Wednesday, December 13, 2023

विदेश जाकर लिया प्रशिक्षण, घर की छत पर उगा डाले अंगूर का बगीचा, कर रहे हैं लाखों की कमाई

हर कोई अच्छी कमाई कर एक बेहतर जिंदगी जीना चाहता है। इसके लिए ना जाने वह कितना रिस्क भी उठा लेते हैं। आज हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करेंगे जिन्होंने एक छोटी सी शुरुआत की और आज बड़ी कामयाबी प्राप्त की है। दरअसल आज हम पुणे-सोलापुर हाइवे पर स्थित गांव उरलीकांचन के रहने वाले 58 वर्षीय भाऊसाहेब कांचन (Bhausaheb Kanchan) के बारे में बात करेंगे। – Bhausaheb Kanchan from Pune, has built a vineyard on the terrace 32 feet above his house.

32 फीट की ऊंचाई वाले छत पर अंगूर का बगीचा

भाऊसाहेब अपने घर के 32 फीट ऊपर छत पर अंगूर का बगीचा बनाए है। भाऊसाहेब कहते हैं कि उनके पास कुल साढ़े तीन एकड़ जमीन है, जिस पर वह गन्ने की खेती करते हैं। कुछ साल पहले उन्होंने बिना घर से बाहर गए कमाई करने का फैसला किए और ऐसे में भाऊसाहेब स्टडी टूर के लिए यूरोप चले गए।

Bhausaheb from pune growing grapes on terrace

कृषि विभाग 48 किसानों को विदेश जाने का देता है मौका

आपको बता दें कि हर पंच साल में कृषि विभाग 48 किसानों को विदेश जाने का मौका देता है और उनका आधा खर्चा केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है। इस स्टडी टूर पर भाऊसाहेब ने यह जाना कि यूरोप के जर्मनी, स्विट्जरलैंड और नीदरलैंड में आधुनिक खेती कैसी की जाती है। भाऊसाहेब के अनुसार इस टूर का प्रति व्यक्ति का खर्चा डेढ़ लाख रुपये है, जिसमे 75 हजार भारत सरकार देती है। – Bhausaheb Kanchan from Pune, has built a vineyard on the terrace 32 feet above his house.

Bhausaheb from pune growing grapes on terrace

यूरोप स्टडी टूर से वापस लौट कर शुरू किए अंगूर की खेती

भाऊसाहेब यूरोप स्टडी टूर से वापस लौट कर घर के आंगन और छत पर अंगूर की खेती करने का फैसला किए, जिसके लिए उन्होंने मांजरी अंगूर संशोधन केंद्र से मांजरी मेडिका जाति के दो अंगूर के पौधे खरीदे और उन्हें घर के आंगन में लगा दिया। उसके बाद तीन साल तक उन्होंने पौधों को गोबर से बनी जैविक खाद दी, जिससे पौधे विशाल रूप लेकर जमीन से 32 फुट ऊपर तीसरे मंजिल तक फैल गया।

Bhausaheb from pune growing grapes on terrace

सभी अंगूर का स्वाद रसीले और मीठे हैं

लोहे का फ्रेम और प्लास्टिक की नेट की मदद से भाऊसाहेब ने लोहे का मंडप बनाया, जिसके लिए उन्होंने 6 हजार रुपये खर्च किए। पहले ही साल में उन्हें 108 अंगूर के गुच्छे मिले, दूसरे वर्ष छत पर लगाए हुए अंगूर के बगीचे में लगभग 300 बंच मिले और तीसरे साल में यह आकरा 525 अंगूर के बंच तक पहुँच गया। इन सभी अंगूर का स्वाद रसीले और मीठे हैं और इनमें दवाई बनाने वाले गुण बहुत ज्यादा हैं।

Bhausaheb from pune growing grapes on terrace

अंगूर के बीज से बनती है दवाईयां

भाऊसाहेब के अनुसार इसके बीज से दवाई भी बनाई जाती है। जूस निकालने ने बाद बचे हुए अंगूर से चोथा बिस्किट बनता है। आपको बता दें कि अगर 525 अंगूर के बंच बाजार में बेचे जाएंगे तो यह 13 से 15 हजार रुपये की कमाई कर सकते है। एक एकड़ में लगभग 40 हजार स्क्वायर फीट जमीन होती है, ऐसे में आपको 21000 अंगूर के गुच्छे मिलते हैं, जिसे आप लाखों में बेच सकते है। – Bhausaheb Kanchan from Pune, has built a vineyard on the terrace 32 feet above his house.