देश के वीर सिपाहियों के गुणगान में शब्दों की कमी होना स्वाभाविक है क्योंकि उनके अदम्य साहस के सामने हर मुश्किल छोटी हो जाती है। वे ऐसे जांबाज सैनिक होते हैं, जो जंग में सीने पर गोली खाते हैं और देश की रक्षा खातिर अपना सर्वस्व लुटाते हैं।
आपने देश पर मर-मिटने वाले वीर सैनिकों के बारे में कई बार सुना या पढ़ा होगा। इस लेख के माध्यम से हम आपको एक ऐसे वीर सिपाही के बारे में बताने जा रहे हैं, जो 9 गोलियों से छलनी होने के बाद भी वतन के लिए लड़ता रहा।
कौन है वह बहादुर सैनिक?
कीर्ति चक्र (Kirti Chakra) से सम्मानित चेतन चीता मीणा (Chetan Cheetah Mina) केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के कमांडिंग ऑफिसर हैं, जो काश्मीर में बांदीपुरा में आतंकियों से हुई मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल हुए थे।
रात को निकल पड़े आतंकियों की खोज में
चेतन चीता (Chetan Cheetah) को मौत से लड़ने की पुरानी आदत है। आज से कुछ वर्ष पूर्व 14 फरवरी को वे अपनी टीम को लीड करते हुए आतंकियों की तलाश हेतू रात में 3:30 बजे निकल गए थे। इस दौरान कश्मीर के बांदीपुरा में आतंकियों से साथ झड़प हुई, जिसमें तीन आतंकी मारे गए और एक सैनिक वीरगति को प्राप्त हुआ। – Chetan Cheetah
गोलियों से छलनी होने के बाद भी लड़ते रहे
इस मुठभेड़ में आतंकियों के तरफ से अंधाधुंध फायरिंग हुई, जिसमें एक साथ 9 गोलियां देश के वीर जवान चेतन चीता को लगी। ये गोलियां चेतन के ब्रेन, दाईं आंख, दोनों हाथ, पेट और कमर के पिछ्ले हिस्से में जा लगी। – Chetan Cheetah
2 आतंकियों को मार गिराया
गोलियों से छलनी होने के बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी। उन्होंने बहुत ही बहादुरी से आतंकियों पर 16 राउंड गोलियां चलाई और 2 आतंकियों को मार गिराया। हमारे देश के जवान वतन की सुरक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। – Chetan Cheetah
देश के प्रति प्रेम अभी भी जिंदा है
9 गोलियां खाने के बाद भी, जिसमें उनकी दाईं आंख क्षतिग्रस्त हो गई है, उनके अंदर देशभक्ति का जज्बा कायम है।
कोरोना को दी मात
45 वर्षीय चेतन चीता (Chetan Cheetah) ने कोरोना से जंग जीतकर घर आ गए हैं।
The Logically चेतन चीता जैसे सभी वीर जवानों को उनकी देशभक्ति, उनके समर्पण और देश की प्रति बलिदान को शत-शत नमन करता है। – Chetan Cheetah fights for India