हमलोगों ने अक्सर यह देखा और सुना होगा कि धान और गेंहू की फसल कट जाने के बाद पराली को किसान जला दिया करते हैं। इस पराली को जलाने से काफी मात्रा में प्रदूषण निकलता है, जो कि बहुत हम सभी के लिए बहुत हीं घातक होता है। इस वायू प्रदूषण की वजह से लोगों को सांस संबंधी कई तरह के दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए एक शक्स ने ऐसी जुगाड़ लगाई है, जो पराली का इस्तेमाल करके प्लाईवुड का निर्माण करते हैं। जिससे पराली को बिना जलाए उसे सही काम में उपयोग किया जा सकता है।
तो आइए जानते हैं उस शख्स और उनके कारोबार से जुड़ी सभी जानकारियां-
कौन है वह शख्स?
हम बात कर रहे हैं बी. एल. बेंगानी (Bl Bengani) की, जो मूल रूप से चेन्नई (Chennai) के रहने वाले हैं तथा वह स्टार्टअप इंडोवुड डिजाइन टेक्नोलॉजी के संस्थापक हैं। उनकी उम्र लगभग 61 साल है। वह 1972 में कोलकाता आए थे। उनके पिता एक जूट मील में काम करते थे, जिसमे उनकी कमाई अच्छी नहीं थी और उन दिनों बहुत मुश्किल से हीं उनका परिवार अपना गुजर-बसर कर पाता था। उन्होंने अपने मेहनत और आत्मविश्वास से अपने जीवन में सफलता की नींव रखी थी और आज के समय में वह बड़ी उपलब्धि हासिल करने में सफल रहे हैं।
पहले 100 रूपये पर करते थे काम
कोलकता में अपने परिवार के साथ रह कर पढाई करने वाले बी. एल. बेंगानी (Bl Bengani) ने आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण अपने परिवार की मदद के लिए 10वीं क्लास के पढाई के बाद से हीं काम करना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने एक कॉलेज में दाखिला ले लिया, वह दिन में काम करते थे और शाम को अपनी पढ़ाई करते थे और इसी तरह उन्होंने अपनी बीकॉम की पढ़ाई पूरी कर ली। उन्होंने अपने काम की शुरुआत के ऑफिस ब्वॉय के तौर पर की थी। उस वक्त उन्हें प्रति महीने महज 100 रुपये मिलते थे। इसके बाद वे साल 1987 में अच्छी नौकरी की तलाश में कोलकत्ता से चेन्नई आ गए, जहाँ उन्होंने एक कंपनी में अकाउंटेंट की पोस्ट पर काम किया था।
खुद की बना ली कंपनी
चेन्नई में अकाउंटेन्ट की नौकरी करने के बाद उन्होंने (Bl Bengani) अपनी नौकरी बदल दी, तब वे एक प्लाईवुड कंपनी में मार्केंटिग का काम संभालने लगे। ऐसे में सालों तक प्लाईवुड कंपनी में काम करने के बाद उन्होंने अपनी कंपनी खोलने का फैसला लिया। उन्हें प्लाईवुड से जुड़ी सभी तरह की जानकारियां हासिल हो चुकी थी। ऐसे में उन्होंने साल 1997 में दूसरे देशों को हाई क्वालिटी प्लाईवुड बोर्ड सप्लाई करने का काम शुरू कर दिया। वह खुद भी प्लाईवुड की खरीद करके उसे दूसरे देशों में बेचा करते थे। बाद में उन्होंने वर्ष 2010 में अपने बेटे को अपनी कंपनी चलाने की जिम्मेदारी सौंपी। साल 2014 तक उनकी कंपनी का सालाना टर्नओवर करोड़ों तक पहुँच चुका था।
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पर्यावरण बचाने के लिए शुरू किया खुद का स्टार्टअप
बी. एल. बेंगानी (Bl Bengani) ने सोचा कि अगर पर्यावरण के दृष्टिकोण से देखा जाए तो प्रत्येक साल जलने वाले पराली से वायू प्रदुषित होता है और प्लाईवुड का काम करने वाले लोग पेड़ की लकड़ियों का इस्तेमाल करते है, जिसके चलते कितने पेड़ों को काटना पड़ता है। इन सबका असर हमारे पर्यावरण पर होता है। इसलिए इस बात को ध्यान में रखते हुए उन्होनें अपना खुद का स्टार्टअप बिजनेस शुरु करने का मन बनाया और अपना स्टार्टअप का काम शुरु किया। उनके कामों को सफल बनाने में उनके बेटे वरुण बेंगानी और बेटी प्रियंका कुचेरिया ने उनका साथ दिया। वह आज के समय में अपने स्टार्टअप के जरिये पराली का सदुपयोग करते हुए उससे प्लाई वूड बनाने का काम शुरु कर दिए हैं।
लोगों के लिए बने प्रेरणा
अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत बड़ी सफलता हासिल करने वाले बी. एल. बेंगानी (Bl Bengani) ने तमाम परेशानियों को झेलने के बाद आखिरकार पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए रास्ता निकालने का काम किया है। दुसरी तरफ उनके संघर्ष से यह भी प्रेरणा मिलती है कि अगर खुद पर भरोसा रखते हुए सही दिशा में मेहनत किया जाए तो सफलता जरुर हासिल होती है
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