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पैर में चप्पल नही, हाथ मे मोबाइल नही, फिर भी लड़ रहे हैं बिहार विधानसभा चुनाव: चुनावी लहर

बिहार विधानसभा चुनाव का विगुल बज चुका है। जहां मतदान करवाने को लेकर चुनाव आयोग अपनी तैयारियां जोर-शोर से कर रही है वहीं बिहार के प्रत्येक क्षेत्र में कई लोग अपना दांव लगा चुके हैं और अपना प्रचार-प्रसार तीव्रता से कर रहे हैं। आजकल का चुनाव कितना खर्चीला है यह बताने की आवश्यकता नहीं है। मंहगे चुनावी सफर में उम्मीदवार दिल खोलकर खर्च करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि राजनीति करनी हो तो आपकी आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत होनी चाहिए। लेकिन उसी क्रम में आज हम आपको एक ऐसे चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार के बारे में बताएंगे जिनके पास तो पहने के लिए चप्पल तक नहीं है फिर भी वह इस चुनाव में उम्मीदवार बनें हैं।

भरत महतो

भरत महतो निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लखीसराय से चुनाव के मैदान में हैं। वे पूरी तरह सादगी से भरे हैं। अगर आप इन्हें कभी देखें तो कभी कभार ही उनके पैरों में चप्पल दिखेगा। इनके पास ना चप्पल है ना ही कोई स्मार्टफोन। घर की जानकारी और समाचार के लिए एक छोटा सा सिम्पल सेट है जो अगर कोई बाहर गया तो उसकी जानकारी इस फोन से ली जाती है। हैरान होने वाली बात यह है कि नॉमिनेशन के समय जब शपथपत्र में इनका नम्बर मांगा गया तो इन्होंने अपने नम्बर नहीं दिया क्योंकि उसमें रिचार्ज नहीं रहेगा तो कॉल नही लगेगा इसलिए अपने साढू का नम्बर दिया।

Bharat Mahto

पंचायत स्तर पर लड़ चुके हैं कई चुनाव

यह पहली बार नहीं है कि भारत महतो चुनाव लड़ रहे हैं बल्कि वह बहुत बार पंचायत स्तर का चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन वे विधानसभा चुनाव पहली बार लड़ रहे हैं। भरत महतो की उम्र 72 वर्ष है। एक इंटरव्यू में भरत ने यह जानकारी दी कि उन्हें यह स्मरण नहीं है कि वह कितनी बार चुनाव में खड़े हुए हैं। वह बहुत सारे उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ चुके हैं जैसे-: वार्ड, गांव का प्रधान, पंचायत समिति, अध्यक्ष, जिला परिषद और पैक्स भी। लेकिन एक दुःखद बात यह है कि वे अभी तक कभी भी सफल नहीं हुए हैं।

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पैसे नहीं हैं इसलिए हारता हूं

भरत बहुत निर्भीकता से मीडिया को बताते हैं कि मेरे पास पैसे नहीं इसलिए हार जाता हूँ। मेरे पास नॉमिनेशन के लिए भी पैसे नहीं थे मेरे बेटों ने यह पैसे मुझे बाहर से भेजे तब मैने यह किया। अपनी बेटी की शादी के लिए जो पैसे लिए थे वह अभी भी कर्ज है। मेरे पास पैसे नहीं इसलिए मैं इसमें भी परास्त ही होउंगा लेकिन लड़ूंगा जरूर।

हैं 13वीं प्रत्याशी

लखीसराय में वैसे तो 20 सीटों के उम्मीदवारों के चयन के लिए पर्चा नामांकित हुआ था लेकिन एक खारिज हुआ है। यहां चुनाव के मैदान में 19 प्रत्याशी हैं जिसमे निर्दलीय के 16 प्रत्याशी हैं। बाकी जो बचा वह आजप, भाजपा, बीजेपी, प्लुरल्स, बीएसपी और कांग्रेस हैं।

जिस निर्भीकता और साहस के साथ भरत महतो ने चुनावी दंगल में अपना ताल ठोका है वह सराहनीय है। The Logically भरत महतो की हिम्मत और दृढ़ इरादे की प्रशंसा करता है।

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