आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है। विश्व में आपको ऐसे अनेकों उदाहरण देखने को मिल जाएंगे जहां जरुरत पड़ने पर एक मामूली इन्सान भी कोई नया आविष्कार कर देता है। हाल ही में एक बार फिर एक भारतीय शख्स ने इस कहावत की सच साबित कर दिखाया है। जी हाँ, दिव्यांग बेटी को मां के हाथ से खाना खाने की कमी महसूस न हो और वह रोजाना समय से भोजन कर सके, इसके लिए एक पिता ने “मां रोबोट” (Maa Robot) का आविष्कार कर दिया है।
कौन है वह शख्स?
यह कहानी है बिपिन कदम (Bipin Kadam) की, जो मूलरुप से महाराष्ट्र (Maharastra) के सिंधूदुर्ग जिले के रहनेवाले हैं लेकिन वर्तमान में वे गोवा (Goa) में रहते हैं। वह एक मशीन बनानेवाली कम्पनी में नौकरी करते हैं और उन्हें मशीनों से बेहद लगाव है। उनके पिता एक किसान हैं ऐसे में आप समझ सकते हैं कि घर की स्थिति कैसी होगी। घर में आर्थिक समस्याओं का बसेरा होने की वजह से बिपिन की शिक्षा महज 10वीं कक्षा तक ही सिमट कर रह गई और वे आगे की पढ़ाई नहीं कर सके।
आर्थिक तंगी और पढ़ाई पूरी होने के बाद नौकरी के लिए गोवा जाने का फैसला किया और वहां एक मशीन बनाने की कम्पनी में हेल्पर के तौर पर काम करने लगे। कुछ समय नौकरी करने के बाद अब वह कम्पनी में 3D Designing और CNG Programmer के रूप में कार्यरत हैं। महज 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई करने के बाद भी उनमें हर दिन कुछ नया सीखने की इच्छा जागृत थी और इसिलिए आज वह हार्डवेयर और सॉफ़्टवेयर सम्बन्धी कई चीजें खुद के बलबुते पर सीखी है।
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बेटी के लिए बना दिया मां रोबोट
आपको जानकार हैरानी होगी कि महज 10वीं कक्षा तक पढ़े-लिखे बिपिन ने अपनी 14 वर्षीय दिव्यांग बेटी प्राजक्ता के लिए एक रोबोट का आविष्कार किया है जिसका नाम “मां रोबोट” (Maa Robot) रखा है। महज 12 हजार की लागत से बना मां रोबोट बहुत ही कारगर है। इसके जरिये हर दिव्यांग बच्चा खुद से खाना खाने में सक्षम हो सकेंगे। Bipin Kadam from Goa Made Maa Robot for his disabled daughter.
कैसे आया माँ रोबोट बनाने का ख्याल
दरअसल, बिपिन को मशीनों से काफी अधिक लगाव है और उनका सपना है कि वह पूरी दुनिया का सबसे बड़ा रोबोट का आविष्कार करें। अपने इसी सपने को हकीकत में बदलने के लिए वे अक्सर उसके डिजाइन और हार्डवेयर से सम्बन्धित शोध करते रहते हैं। इसी दौरान एक दिन उनका ध्यान अपनी बेटी पर गया जो दिव्यांग हैं। उन्होंने देखा कि उनकी पत्नी घर के कामों में व्यस्त होने की वजह से अपनी बेटी को कभी-कभी समय पर खाना नहीं खिला पाती थी।
बिपिन की बेटी प्राजक्ता खुद से अपना एक भी काम करने में सक्षम नहीं है जिस वजह से उन्हें अपने सभी कार्यों के लिए परिवारवालों पर निर्भर रहना पड़ता है। उनकी स्थिति का अंदाजा आप इससे लगा सकते कि वह खुद से खाना खाने में भी असमर्थ हैं। बेटी को अपने हर काम के लिए औरों पर निर्भर होने के साथ ही अन्य कई समस्याओं को देखते हुए बिपिन ने उसके निर्भरता को कुछ कम करने का विचार किया।
वह चाहते थे कि, वे कुछ ऐसा करें जिससे उनकी बेटी कम-से-कम खाने के लिए दूसरे पर निर्भर न रहे। इसी सोच के साथ उन्होंने रोबोट बनाने का फैसला किया। उसके बाद से ही वे रोबोट बनाने में जुट गए औए उनकी मेहनत रंग लाई। उन्होंने मां रोबोट (Maa Robot) का आविष्कार करने में सफलता हासिल की। Bipin Kadam from Goa made Maa Robot for his disabled daughter.
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कैसे काम करता है यह मां रोबोट?
बिपिन द्वारा बनाए गए माँ रोबोट (Maa Robot) साउंड पर काम करता है जिसके सामने चावल कहने पर वह चावल खिलाता है। बता दें कि, खाने के अलग-अलग डिशेज के नाम को फीड किया गया है जैसे चावल, दाल जैसे अन्य कई नाम शामिल हैं। इसके साथ ही उसके आगे भाग में कटोरी और चम्मच भी लगाया है। बिपिन ने माँ रोबोट का दूसरा मॉडल भी बनाया है जो बटन से संचालित होता है। उसमें एक सीट लगी हुई है ताकि बच्चों को मां की कमी का एहसास न हो।
दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए बनाना चाहते हैं रोबोट
इस अनोखे आविष्कार के बाद उन्हें गोवा सरकार के उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से प्रदर्शनी में भाग लेने के लिए आमंत्रण दिया गया था। उस प्रदर्शनी में बिपिन ने मां रोबोट (Maa Robot) के बारें में उन्हें जानकारी दी जो उनसभी को काफी पसंद आया। अब बिपिन का सपना है कि दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए भी अन्य रोबोट्स का आविष्कार करें जिससे उनकी लाइफ आसान हो सके।
महज 10वीं कक्षा तक की शिक्षा ग्रहण करने के बावजूद भी बिपिन ने जिस तरह मां रोबोट (Maa Robot) का आविष्कार किया है वह काबिले तारिफ है। The Logically इस आविष्कार के लिए उन्हें ढेर सारी बधाई देता है।