आजकल किसान पारंपरिक खेती से हटकर अन्य नए-नए फसलों की खेती करने पर अधिक जोर दे रहे हैं और इसकी वजह है अच्छी आमदनी। पारंपरिक फसलों की खेती की तुलना में आधुनिक फसलों से किसान भाई बेहतर कमाई कर रहे हैं। इसी कड़ी में बिहार के एक किसान गेंदा फूल की खेती से काफी चर्चा का विषय बने हुए हैं।
दरअसल, बिहार के सीवान जिले के महाराजगंज की किसान विदेशी किस्म के गेंदा फूलों की खेती (Marigold Flower Cultivation) लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं। इतना ही नहीं वे खेती के बल पर ही खुद के साथ-साथ अन्य किसानों को भी आत्मनिर्भर बनने की सीख दे रहे हैं। इसी क्रम में चलिए जानते हैं उस सफल किसान के बारें में- Bihar Siwan farmer Mohammad Shafiq earning lakhs from marigold flower cultivation.
गेंदा फूल की खेती से बन रहे आत्मनिर्भर
हम बात कर रहे हैं किसान मोहम्मद सफीक (Mohammed Shafiq) की, जो बिहार राज्य (Bihar) के सीवान जिले (Siwan District) के महाराजगंज के पुरानी बाजार के रहनेवाले हैं। वह पिछ्ले 20 वर्षों से गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं जिससे उन्हें लाखों की कमाई हो रही है। इतना ही नहीं उन्हें देखकर अन्य किसान भी उनसे खेती के गुण सीखकर गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं और आत्मनिर्भर भारत बनाने की राह पर निकल पड़े हैं।
कर रहे हैं अफ्रीकी गेंदा फूल की खेती
किसान मोहम्मद ने बताया कि गेंदा फूल के रंग और आकार के अनुसार दो प्रकार की मुख्य किस्में पाई जाती है जिसमें अफ्रीकी गेंदा और फ्रेंच गेंदा किस्म शामिल है। इन दोनों किस्मों में यदि अंतर की बात करें तो अफ्रीकी गेंदा फूल के किस्म की तुलना में फ्रेंच किस्म के पौधें छोटे होते हैं। इतना ही नहीं मार्केट में भी फ्रेंच की अपेक्षा अफ्रीकी गेंदा फूलों की काफी आधिक डिमांड रहती है।
इसके अलावा किसान भाई अफ्रीकी गेंदा फूल के किस्म की खेती से कम लागत भी अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। (Marigold Farming) इससे कमाई भी अच्छी होगी। इन्हीं सब फायदें को देखते हुए मोहम्मद सफीक भी अफ्रीकी गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं ताकि कम लागत खर्च करके अधिका आमदनी कमा सके। Bihar Siwan farmer Mohammad Shafiq earning lakhs from marigold flower cultivation.
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एक साल में करते हैं तीन बार गेंदे की खेती
बता दें कि, किसान मोहम्मद मौसम को ध्यान में रखते हुए साल में तीन बार गेंदा फूलों का उत्पादन करते हैं जिसमें से एक बार अफ्रीकी गेन्दा की किस्म की खेती (African Marigold Cultivation) करने में उन्हें महज 40 हजार रूपये के खर्च पर एक लाख की कमाई होती है। इस प्रकार साल में तीन बार इसकी खेती करने में एक से सवा लाख रुपये तक का खर्च आता है जबकी 3 से साढ़े तीन लाख की कमाई होती है।
3 माह में ही तैयार हो जाता है अफ्रीकी गेंदा का फूल
अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि अफ्रीकी गेंदा फूल की खेती के लिए बीज का प्रबंध कहां से और कैसे होता होगा। ऐसे में बता दें कि, मोहम्मद इसकी खेती के लिए कोलकाता से मंगवाते हैं जिससे पौधें को तैयार करते हैं। उसके बाद जब पौधें तैयार हो जाता है तब उसे खेतों में लगा दिया जाता है। पौधें लगाने के तीन माह बाद ही आप देखेंगे कि अफ्रीकी गेंदा फूल मार्केट में बिक्री होने के लिए तैयार हो चुके हैं।
लीज पर जमीन लेकर कर रहे हैं गेंदा फूल की खेती
20 वर्षों से फूलों की खेती करनेवाले मोहम्मद सफीक (Farmer Mohammed Shafiq) गेंदा फूलों की खेती (Marigold Flower Farming) करने के लिए लीज पर 2 बीघा जमीन लिया है जिसके लिए उन्हें जमीन के मालिक को सालाना 10 हजार रुपये देना पड़ता है। फूलों की खेती के बारें में बताते हुए उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज भी खेती करते थे और उन्हीं से उन्होंने खेती के गुण सीखा है।
खेती से ही चलाते हैं घर-परिवार का खर्च
उन्होंने बताया कि, फूलों की खेती के लिए कभी भी उन्हें न तो बैंक से लोन मिला है और न ही सरकारी सब्सिडी का लाभ। लेकिन यदि सरकार से उन्हें कभी सब्सिडी या लोन मिलती है तो वह आनेवाले समय में 10 एकड़ भूमि पर गेंदा फूल की खेती करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि, वे खेती से ही अपने परिवार के 20 सदस्यों का जीवनयापन करते हैं।