Wednesday, December 13, 2023

माता-पिता के देहांत के बाद चंदा इकठ्ठा कर लोगों ने पढाया: चेतन NEET 2020 निकाल चुके हैं, बनेंगे डॉक्टर

यदि किसी कार्य में आप सफलता हासिल करना चाहते हैं तो सर्वप्रथम आपको अपने मन को शांत और एकाग्रचित्त करना पड़ेगा। साथ ही अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए परिश्रमी होना भी जरूरी है। आज की यह कहानी एक परिश्रमी और लक्ष्य के लिए मन को केंद्रित करने वाले गुदड़ी के लाल की है। इनके माता और पिता का जब निधन हुआ तब ये थोड़े अकेले हो गए लेकिन इनके चाचा और समाज के व्यक्तियों ने इनकी काफ़ी मदद की। इनका लक्ष्य डॉक्टर बनना है और यह इसकी तैयारी में लगें हैं।

बूंदी जिले के चेतन चावला

चेतन चावला (Chetan Chawala) बूंदी (Bundi) जिले से ताल्लुक रखते हैं। इन्होंने विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए नीट (NEET) की परीक्षा में इस साल सफलता हासिल किया है। आगे सरकारी मेडिकल कॉलेज (Goverment Medical Collage) में दाखिला लेकर एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई करने जा रहे हैं। इन्होंने नीट की परीक्षा में 720 में से 610 मार्क्स लाकर सभी विद्यार्थियों के लिए उदाहरण पेश किया है। अपने ST कैटेगरी में 276वें नंबर पर है।

Chetan Chawala neet topper

नहीं है सर पर पेरेंट्स का हाथ

अपने इस रिजल्ट की सफलता से चेतन खुश तो है लेकिन यह अपने माता-पिता को बहुत याद करते हैं। इनके माता-पिता का इंतकाल हो चुका है। इनकी मां ममतेश बाई (Mamtesh Bai) का इंतकाल बीमारी के कारण हुआ और 4 वर्ष पूर्व पिता कन्हैया राम (Kanhaiya Ram) का इंतकाल एक दुर्घटना के दौरान हुआ था। लेकिन कहते हैं ना अगर कोई आपको छोड़कर जाता है तो आपको देखभाल के लिए किसी का साथ जरूर मिलता है। इनके चाचा गजेन्द्र (Gajendra) ने उन्हें पढ़ाने के लिए बहुत मेहनत की और समाज के कुछ लोगों ने भी पैसे इकट्ठे कर इनकी पढ़ाई में मदद की। चेतन का एक बड़ा भाई है जो ऑटो चलाता है। इससे जो पैसे आते हैं, उससे इनका जीवन यापन होता है। इनकी एक छोटी बहन है जो इनके दादा-दादी के साथ रहती है।

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कोटा जाकर किये पढ़ाई

वैसे तो माता-पिता के इंतकाल के बाद इन्हें इनके चाचा ने संभाला। जब यह अपने चाचा को बताएं कि आगे पढ़ना चाहते हैं और डॉक्टर बनना चाहते हैं तब इनके चाचा ने मेडिकल की तैयारी के लिए उन्हें कोटा भेजा। डॉक्टर बनने का सपना लिए जब चेतन कोटा पहुंचे तब वहां के एलेन (ALLEN) कोचिंग संस्थान की प्रबंधन टीम ने इनकी आर्थिक स्थिति और सारी बातें सुनकर इनकी फीस हाफ कर दी। चाचा के साथ समाज के कुछ व्यक्तियों ने इनके पढ़ाई के लिए पैसे इकट्ठे किए, फिर इन्होंने कोटा में रहकर अपनी पढ़ाई शुरू की। सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वहां के टीचर तो अच्छे थे ही बल्कि जो विद्यार्थी थे उन्होंने भी इनकी पढ़ाई में खूब मदद की। यह अपनी मेहनत और लोगों की मदद से पढाई कियें फिर इनकी सफलता रंग लाई और यह NEET की परीक्षा में सफल हुए।

माता-पिता को खोने के बाद भी अपनी मेहनत से सफलता प्राप्त करने के लिए The Logically चेतन को बधाई देता है और यह अच्छे डॉक्टर बनें इसके लिए दुआ करता है।