आज भी हमारे समाज में बहुत से ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने हमारे देश के लिए बहुत कुछ किया हैं।उनलोगो में काबिलियत कूट-कूट के भरी हैं।परन्तु विडंबना ये है कि बहुत से लोगो को उनके काबिलियत के बारे में पता ही नही हैं या हम ये कह सकते है कि वो जानते ही नहीं हैं।
महान शिल्पकार राम वनजी सुतार जी के नाम से हम सब वाकिफ हैं।92 वर्ष की आयु में उन्होंने विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति बना कर अपने आप को हमेशा के लिए इतिहास के पन्नो में अमर कर लिया।इस उम्र में भी आने के बाद भी सुतार जी की कारीगरी काबिले तारीफ हैं।
सुतार जी को तो हम सब जानते हैं।पर उन्ही की तरह काबिलियत रखने वाली एक और शिल्पकार है जो अब इन संसार मे तो नही है परंतु उन्होंने अपने अंतिम सांस तक भारत के मूर्तिकला को नया आयाम देना चाहा।परन्तु सबसे दुखद ये है कि कोहिनूर सी चमक रखने वाली इस शिल्पकार के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं।
“द ब्रॉन्ज वीमेन”का परिचय:-
जसुबेन शिल्पी गुजरात की रहने वाली थी।उनका जन्म 10 दिसंबर 1948 को हुआ था।जसुबेन ने अपने पूरे करियर में 700 से अधिक मूर्तियां बनाई थीं। जसुबेन कि मूर्तियां भारत में तो लगी ही हैं साथ ही साथ बाहर कई देशों में भी लगी हैं।जसुबेन की खासियत ये है कि जसुबेन को ब्रोंज यानी कास्य की मूर्तियां बनाने में महारत हासिल थी।जसुबेन को “द ब्रॉन्ज वीमेन ऑफ इंडिया”के नाम से भी जाना जाता हैं।
जसुबेन ने अपने पूरे जीवनकाल में लगभग 225 बड़ी मूर्तिया और 525 अर्धप्रतिमाये बनाई है।जिसमे गांधी जी,वल्लभभाई पटेल,झांसी की रानी,स्वामी विवेकानंद साथ ही साथ देवी देवताओं की भी मूर्तिया शामिल हैं।जसुबेन की एक और उपलब्धि ये भी हैं कि साल 2005 में उनका नाम”लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स”में दर्ज हुआ हैं।
अनगिनत है जसुबेन कि उपलब्धिया:-
जसुबेन की उपलब्धियां अनगिनत हैं।जसुबेन को उनके काम के लिए बहुत सारे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवार्डों से नवाजा गया हैं।जैसे:-“द मिरेकल्स वर्ल्ड रिकॉर्ड सर्टिफिकेट”,”वीमेन ऑफ द ईयर”,”अब्राहम लिकंन आर्टिस्ट अवार्ड-यूएसए”इत्यादि।साथ ही साथ जसुबेन के नाम देश की सबसे बड़ी कास्य प्रतिमा बनाने का रिकॉर्ड भी हैं।ये प्रतिमा भगवान हनुमान जी की हैं जो कि जोधपुर,राजस्थान में लगी हुई हैं।
हर एक प्रतिमा मिसाल हैं:-
जसुबेन की बनाई हुई हर एक प्रतिमा किसी मिसाल से कम नहीं हैं।गुजरात के बाहर भी जसुबेन ने अपनी कलाकिरीति दिखाई है जैसे-राजस्थान, महराष्ट्र, कर्नाटक,बिहार,तमिलनाडु,केरल तथा उत्तरांचल में भी जसुबेन की बनाई हुई प्रतिमाएं प्रसिद्ध हैं।देश के साथ साथ जसुबेन ने अपना परचम विदेश में भी लहराया हैं।शिकागो,फ्लोरिडा यूनवर्सिटी में लगी गांधी जी की अदभुत प्रतिमा का श्रेय जसुबेन को जाता हैं।साथ ही साथ केरोलिन में लगी किंग मार्टिन लूथर की सुंदर प्रतिमा का श्रेय भी जसुबेन को जाता हैं।
सपना पूरा होने से पहले ही दुनिया को कहा अलविदा:-
जसुबेन का सपना था कि वो एक ब्रोंज म्यूजियम की स्थापना करें और इसे अपने देश को समर्पित करें।परंतु किस्मत को कुछ और ही मंजूर था जसुबेन ने तब दुनिया को अलविदा कहा जब उनकी अपनी म्यूजियम “जसु शिल्पी स्टूडियो” पुड़ी तरह से बनी भी नही थीं।
14 जनवरी 2013 को 64 वर्ष की आयु में दिल का दौरा पड़ने की वजह से उनका निधन हो गया। जसुबेन के बेटे ध्रुव का कहना है कि निधन के एक दो दिन पहले तक जसुबेन स्वस्थ थी और अपने प्रोजेक्ट पर दिल लगा कर काम कर रही थीं। जसुबेन के विरासत को और अधूरे काम को अब उनके बच्चे धुर्व और धरा आगे बढ़ा रहें हैं।
The Logically ऐसी विशाल शख्सियत को नमन करता हैं और उनके बच्चों को उनके आने वाली अच्छे भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हैं।