हमारे देश के पूर्वोत्तर हिस्से में बांस की खेती ही यहां के लोगों के आजीविका का स्रोत है हालांकि आज देश के कई भागों में भारतीय खेती हो रही है परंतु पूर्वोत्तर भारत इसके लिए प्रसिद्ध है। बांस का उपयोग सीढ़ी बनाने के अतिरिक्त कई ऐसे कार्यों में होता है जो पर्यावरण के अनुकूल हो। बॉस की सबसे बड़ी एवं विशेष बात यह है कि अगर आप इसमें पानी रखते हैं तो यह अधिक समय तक ठंडा रखेगा यह पानी हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक होता है।
नगालैंड के मंत्री का ट्वीट बना चर्चा का केंद्र
नागालैंड की मंत्री ने बांस से जुड़ी कुछ जानकारियां एवं इसके लाभ अपने ट्वीट द्वारा शेयर की है जिस कारण यह चर्चा का पात्र बना हुआ है। उन्होंने ट्वीट में यह लाइन लिखा कि “बंबू देने का नहीं.. बंबू से पानी पीने का… अंग्रेजी में ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा है हरे सोने के रूप में पहचाने जाने वाले बांस में असीमित क्षमता है और पर्यावरण के अनुकूल उत्पादों को बनाने में इसका उपयोग मदर नेचर के लिए चमत्कारिक रूप से काम करेगा। पूर्वोत्तर भारत के सभी उद्यमियों को बधाई हो जो वास्तविक क्षमता का दोहन करने के लिए कार्य कर रहे हैं।”
Bamboo dene ka nahin, bamboo se pani peene ka…
— Temjen Imna Along (@AlongImna) February 21, 2023
Known as green gold, bamboo has unlimited potential and it's usage in creating eco-friendly products will do wonders to Mother Nature.
Kudos to all entrepreneurs from NE India who are working to harness it's true potential. pic.twitter.com/bAnKg3hikj
किसानों के लिए है लाभ
अगर आप बांस की बुआई एक बार करते हैं तो आप इससे 40 वर्षों तक लाभ कमा सकते हैं लेकिन आप यह बात जहन में बिठा लें अगर आपने अपने खेतों में बास की बुआई की है तो आप यहां अन्य फसल की बुआई नहीं कर सकते। आप एक हेक्टेयर जमीन में लगभग 1500 बांस की बुवाई कर सकते हैं। इसमें लागत साढे 3 लाख रुपए की आएगी। आपको बांस की खेती के लिए सरकार की तरफ से सब्सिडी मिलेगी वही आप इस खेती से प्रति हेक्टेयर 7 से 8 लाख रुपए कमा सकते हैं
बांस के बोतल के लाभ
आप बांस से निर्मित बोतल का उपयोग वर्षों तक कर सकते हैं। इससे पानी गिरता नहीं है एवं प्लास्टिक के कण जैसा कोई नुकसान नहीं रहता। इसके साइड इफेक्ट नहीं होते क्योंकि इसका निर्माण बांस से किया जाता है।
अगर हम प्लास्टिक से बनी बोतल से पानी पीते हैं तो यह हमारे बॉडी के लिए हानिकारक होता है। हालांकि प्लास्टिक के रिसाइकल के बहुत सारे स्टार्टअप प्रारंभ हो चुके हैं परंतु इसके निर्माण में केमिकल का उपयोग किया जाता है।
बांस के बोतल में रखे हुए पानी में पोषक तत्व मौजूद होते हैं जिनमें जिंक, विटामिन बी, विटामिन सी, पोटैशियम ट्रिपटोमर, आइसोल्यूशन कॉपर, मैग्नीशियम आयरन आदि शामिल है। इसीलिए अगर हम बांस से निर्मित बोतल से पानी पिएं तो यह तो हमारे शरीर में पहुंचकर शरीर को स्वस्थ रखते हैं।