Sunday, December 10, 2023

काले गेहूं के फायदे ने किसान को बनाया मालामाल, 12 राज्यों से आ रहा है डिमांड

किसानी के बारे में हम सभी ने बहुत कुछ सुना भी है और देखा भी है। कुछ किसान पारंपरिक तरीके से फसलो की खेती करते हैं तो कुछ अलग नये-नये तरीको का इस्तेमाल कर खेती से लाखों का मुनाफा कमाते हैं। हमारे किसान भाई धान, गेहूं की फसल, सब्जियां तथा ऐसे ही कई भिन्न-भिन्न प्रकार के फसलों का उतपादन करते हैं और उससे अच्छी-खासी आमदनी भी कमाते हैं। अब तक अधिकांश किसान भाई सिर्फ सामान्य गेहूं की खेती करते आए हैं परंतु आज हम आपको एक ऐसे किसान के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं जो काले गेहूं की खेती कर मालामाल हो गया। उसके लिये काला गेहूं सोना बन गया।

आइये जानते है उस किसान के बारे में

विनोद चौहान (Vinod Chauhan) मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के धार जिले के सिरसौदा के रहनेवाले हैं। वह रबी की फसल के एक ही सीजन में मालामाल हो गये हैं। विनोद ने परंपरागत तरीके से खेती न कर के अलग तरीके से खेती की। इसकी वजह से विनोद के खेत में उपजे गेहूं की एक साथ 12 राज्यों में डिमांड हो रही है।

 Black wheat farming

विनोद ने सामान्य गेहूं के बजाय काले गेहूं की खेती की। काले गेहूं ने इनकी किस्मत को परिवर्तित कर दिया। विनोद ने 20 बीघा भूमि पर काले गेहूं की खेती की थी। जब काले गेहूं की फसल पककर तैयार हो गई तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। उनके पास इस दुर्लभ काले गेहूं को खरीदने के लिये 12 राज्यों में मांग हो रही है।

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विनोद चौहान (Vinod Chauhan) ने मिडिया से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने 20 बीघा भूमि पर 5 क्विंटल काले गेहूं की बुआई की थी। इससे 200 क्विंटल काले गेहूं का जबरदस्त उत्पादन हुआ। काले गेहूं में सामान्य गेहूं के अपेक्षा अधिक आयरन होता है। इसमें अधिक पोषक तत्व पाये जाते हैं। काले गेहूं में अधिक पौष्टिकता होने की वजह से इस गेहूं को खरीदने के लिये 12 राज्यों से विनोद के पास फोन आ रहे हैं। पौष्टिकता होने की वजह से सामान्य गेहूं के अपेक्षा दुगुनी दामों में इसकी बिक्री हो रही है।

Vinod Chauhan Black wheat farming

विनोद चौहान ने परंपरागत तरीके खेती न कर के अलग तरीके से खेती करने का तरीका यू ट्यूब से सीखा। विनोद खेती में कुछ हटकर करना चाहते थे। एक बार विनोद को यूट्यूब पर काले गेहूं की खेती करने के बारे में जानकारी मिली। जानकारी मिलने के बाद विनोद ने कृषि विशेषज्ञों (Agricultural Expert) से सम्पर्क किया। उसके बाद उन्होंने अपने बीस बीघे जमीन पर काले गेहूं की खेती करना आरंभ किया।

मध्यप्रदेश कृषि विभाग (Madhya Pradesh Agriculture Department) के उप संचालक RL जामरे ने कहा कि काले गेहूं की बुआई की प्रक्रिया को स्वयं कृषि विभाग ने भी आरंभ नहीं किया है। विनोद चौहान ने इस खेती को अपनाया है और इसका रिजल्ट भी बेहतर रहा। ऐसे में कृषि विभाग भी विनोद चौहान से काले गेहूं की खेती करने का हुनर सिखेगा। काला गेहूं डायबीटीज के मरीजों के लिये बेहद लाभदायक होता है।

The Logically विनोद चौहान को काले गेहूं की खेती और उसके सफलता हासिल करने के लिये बधाई देता है।