खुशी क्या होती है, यह उनसे पूछिए जिनको अपने ज़िंदगी में खुशी मिलने की उम्मीद ना हो। बात अगर हमारे समाज की हो, तो समाज में लिंग को लेकर बहुत भेद-भाव होता है। आखिर जो दर्जा हम सामान्य व्यक्तियों है, वह दर्जा अगर ट्रांसजेंडर समुदाय को मिले तो उसके पीछे क्यों मुद्दे खड़ा करते हैं? हमें इस बात से खुश होना चाहिए कि ट्रांसजेंडर भी अब हमारे देश के हर कार्य के क्षेत्र में अपनी भूमिका निभा रहे हैं, जिससे उन सबको बहुत खुशी भी मिल रही है।
अच्छे और बेहतर कदम के तौर पर छत्तीसगढ़ पुलिस (Chhattisgarh Poolice ) ने ट्रांसजेंडर समुदाय (Transgender Community) के 13 लोगों को राज्य के चार ज़िलों में कांस्टेबल के रूप में भर्ती किया। छत्तीसगढ़ कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा परिणाम 2019-20 के लिए सोमवार को घोषणा हुई।
चयनित 13 उम्मीदवारों में से नौ को रायपुर रेंज से भर्ती किया गया था। कुल मिलाकर 20 लोग शहर से परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे। पुलिस महानिदेशक छत्तीसगढ़, डीएम अवस्थी ने परीक्षा के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने यह भी बताया कि यह पहली बार था कि उन्होंने ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को कांस्टेबल के रूप में भर्ती किया था।
यह भी पढ़ें :- ट्रांसजेंडर समुदाय के मन्जम्मा ने अपनी मेहनत से बनाई एक अनूठी पहचान, सरकार द्वारा पद्मश्री से नवाजी गयीं
भारत में केवल दो ट्रांसजेंडर पुलिस कर्मियों की भर्ती की गई है। एक तमिलनाडु में और दूसरा राजस्थान में। चयनित उम्मीदवारों ने अपनी सफलता मिलने के बाद खुशी व्यक्त की। कृष्णा टांडी (Krishna Tandi) ने बताया “मैं आज बहुत खुश हूं। मेरे पास अपनी खुशी व्यक्त करने के लिए कोई शब्द नहीं है। मैंने और मेरे सभी सहयोगियों ने इस परीक्षा के लिए बहुत मेहनत की। यह हमारे लिए एक दुर्लभ अवसर था, जो हमारे जीवन को बदल सकता था, इसलिए सभी ने दिन-रात मेहनत की।”
एक अन्य सफल उम्मीदवार कोमल साहू (Komal Sahu) ने इसे अपने जीवन का सबसे बड़ा दिन बताया। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार कोमल ने कहा कि “मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे सम्मान की नौकरी मिलेगी, लेकिन ऐसा हुआ।” वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडर समुदाय को पुरुष और महिला के साथ तीसरे लिंग के रूप में मान्यता दी। शीर्ष अदालत ने यह भी फैसला दिया कि उन्हें संविधान में निहित मौलिक अधिकारों पर समान अधिकार प्राप्त है।
छत्तीसगढ़ पुलिस ने 2017 में अपनी भर्ती परीक्षा में तीसरे लिंग को शामिल करने का फैसला किया जो बहुत ही अच्छा निर्णय है। परीक्षा अभ्यास 2019-20 में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। राज्य में कुल 2,038 कांस्टेबल भर्ती किए गए, जिनमें 1,736 पुरुष, 289 महिला और ट्रांसजेंडर समुदाय के 13 लोग शामिल हैं। इस बात की जानकारी को रायपुर में पुलिस मुख्यालय से एक अधिकारी साझा किया।
छत्तीसगढ़ के किन्नर समाज और मितवा समिति ने भी ट्रांसजेंडर समुदाय को यह अवसर प्रदान करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद दिया है।