Wednesday, December 13, 2023

बिहार के इस युवा ने बनाया गोबर से गमला, अनेकों फायदों के साथ ही किया लाखों की कमाई

हिंदू धर्म में गाय और गाय के गोबर का बहुत महत्व है। गाय को मां कहां जाता है और उनकी पूजा की जाती है। गाय के गोबर का उपयोग पूजा-पाठ में किया जाता है। गाय के गोबर से उर्वरक का निर्माण भी होता है जो हमारे खेतों में फसलों के उत्पादन में अधिक लाभकारी होता है। कुछ हीं दिन पहले दीवाली के वक्त गाय के गोबर का उपयोग कर दिया भी बनाया गया था। आज हम आपको एक युवक के बारे में बताएंगे जिन्होंने गाय के गोबर से जैविक गमला बनाकर एक अलग पहचान बनाई है।

जैविक गमला निर्माण करने वाले राकेश

राकेश कुमार (Rakesh Kumar) बेगूसराय (Beguasrai) जिले के एक छोटे से गांव गोविंदपुर (Govindpur) से संबंध रखते हैं। वह अपने गांव में गाय के गोबर से जैविक गमले का निर्माण कर रहे हैं। वह पहले अच्छी-खासी कंस्ट्रक्शन लाइन का जॉब कर रहे थे। कुछ वर्षों तक इन्होंने जॉब किया और जब वह वर्ष 2017 में अपने गांव आए तो वहां उन्होंने पशुपालन और कृषि को चुना फिर इसकी शुरुआत की। आगे उन्होंने सफलता हासिल की और अब वह लगभग डेढ़ दर्जन गायों का पशुपालन किया है।

Pot made for cow dung

शुरू किया गमले का निर्माण

उनका मानना है कि जिस तरह लोग गाय के दूध से पैसे कमाते हैं उससे कई गुना अधिक इसके गोबर से भी पैसे कमा सकते हैं। इसलिए उन्होंने गोबर से जैविक गमले का निर्माण करना वर्ष 2020 में शुरू किया। उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि हमारे शास्त्रों में गाय के प्रत्येक चीज की अपनी एक अलग हीं महत्ता है। हम गौ की जितनी सेवा करते हैं हमें वह उतना अधिक फल देती हैं। हम अगर गाय के दूध से अधिक से अधिक वैरायटी को तैयार कर सकते हैं तो गाय के गोबर से भी हम अधिक वैरायटी तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं।

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1 क्विंटल में बनता है 64 पीस गमला

गमले के निर्माण के लिए यह मशीन गुजरात से लाए हैं और इसमें अन्य प्रकार के सामग्रियों को मिलाकर गमले का निर्माण किया जाता है। गमले के निर्माण में लगभग 1% लकड़ी का बुरादा, मिट्टी 2% चुना, 10% नीम की खल्ली और सबसे अधिक 73% गोबर को मिलाकर सामग्री का निर्माण किया जाता है और इससे गमले तैयार होते हैं। लगभग 1 क्विंटल सामग्रियों में 65 पीस जैविक गमले निर्मित किए जाते हैं।

Pot made for cow dung

15 रुपये है कीमत

शुरुआती दौर में उन्होंने लगभग 4 हजार गमले का निर्माण किया। वह इस गमले को बिना किसी कलाकारी के मात्र 15 रुपये में बेचते हैं। इस गमले की एक खास बात यह है कि वह टूटता नहीं है। वहीं अगर हम मिट्टी के गमले का उपयोग करें तो वह गिरकर टूट सकता है। उनकी यह ख्वाहिश है कि हमारे देश में सभी व्यक्ति इस गमले का उपयोग कर उसमें सब्जियां ताकि वह ऑर्गेनिक गमले के माध्यम से ऑर्गेनिक सब्जियां उगा कर हिष्ट-पुष्ट और तंदुरुस्त रहे।

राकेश द्वारा बनाए गए गमले का वीडियो यहां देखें

बने हैं अध्यक्ष

वर्ष 2018 में वह किसान ग्रुप के अध्यक्ष के लिए नियुक्त हुए। उनका उद्देश्य सभी किसानों को जागरूक कर खेती से जोड़ना है। वह चाहते हैं कि सभी किसान जैविक खाद का उपयोग कर फसलों को उगाए। साथ हीं जैविक गमले का निर्माण करें। उनका उद्देश्य है कि लोग गौ पालन कर उसके दूध और गोबर से भी अधिक लाभ कमा सकें। आगे उनका लक्ष्य है कि वह गाय के गोबर से अगरबत्ती, मूर्ति, दीप आदि का निर्माण कर सकें।

अपने नई तकनीक से गाय के गोबर से जैविक गमले का निर्माण करने और अन्य किसानों को जागरूक करने के लिए The Logically राकेश जी को सलाम करता है।