Wednesday, December 13, 2023

ऑक्सिजन मास्क पहन सड़कों पर लोगों को करते हैं जागरूक, पर्यावरण संरक्षण के लिए इस युवा ने शुरू किया अनूठा पहल

आज का भारतीय समाज पर्यावरण सुरक्षा को लेकर जागरुक हो रहा है और इसी दिशा मे नित नये प्रयास भी कर रहा है। चाहे वह शुद्ध वायु व ऑक्सीजन के लिए वृक्षारोपण हो या एक-दूसरे को उपहार स्वरुप पौधे देकर इस दिशा में जागरुकता फैलाने का प्रयास। इसी क्षेत्र मे बिहार के समस्तीपुर जिला के धरहा गांव के कुशवाहा टोल मोहल्ला मे 1988 मे जन्मे राजेश कुमार सुमन(Rajesh Kumar Suman) ने विशेष पहल करते हुए पर्यावरण सुरक्षा की दिशा मे एक अविस्मरणीय कदम उठाया है।

Rajesh Kumar Suman
सेल्फी विथ ट्री का मुहिम भी चलाये

पिता द्वारा लाये गए एनसाइक्लोपीडिया ने दी प्रेरणा

समस्तीपुर विश्वविधालय से मास्टर्स डिग्री प्राप्त कर चुके राजेश कुमार सुमन The Logically से हुई बातचीत मे कहते हैं कि – “मेरी पढ़ाई के दौरान जब मेरे किसान पिता रामसिंह महतो ने मुझे एक एनसाइक्लोपीडिया(Encyclopedia) लाकर दिया तो उसके ज़रिये मुझे ये पता चला कि पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए कम से कम 33% वनों का होना ज़रुरी है लेकिन भारत में 20% से भी कम वन हैं, बस वहीं से मुझे प्रेरणा मिली कि भले ही छोटे स्तर पर ही सही मुझे पढ़ाई के साथ-साथ ही इस दिशा मे भी कुछ करना होगा”

Rajesh Kumar Suman

पौधा रोपण करके अपना जन्मदिन सेलिब्रेट करते हैं राजेश सुमन

एनसाइक्लोपीडिया से वन संबंधी जानकारी मिलने के बाद राजेश ने पौधे लगाने का विचार कर लिया और तब से लेकर आज तक वो अपने जन्मदिन को केक काटकर मनाने की बजाये एक पौधा लगाकर इकोफ्रैंडली जन्मदिन के रुप मे सेलीब्रेट करते आये हैं।

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श्मशान घाट व स्कूलों मे करते हैं पौधा रोपण

राजेश बताते हैं – “मैं अपने जन्मदिन पर न केवल स्कूलों मे जाकर बल्कि श्मशान घाट मे जाकर भी पौधा रोपण करता हूं। यहां तक कि अपने विवाह के बाद हर साल शादी की सालगिरह के अवसर पर भी मैं और मेरी पत्नी पौधे लगाने मे किसी भी रुप में कमी नही आने देते हैं। इस काम मे मुझे हमेशा ही अपनी पत्नी व बच्चों का सहयोग मिला है जिसका मैं आभारी हूं”

Rajesh Kumar Suman Green Pathshala

सोशल मीडिया के माध्यम से पौधा रोपण के लिए जागरुक करते हैं राजेश

सोशल मीडिया के ज़रिये लोगों से जन्मदिन या अन्य किसी भी उत्सव के चलते पौधा रोपण का आग्रह करते हुए राजेश सुमन इस कार्य से होने वाले लाभों के बारे मे भी समाज को अवगत कराते हैं।

भविष्य में पर्यावरण सुरक्षा के लिए ज़रुरी है पौधा रोपण

एन्वायरमेंट कन्सर्वेशन का महत्व बताते हुए राजेश कहते है – “उदाहरण के तौर पर यदि आप अपने जन्मदिन या शादी की सालगिरह पर केक काटते हैं, आप वो खाएंगे और बात खत्म, इससे बेहतर है कि आप एक पौधा लगाए जो पेड़ बनकर आपको छाया व फल तो देगा ही साथ ही साफ हवा भी देगा, और भविष्य में उस पेड़ को देखकर आप अपने पिछले जन्मदिन को भी याद किया करेंगे, इस तरह एक नई परंपरा की भी शुरुआत होगी”

Rajesh Kumar Suman Green Pathshala

‘ग्रीन पाठशाला’ का उद्देश्य

अपने कार्य से राजेश इस तरह समाज को प्रेरणा दे रहे हैं कि वर्तमान में 200 से अधिक लोग उनकी टीम में काम कर रहे हैं और रोसरा क्षेत्र मे एक ‘ग्रीन पाठशाला’ (Green Pathshala) चला रहे हैं। राजेश बताते हैं – “ बेशक ही ये पाठशाला चलाना पूरी दुनिया मे एक अलग तरह का प्रयास है, जिसके माध्यम से हम गरीब, दिव्यांग व शोषित लड़के व लड़कियों को सरकारी नौकरियों मे अपीयर होने के लिए प्रिपरेशन करवाते हैं, फिर जब वो बच्चे गवर्मेंट जॉब पा लेते हैं तो उनसे मैं फीस के रुप में एक-एक पौधा लगवाता हूं या 32 बच्चे 18 पौधे की रीत अपनाते हुए पौधे लगवाता हूं, यही बच्चे अपने दफ्तरो में भी प्लानटेशन करने की प्रेरणा देते हैं और पौधे लगाते हैं“

मातृभूमि को हरा-भरा रखनें के लिए नित नये प्रयास करते हैं राजेश सुमन

राजेश मातृभूमि के प्रति अपने लगाव को जाहिर करते हुए कहते हैं- “आज हमारी भारत माँ प्रदूषण रुपी समस्या से जूझ रही है, ऐसे मे समाज का ये दायित्व बनता है कि उसे इस समस्या से मुक्त करवाया जाये और ऐसा केवल ढ़ेर सारे पौधे लगाने से ही संभव है, इसी मोटिव के चलते हमने ‘ग्रीन पाठशाला’ से शिक्षित हुए 5000 बच्चों को पौधा रोपण करने का संकल्प भी दिलवाया है ”

Green Pathshala
युवा से लेकर बच्चे तक इस अभियान में सरीख होते हैं

किसी उत्सव पर भी पौधे भेंट करनें की चलाई है परंपरा

The Logically से हुई बात मे राजेश कहते हैं कि – जब भी हम लोग किसी कार्यक्रम जैसे मुंडन, शादी, जन्मदिन, भोज या अन्य किसी उत्सव मे एक–दूसरे से मिलते हैं, तो उपहारस्वरुप पौधा ही देते हैं और उन्हे रोपित भी करते हैं। ऐसा ही प्रयास गणतंत्रता या स्वतंत्रता दिवस के दौरान भी किया जाता है जिसमे बच्चो को फल-मिठाई न देकर आम के पौधे दिये जाते हैं, जिसे ‘तिरंगा वाला पौधा’ कहकर संबोधित किया जाता है, एक प्रकार से ये यहां का प्रोटोकॉल बना दिया गया है।

इन तमाम कार्यों में किसी रुप से कोई आर्थिक सहायता नही मांगी जाती है, सब काम वालंटियर बेसिस पर होता है।

Rajesh Kumar Suman
ऑक्सीजन सिलिन्डर पहने हुए, राजेश सुमन

समाज में पर्यावरण संबंधी जागरुकता लाने के लिए चला रहे हैं विशेष कैम्पेन

इस कैम्पेन में राजेश जी की पीठ पर एक ऑक्सीजन सिलेंडर और एक जार लगा होता है, इसी जार मे एक पौधा लगा होता है, और उस जार से कनेक्टेड एक ऑक्सीजन मास्क भी लगा होता है जो उनकी नाक पर स्थित होता है, ये एक प्रकार का सांकेतिक डेमोस्ट्रेशन है जिसके ज़रिये वे पर्यावरण प्रदूषण और पौधों की कमी से होने वाली संभावित हानि से लोगों मे चेतना लाने की कोशिश करते हैं कि यदि समय रहते इस दिशा मे जागरुकता नही लाई गई तो उसका हानिकारक दुष्परिणाम आने वाली पीढ़ी को भुगतना पड़ सकता है और भविष्य में इसी प्रकार पीठ पर ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर घूमना पड़ेगा।

बेटी और वन को बचाने की दिशा मे भी कर रहे हैं काम

राजेश सुमन बताते हैं कि – “बेटी और वन को बचाने के महत्व को समझाते हुए हम गांव के घरों के बाहर बेटियों के सम्मान में उनके नाम से फलदार पौधा लगाते है, जिससे बेटी के विवाह उपरांत वह वृक्ष हमेशा बेटी की याद दिलाता रहे। जिसके लिए सुबह-सुबह हम अपने दो-तीन गोद लिये गांवो में जाकर ये काम करते हैं।“

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बेटी के विवाह के समय ‘फलदान’ की रस्म में भी एक नई सोच लाये हैं राजेश

बिहार में बेटियों के विवाह के समय निभाई जाने वाली रस्म ‘फलदान’ जिसमें बेटी के ससुराल पक्ष को 5 से 7 प्रकार के फल उपहारस्वरुप दिये जाते हैं, लेकिन उन फलों को केवल खा भी ससुराल पक्ष वाले ही सकते हैं ऐसे में हम लोगों से कहते हैं कि वे अपनी बेटी को कोई फलदार पौधा दें जो वो जाकर ससुराल में लगाए और उसके वृक्ष बन जाने पर बेटी व उसका परिवार उन फलों को खा सके व पेड़ की छाया ले सके”

The Logically राजेश सुमन के इस प्रयास की सराहना करता है साथ ही अपने पाठकों से भी पौधा रोपण करने की दिशा मे जागरुक होने की अपील करता है।