राजस्थान (Rajasthan) को राजा-महाराजों, एतिहासिक किले और दुर्गो तथा आलिशान बड़े-बड़े महलों के लिए पूरी दुनिया में जाना जाता है। लेकीन राजस्थान में सिर्फ यही नहीं वहां अन्य कई चीजें भी हैं जिसके बारें में जानने के बाद आप हैरत में पड़ जाएंगे। उन्हीं जगहों में से एक जगह राजस्थान के एक गाँव में ही जिसे एशिया का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड लाइब्रेरी (Asia’s Biggest Underground Library) कहा जाता है।
भारत में स्थित है एशिया का सबसे बड़ा अंडर ग्राउंड लाइब्रेरी
जी हाँ, राजस्थान (Rajasthan) में भारत-पाकिस्तान इन्टरनेशनल बॉर्डर पर स्थित जैसलमेर-पोखरण के बीच भदरिया गांव (Bhadariya Village) में स्थित है। भदरिया गांव के भदिया राय माता मंदिर के परिसर में इस लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है जहां 9 लाख से भी अधिक सन्ख्या में किताबें शामिल हैं। इतना जानने के बाद अब आपके मन में सवाल उठ रहे होंगे कि सभी लाइब्रेरी में किताबें होते हैं और इसमें भी है तो इसकी विशेषता आखिर क्या है। इसी क्रम में चलिए जानते हैं इस लाइब्रेरी की विशेषताओं के बारें में-
जमीन से 15 फीट नीचे बना है एशिया का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड पुस्तकालय
अभी तक आप सभी ने सतर पर बने किसी बिल्डिंग में या हॉल या एक कमरे में बने लाइब्रेरी देखा है, लेकिन राजस्थान के भदरिया राय माता मंदिर में बने इस लाइब्रेरी का निर्माण जमीन के अंदर 16 फीट नीचे किया गया है। इसमें विश्व के सभी ग्रंथ, नोवल, पांडुलिपियां समेत राष्टपति और प्रधानमंत्री तक के भाषणों को भी संग्रहीत किया गया है और इसे एशिया का सबसे बड़ा अंडरग्राउंड लाइब्रेरी का दर्जा दिया गया है जो पूरे भारत के लिए गर्व की बात है।
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किसने किया था इस अंडरग्राउंड लाइब्रेरी का निर्माण
दुनिया के हर कोने, हर ग्रंथ समेत अनेकों किताबों से सुसज्जित भदरिया लाइब्रेरी (Bhadariya Library) का निर्माण कई वर्ष पहले हरवंश सिंह निर्मल उर्फ भदरिया महाराज द्वारा किया गया था। वहां मौजूद स्थानीय लोगों के अनुसार यह कहा जाता है कि भदरिया महाराज 9 वर्षों तक मंदिर के पास के एक कमरे थे और वहां की सभी किताबों को पढ़ डाली थी। उसके बाद ही इस लाइब्रेरी की स्थापना की गई।
एक साथ बैठ सकते हैं 4 हजार से अधिक लोग
यहां स्थित किताबों के बारें में ऐसा कहा जाता है कि उसे या तो भदरिया महाराज द्वारा लाया गया था या फिर उन्हें तोहफा में मिला था। भदरिया लाइब्रेरी (Bhadariya Library) की देखभाल का जिम्मा जगदंबा सेवा समिति द्वारा किया जाता है जिसे भदरिया महाराज ने ही बनाया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस लाइब्रेरी में 4 हजार से अधिक व्यक्ति एक साथ बैठकर किताबें पढ़ सकते हैं।
कैसे किया जाता है किताबों का संरक्षण?
एक समय के बाद जब किताबें काफी अधिक पुरानी हो जाती हैं तो वह खराब होने लगती है। ऐसे में उन्हें खराब होने से बचाव हेतु हर 5 से 6 महीने में एक विशेष प्रकार के लेप और पाउडर से उन्हें साफ किया जाता है और उस दौरान उन अलमारियों की भी साफ-सफाई की जाती है जिनमें किताबों को रखा जाता है। यदि यहां अलमारियों की बात करें तो 562 अलमारियां मौजूद हैं जहां किताबों को सजाया गया है।
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अनेकों किताबों को किया गया है संरक्षित
एशिया की सबसे बड़ी अंडरग्राउंड लाइब्रेरी भदरिया लाइब्रेरी (Bhadariya Library, Asia’s Biggest Underground Library) में 7 धर्मों के साहित्य के साथ-साथ भारत का संविधान, पुराण, वेदों की शृंखलाएं, आयुर्वेद, किताबें, इनसाइक्लोपीडिया की पुस्तकें, इतिहास, उपनिषद, देश के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के भाषण, स्मृतियां, भिन्न-भिन्न शोध की गई किताबें समेत अन्य कई प्रकार के किताबों को रखा गया है।
किताब प्रेमियों के लिए है सर्वोत्तम स्थान
आधुनिकीकरण के इस युग में वक्त के साथ सब कुछ धीरे-धीरे अपग्रेड होने लगा है और अब हर चीजों का नया-नया वर्जन आ रहा है। इसी क्रम में हार्डबुक का स्थान अब डिजिटल बुक्स ने ले लिया है और इसी तरह अब लाइब्रेरी का भी डिजिटलीकरण हो गया है। लेकिन अभी वैसे लोग हैं जिन्हें डिजिटल बुक्स के अपेक्षा लाइब्रेरी में बैठकर हार्डबुक्स पढ़ना अधिक पसंद होता है। ऐसे शौकीन लोगों के लिए एशिया की सबसे बड़ी अंडरग्राउंड लाइब्रेरी सर्वोत्तम जगह है।