दसवीं की परीक्षा हर छात्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण होती है। उसके बाद ही हम अपने कैरियर में आगे बढ़कर अपने सपनों को पूरा कर पाते हैं। चाहे हम कोई भी बड़ी डिग्री क्यों ना प्राप्त कर ले, दसवीं की मार्क्स हमेशा जरूरी होता है। इस बात को समझते हुए बिहार की श्रीजा (Shreeja) ने 10वीं की परीक्षा में दिन-रात एक कर मेहनत की, जिससे वह 99.5% अंक प्राप्त करके अपने राज्य की टॉपर बनने में सफल हुई।
22 जुलाई को केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education, CBSE) ने 10वीं और 12वीं के रिजल्ट्स जारी की, जिसके बाद से श्रीजा के घर में खुशी का माहौल हैं। हर कोई उसकी इस सफलता से बेहद खुश है। – Shreeja from Bihar got 99.5 percent marks in the tenth examination, she facing many problems in childhood.
4 साल की उम्र में श्रीजा अपनी मां को खो दी
ऐसा मार्क्स तो पहले भी कई छात्र प्राप्त कर चुके हैं, लेकिन जिन मुसीबतों का सामना करके श्रीजा ने यह सफलता प्राप्त की हैं वह तारीफ के योग्य है। जिस उम्र में बच्चे अपनी मां का हाथ पकड़ कर दुनिया देखते हैं, उस उम्र में श्रीजा ने अपनी मां को खो दिया। दरअसल 4 साल की उम्र में श्रीजा की मां का देहांत हो गया। आमतौर पर मां के ना रहने पर पिता मां की भी जिम्मेदारी ले लेते हैं, लेकिन श्रीजा के साथ ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।
मां की मौत हुई तो पिता ने घर से निकाल दिया, दूसरी शादी कर ली. नाना-नानी के घर रहकर श्रीजा ने CBSE की 10वीं में 99.4 फीसदी नंबर लाकर बिहार में टॉप किया है.
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) July 23, 2022
नानी की बातें सुनिए और श्रीजा का चेहरा देखिए …इस हिम्मती बच्ची ने क्या कुछ महसूस किया होगा! pic.twitter.com/65HGXu7vpu
पिता अपनाने से किया इनकार तो नानी ने ली जिम्मेदारी
मां की मृत्यु के बाद श्रीजा के पिता ने उसे प्यार देने के बजाए घर से निकाल दिए। किसी भी बच्चे के लिए सबसे जरुरी उसका घर और उसके माता-पिता का प्यार होता है, लेकिन श्रीजा को इन सब में कुछ भी नहीं मिला। इतनी छोटी सी उम्र में बेसहारा हो चुकी श्रीजा को उसके नाना-नानी ने पाल-पोष कर बड़ा किया। ऐसे में कोई भी बच्चा अपना हौसला खो देता, लेकिन श्रीजा इतने दुख के बावजूद भी कठिन परिश्रम की, जिसका नतीजा है कि वह 10वीं की परीक्षा में 99.5% अंक लाई हैं। सारी सुविधाए मिलने के बावजूद भी किसी छात्र के लिए वह प्राप्त करना मुश्किल है, जो श्रीजा बिना किसी सुविधा के प्राप्त की हैं।
श्रीजा की सफलता से उसके नाना-नानी बेहद खुश हैं
श्रीजा की इस सफलता से उन्हे पाल-पोष कर बड़ा करने वाले उनके नाना-नानी बेहद खुश हैं और खुद को भाग्यशाली भी मानते हैं। बात करते हुए नानी ने कहा यह खुशियां आज किसी और के दरवाजे पर होती यदि उन्होंने श्रीजा को नहीं अपनाया होता। बता दें कि श्रीजा के पिता कभी उससे मिलने नही आए हैं। ऐसी कठिन परिस्थिति में श्रीजा की सफलता सभी के लिए मिसाल है। उम्मीद हैं कि आने वाले समय में श्रीजा ऐसे ही अपनी सफलता की कहानी लिखती रहेगी। – Shreeja from Bihar got 99.5 percent marks in the tenth examination, she facing many problems in childhood.