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पैसे नहीं थे तो बेटी ने पिता को गुरुग्राम से बिहार लाने के लिए 1200 KM की दूरी साइकिल से तय किया

वो कहते हैं ना कि “परिश्रम का फल मीठा होता है” ! कुछ ऐसा हीं हुआ है बिहार के दरभंगा की रहने वाली एक लड़की ज्योति के साथ जिसने अपनी हिम्मत और साहस का परिचय देते हुए देश में कोरोना संक्रमण बचाव हेतु लगे इस लॉकडाउन में साइकिल पर अपने बीमार पिता को बिठाकर लगभग 1200 किलोमीटर साइकिल चलाते हुए अपने घर पहुँची है ! इस हिम्मती और वीरता भरे कार्य को देखकर Cycling Federation of India ने ज्योति को एक परीक्षण प्रदान किया है !

ज्योति अपने पिता मोहन पासवान के साथ गुरूग्राम में हीं रहती थीं जहाँ उनके पिता एक किराए का ई-रिक्शा चलाते थे ! कुछ महीने पूर्व उनका एक्सीडेंट हो गया था और फिर लॉकडाउन की स्थिति के कारण उनका रिक्शा चलाने का काम भी रूक गया ! ई-रिक्शा का मालिक लगातार उन पर पैसों के लिए दबाब बना रहा था ! उस समय उनके पास मालिक को देने को तो दूर खाने तक के पैसे नहीं थे ! ऐसे में ज्योति ने मन हीं मन ये ठाना कि यहाँ रहकर भूखे मरने से अच्छा है कि हम अपने गाँव चले जाएँ ! ज्योति ने घर लौटने का निश्चय तो कर लिया पर गुरूग्राम से उनके घर की दूरी लगभग हजार किलोमीटर थी ! अपने बिमार पिता को साथ लेकर इतनी लम्बी दूरी तय करना उनके लिए बेहद कठिन था ! तभी उसे याद आया कि उसके बैंक खाते में थोड़े से पैसे बचे हैं , उसी पेैसे से वह एक पुरानी साइकिल खरीदी और उस पर अपने बिमार पिता को बिठाकर 1200 किलोमीटर दूर अपने घर को चल दीं ! यह यात्रा उसने 8 दिनों तय कर ली !

साइकिल फेडेरेशन के अध्यक्ष ओंकार सिंह ने बताया कि “अगर ज्योति परीक्षण पास कर जाती है तो वह अत्याधुनिक National Cycling Acedamy में एक प्रशिक्षु के रूप में चयनित की जाएगी ! वह कहते हैं कि उस लड़की में कुछ ना कुछ तो है , मुझे लगता है कि 1200 किलोमीटर साइकिल चलाना कोई आम काम नहीं है ! उसके अंदर अवश्य शारीरिक सशक्तता और साहस होना चाहिए ! हम उसे परीक्षण करना चाहते हैं” !

फेडेरेशन ज्योति के दिल्ली यात्रा को लेकर अपने बिहार इकाई को जल्द हीं सम्पर्क करेगा और उस यात्रा के सारे खर्चे उठाएगा ! इस यात्रा के दौरान अगर ज्योति अपने घर से किसी को अपने साथ ले जाना चाहती है उसे भी यह फेडेरेशन स्वीकार करेगा !

आर्थिक रूप से बेहद गरीब ज्योति और उसके परिवार के लिए यह एक सुनहरे अवसर जैसा है ! परिवार के सदस्यों में इस बात को लेकर खुशी है !

Shaurya is next generation youth . Involved in works like education and environment , he utilizes his leisure time. He loves to interact with change-makers and write about them through his blogs.

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