गरीबी हमें अपने लक्ष्य तक पहुंचने से नहीं रोक सकती। इस बात को राजस्थान (Rajasthan) के उदयपुर के रहने वाले भावेश लोहार (Bhavesh Lohar) ने साबित कर दिखाया है। वे एक घरेलू नौकर के बेटे होने के बावजूद फोर्ड मोटर कंपनी (Ford Motor Company) में बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर की नौकरी कर रहे हैं। -Bhavesh Lohar from Rajasthan selection in Ford company as a software engineer
कारों पर करते थे दोस्तों के साथ चर्चा
एनआईटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) NIT भोपाल (Bhopal) के छात्र रह चुके भावेश बताते है कि वे अपने दोस्त के साथ कारों पर चर्चा करते थे। हमेशा फोर्ड कारों, विशेष रूप से फोर्ड फिगो के प्रति आकर्षित होते थे। महामारी के वजह से भावेश को छात्रावास से अपने घर लौटना पड़ा। -Bhavesh Lohar from Rajasthan selection in Ford company as a software engineer
हुए फोर्ड कंपनी में चयनित
भावेश लोहार (Bhavesh Lohar) एक पोस्ट के जरिए बताते हैं कि उनका 6×6 फीट का एक छोटा सा घर था, जिसमें वे अपने परिवार के सात अन्य सदस्यों के साथ रहते थे। भावेश बताते है कि मैं इसी घर में सोया, सीखा और इस 6 गुणा 6 कमरे से ही कुछ महान कंपनियों में साक्षात्कार दिया और फोर्ड में चयनित हो गया। -Bhavesh Lohar from Rajasthan selection in Ford company as a software engineer
परिवार के सभी व्यक्तियों ने किया संघर्ष
भावेश अपनी सफलता का श्रेय अपनी बड़ी बहनों को देते हैं। उनका मानना है कि उनकी बहनों ने उनके सपनों को पूरा करने के लिए अपने सपने को छोड़ दिया। साथ ही उनकी मां ने घरेलू कामगार के रूप में भी काम किया। भावेश बताते हैं कि उनके परिवार के अन्य सदस्यों को भी पैसा कमाना पड़ता था क्योंकि उनके पिता की 7,000-8,000 रुपये की मासिक आय उनके कर्ज चुकाने में ही खर्च हो जाते थे। -Bhavesh Lohar from Rajasthan selection in Ford company as a software engineer
भावेश देते हैं अन्य छात्रों को सलाह
अंत में भावेश लोहार (Bhavesh Lohar) कहते हैं कि बहुत से छात्र उनसे भी कठिन परिस्थितियों का सामना करते हैं। ऐसे छात्रों के लिए भावेश कहते हैं कि आप अपना काम ईमानदारी से करते रहे क्योंकि भगवान के पास आपके लिए बेहतर योजनाएं हैं। भावेश बताते हैं कि मेरी मां ने इस दिन के लिए सालों इंतज़ार किया है।-Bhavesh Lohar from Rajasthan selection in Ford company as a software engineer