Wednesday, December 13, 2023

ब्यूटी क्वीन होते हुए भी विदेश के ऑफर को ठुकराकर देश सेवा को दी प्राथमिकता, बनीं लेफ्टिनेंट: गरिमा यादव

आजकल के ब्यूटी क्वीन फिल्टर के जमाने में ये खिताब हर दूसरी लड़की अपने नाम कर रही है, पर उनमें से कितनी हैं जो वाकई ब्यूटी क्वीन के खिताब को अपने नाम करती हैं और फिर उसे देश की सेवा के लिए कुर्बान करने का जज्बा रखती हैं? दरअसल, सुंदरता के सारे पायदान पार करने के बाद लड़के-लड़कियों को मॉडलिंग, एडवाटजाइमेंट और फिल्म ऑफर होती हैं।

अक्सर एक्टिंग का जरा सा गुण में विकसित करने के बाद वे किसी तरह इंटरटेमेंट जगत में कहीं ना कहीं अपनी जगह तलाश ही लेते हैं। लेकिन आज हम जिसके बारे में बात करने जा रहे हैं उन्होंने ये सारी शौहरत देशसेवा के लिए कुर्बान कर दी है। वो भी उस वक्त जब वह खूबसूरती के सारे पायदान पार कर शिखर पर पहुंचने वाली थी। इसके एक फैसले ने उसे ब्यूटी क्वीन से लेफ्टिनेंट बना दिया।

दरअसल, हरियाणा-पंजाब की माटी ही कुछ इस तरह की है जहां आपको हर घर में खेत में काम कर रहे किसान और देश की रक्षा में तैनात जवान दोनो आपको एक हीं घर में मिल जाएंगे। यानि ये परिवार के वो हिस्से हैं जो किसी भी तरह से देश की सेवा करना चाहते हैं और कर भी रहे हैं। इसी माटी से 1994 में जन्मी एक लड़की गरिमा यादव। दरअसल, गरिमा एक साधारण परिवार की बेटी थी जिसकी वजह से उनकी शिक्षा और परवरिश साधारण ही रही है। लेकिन उनके आसपास का माहौल हमेशा से देशभक्ति से जुड़ा रहा है।

Lieutenant Garima Yadav

इनके परिवार में कई लोग थे, जो सेना में सेवाएं दे रहे थे इसलिए गरिमा के लिए सेना में जाना कोई नया नहीं रहा। शायद यही वजह रही होगी जिसके वजह से उन्होंने सेना में जाने का सपना देखा। गरिमा कहती हैं कि ये आसान नहीं था। क्योंकि हमारे यहां कोई महिला सेना में नहीं थी इसलिए ऐसा सपना देखना और उसे पूरा करना एक अलग तरह की चुनौती रहा। हालांकि गरिमा के परिवार ने हमेशा उसका सपोर्ट किया है और अभी भी कर रहे हैं। इसका महत्वपूर्ण श्रेय परिवार को भी जाता है।

ये तो सत्य है कि सेना में जाने के लिए सर्वप्रथम आत्मविश्वास की जरूरत होती है, खुद पर विश्वास पैदा हो सके इसलिए गरिमा ने इस स्टेज को चुना। जहां लोग सेना में जाने के लिए खेल कूद में रूचि रखते हैं वहीं गरिमा ने स्टेज में रूचि ली। गरिमा नाटक में हिस्सा लेती थी साथ हीं निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता में कई पुरस्कार हासिल किया है। इसके बाद उन्होंने मॉडलिंग करना भी सीखा। जिसके बाद उन्हें कई मॉडलिंग ए​जेंसी से काम के लिए ऑफर भी मिलते रहे। लेकिन गरिमा का लक्ष्य अटल था।

इन सभी उतार-चढ़ाव के बीच गरिमा ने अपने सपने से कभी ध्यान नहीं हटाया। मॉडलिंग करते हुए भी उन्होंने खुद को सेना में जाने के लिए तैयार करती रहीं। इसी प्रकार गरिमा ने सीसीएस की तैयारी जारी रखीं जिसके बीच में उन्हें एक नेशनल ब्यूटी कॉन्टेस्ट में हिस्सा लेने का मौका मिला। जिसमें गरिमा ने 20 राज्यों से आई प्रतिभागियों को हराकर चार्मिंग फेस का खिताब अपने नाम किया। इसके बाद भी गरिमा का सेना बनने को लेकर ध्यान नहीं भटका बल्कि लक्ष्य और मजबूत होते चले गए।

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जिस समय गरिमा ने यह पुरस्कार जीता तो बहुत से लोगों ने उन्हें फिल्मों में किस्मत आजमाने के लिए कहने लगे। जिसके बाद कई वीडियो एलबम में काम करने का मौका भी मिला लेकिन गरिमा ने इंकार कर दिया। क्योंकि एसएसी के एग्जाम आ चुके थे। गरिमा ने ये एग्जाम पहली कोशिश में ही पास कर ली। साल 2017 में पास किए इस एग्जाम में गरिमा ने देश में दूसरा स्थान हासिल किया था।

गरिमा के लिए खुद पर फोकस करते हुए यह सफलता हासिल करना वाकई गौरव की बात थी। लेकिन ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीतने के बाद गरिमा को इटली में होने वाले इंटरनेशनल ब्यूटी कॉन्टेस्ट से बुलावा आया। वही गरिमा अपने एक इंटरव्यू में कहती हैं कि ​जिस दिन कॉन्टेस्ट का लेटर आया था उसी दिन मुझे चेन्नई स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी में दाखिला लेने का लेटर भी मिला था, पर मेरा लक्ष्य तय था। मुझे आर्मी ज्वाइंन करनी थी और मैंने बिना देर किए यह निर्णय ले लिया, साथ ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी भी पहुंच गईं।

Beauty Queen Garima Yadav

गरिमा एक साहसी लड़की थी जो किसी भी दुर्लभ परिस्थिति को संभालना जानती थी। गरिमा ट्रेनिंग के लिए पहुंच तो गईं लेकिन यहां भी उनके लिए मुश्किलें कम नहीं हुईं चूंकि मॉडलिंग के लिए शरीर का लचीला होना जरूरी है इसलिए उन्होंने हमेंशा अपनी डाइट ऐसी रखी कि फिगर मेंटन रहे। जबकि आर्मी की ट्रेंनिग बहुत सख्त होती है इसलिए शरीर का भी उतना ही सख्त होना जरूरी है जिसके बाद गरिमा कुछ परेशान हो गई थी। लेकिन वो कहते हैं न कि किसी भी लक्ष्य को आप शिद्दत से चाहो तो प्राप्त होना तय हो जाता है।

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इसके बाद गरिमा ने खुद को बदला, अपनी डाइट को बदला, शरीर के आकार और मजबूती पर काम किया। जिसके एक साल की मशक्कत के बाद उन्हें लेफ्टिनेंट होने का गौरव प्राप्त हो। ये गरिमा के लिए अपने नाम के आगे लेफ्टिनेंट जुड़ते देखना ब्यूटी क्वीन कहलाने से कहीं ज्यादा गौरव का क्षण था। आज गरिमा देश की उन चुनिंदा लेफ्टिनेंट में से एक हैं जो देश की सेवा और सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर हैं।

अंत में गरिमा का एक लेफ्टिनेंट होना पूरे देश के लिए प्रेरणादायक बन गया है। इन्होंने साबित कर दिया कि आपको जिंदगी में कितने भी उतार-चढ़ाव आ जाए यदि आप अपने लक्ष्य को केंद्रित कर के चलते हो तो उसे पाने से आपको कोई नही रोक सकता है।