दीपावली महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। लोग अपने घरों को सजाने के लिए दीप, मोमबत्ती, झालर और रंगोली जैसे सामान खरीद कर अपने घर को सजाते हैं। इस वर्ष जब लोग अपने घर को सजाने के लिए समान खरीद रहे हैं तो इसी बीच कुछ नेत्रहीन स्कूल के बच्चे अपने हाथों से मोमबत्ती बना रहे हैं जिससे लोगों का घर रोशन को सके।
नेत्रहीन बच्चे बना रहे मोमबत्ती
यह भी पढ़ें:-भारत के सबसे बड़े दानवीर जिन्होंने हर दिन दान किए 3 करोड़ रुपए, जानिए इनके बारे में
इस दिवाली कुछ स्कूल के नेत्रहीन बच्चे लोगों के घर को रौशन करने के लिए अपने हाथों से मोमबत्तियां बना रहे हैं। इन नेत्रहीन बच्चों की दुनिया तो वैसे ही अंधकार है परंतु वह दूसरे के घरों को रौशन करने में जुटे हैं। यह बच्चे अपने हाथों से बनाई हुई मोमबत्तियों की रौशनी तो नहीं देख सकते परंतु महसूस जरुर कर सकते हैं।
दो माह पहले से ही शुरु कर देते मोमबत्ती बनाना
चंडीगढ सेक्टर 26 में रहने वाले स्कूल के नेत्रहीन बच्चे दीपावली से लगभग 2 महीने पहले से ही मोमबत्ती बनाना शुरु कर देते हैं जिससे दिवाली आते-आते काफी सारे मोमबत्ती बन जाए और यहां के लोगों का घर रौशन हो सके। जब दिवाली नजदीक आ जाती है तो इन नेत्रहीन बच्चो द्वारा बनाई हुई मोमबत्ती बाजारों में जोर शोर से बिकने लगती है। वहां के रहने वाले लोग भी इन्हीं बच्चे के बनाए हुए मोमबत्ती खरीदते हैं।
यह भी पढ़ें:-अब अमरूद के पत्तियों से भी उगा सकते हैं अमरूद का पेड़: तरीका जानिए
लोगों का प्रतिक्रिया
चंडीगढ़ के लोग बताते हैं कि इन नेत्रहीन बच्चो द्वारा की गई मेहनत काफी सराहनीय है आज हम लोग इन बच्चों के बनाई हुई मोमबत्ती को खरीदते हैं तो अंदर से एक अपनापन जैसा महसूस होता है और काफी खुशी होती है। ये नेत्रहीन बच्चे इस चकाचौंध से दुनिया को देख नहीं सकते हैं फिर भी वे दूसरों के घरों को रौशन करने के लिए इतनी मेहनत करते हैं। इन नेत्रहीन बच्चों के द्वारा किए गए यह कार्य काफी सराहनीय है