21 वीं शताब्दी में भारत विकास की नई ऊँचाईयाँ गढ रहा है ! चाहे वह तकनीक का क्षेत्र हो , चाहे विज्ञान का क्षेत्र हो , आर्थिक क्षेत्र हो या आधारभूत संरचना के विकास का क्षेत्र हो , भारत हर क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है ! इसी बीच भारत ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे चीने से भी ज्यादा बड़ा वाटर टनल बना रहा है !
भारत अपनी सीमावर्ती और आंतरिक ढाँचे को मजबूत , सुगम और बेहतर बनाने में लगा है ! सीमावर्ती क्षेत्र में चीन की जबरदस्ती को देखते हुए अरूणाचल प्रदेश से असम आने वाली सड़क को मजबूत करने के प्रयास तेज कर दिया गया है ! केन्द्र की सरकार ने ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे 14.85 किलोमीटर की वाटर टनल बनाने को सैद्धान्तिक मंजूरी दे दी है ! यह भारत की पहली वाटर टनल होगी जो नदी के नीचे बनेगी ! गौर करने वाली बात यह है कि यह चीन की ताइहू झील के नीचे बन रही वाटर टनल से अधिक लम्बी होगी !
असम के गोहपुर से नुमालीगढ को जोड़ने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे चार लेन की सड़क टनल बनाया जाना है ! इस योजना के लिए अमेरिका की कम्पनी ने नदी के नीचे तैयार की जाने वाली टनल की डिटेल प्रोजेक्ट रेपोर्ट को सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के सार्वजनिक उपक्रम राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड ने मंजूरी दे दी है !
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लगभग 15 किलोमीटर लम्बे बनने वाले इस वाटर टनल काफी मायने में महत्वपूर्ण है ! इस टनल से सैन्य वाहन और हथियारों से लैस गाड़ियाँ लगभग 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी साथ हीं भारत के दो राज्यों यह असम और अरूणाचल प्रदेश को जोड़ने में बेहद मददगार साबित होगा ! सूत्रों ने बताया है कि इस योजना से जुड़ी सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और संभवत: दिसम्बर से इस पर कार्य शुरू हो जाएगा ! यह भारत के सीमा सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी अहम योजना है ! यह योजना बढते हुए भारत का द्योतक है !