्मेदारीयो के बीच ये अपने सपने को नही भूली। इंक पति और पिता ने सपने को पूरा करने में इनका साथ दिया।

सौंदर्य एक्सपर्ट बनने की शुरूआत
शहनाज़ हुसैन के पति जब नौकरी के सिलसिले में इराक गए तब इन्होंने लन्दन जाकर सौंदर्य प्रशिक्षण लेने आरम्भ किया। आधुनिक सौंदर्य उत्पादों में रसायन कका इस्तेमाल होता था जिसके दुष्परिणाम भी थे। इस बात से शहनाज़ वाकिफ थी उसलिए उन्होंने आयुर्वेद के द्वारा सौंदर्य निखारने पर ध्यान दिया। लगभग 10 वर्ष तक लन्दन, न्यूयॉर्क, पेरिस के पार्लर में प्रशिक्षण लिया। 1997 में अपने पिता से कुछ पैसे उधार लेकर इन्होंने अपने घर पर शहनाज़ हुसैन हर्बल(shehnaaz hussain herbal) की शुरआत की। उन्हें शुरआत से ही ग्राहकों का जबरदस्त उत्साह मिला। जल्द ही इन्होंने त्वचा से जुड़ी परेशानी से निजात के लिए उत्पाद बाज़ार में उतारे।
उत्पादों का विस्तार
नब्बे के दशक में शहनाज़ हुसैन(shehnaaz hussain) के उत्पादों की मांग देश-विदेश के सभी बड़े स्टोर पर होने लगी। लन्दन के हेरोइस से लेकर दुबई के सुल्तान स्टोर तक सब बड़े स्टोर पर उनके उत्पादों की मांग थी।
यह सबदेखते हुए शहनाज़ ने फ्रैंचाइज़ी के तहत देश-विदेश में अपने एक्सक्लूसिव स्टोर्स खोले। आज भी वह स्वयं फ्रैंचाइज़ी मालिको को परीक्षण देती है ताकि कही कोई कमी न रहे।

वुमेन्स वर्ल्ड इंटरनेशनल की स्थापना
शहनाज़ ने वुमेन्स वर्ल्ड इंटरनेशनल(womens world international) की स्थापना इस उद्दयेश्य से की की लोगो को शारीरिक संरचना, व्यक्तित्व विकास से लेकर पार्लर प्रबंधन तक का प्रशिक्षण दिया जा सके। इन्होंने मेन्स वर्ल्ड इंटरनेशनल(man’s world international) की भी स्थापना की जो पुरुष सौंदर्य को निखारता हैं।
दिल्ली के पास इनका दो औषधीय उद्यान और फूलों के बाग भी हैं। शहनाज़ हुसैन हर्बल उत्पादों की खास बात इसकी गुणवत्ता हैं।
सम्मान और अवार्ड
सत्तर के दशक ने उन्हें सौंदर्य विशेषज्ञ के वैश्विक सम्मेलन सिडेस्को में भारत का प्रतिनिधित्व किया । इनकी वाक्पटुता से प्रभावित होकर इन्हें एक दिन के लिए सम्मेलन की अध्यक्षता करने का मौका दिया गया। 1983 को इन्हें राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1985 में इमेज इंडिया अवार्ड प्रदान किया गया। 1886 में फिक्की आउटस्टैंडिंग वूमेन ऑफ द ईयर से सम्मानित किया गया।

वाकई शहनाज़ हुसैन जैसी आत्मनिर्भर महिला समाज में सफलता की मिसाल हैं।
The Logically के लिए इस कहानी को मृणालिनी द्वारा लिखा गया है। बिहार की रहने वाली मृणालिनी अभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करती हैं और साथ ही अपने लेखनी से सामाजिक पहलुओं को दर्शाने की कोशिश करती हैं!
