Wednesday, December 13, 2023

महंगे लौंग की खेती से हो सकती है बम्पर कमाई, लाखों में कमाते हैं किसान: जानें पूरी डिटेल्स

बदलते समय के साथ हमारे देश के किसानों में जागरुकता बढ़ी है, जिससे वे पारंपरिक खेती छोड़ विभिन्न प्रकार के फसलों की खेती की तरफ रुख कर रहें हैं। वहीं देश की सरकार की भी यही कोशिश है कि किसान ऐसे फसलों की खेती करें, जिससे उन्हें अधिक से अधिक मुनाफा हो सके और जो देश के विकास में भी सहायक हो। इसी कड़ी में पिछले कुछ वर्षों से किसानों में लौंग की खेती करने का क्रेज काफी बढ़ा है।

लौंग की खेती करके किसानों को अच्छा-खासा मुनाफा हो रहा है। ऐसे में यदि आप भी लौंग की खेती (Clove Farming) करना चाहते हैं तो यह आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। जी हां, लौंग बेहद उपयोगी और फायदेमंद मसाला है, जिसका इस्तेमाल अनेकों प्रकार के व्यंजन और घरेलू दवाइयां बनाने में किया जाता है। इसी क्रम में चलिए जानते हैं इसकी खेती से जुड़ी सभी जानकारियों के बारें में।

बड़े स्तर पर होता है लौंग का इस्तेमाल

चूँकि, लौंग का इस्तेमाल हमारे देश में बड़े पैमाने पर किया जाता है जिससे इसकी डिमांड भी काफी अधिक होती है। ऐसे में यदि किसान भाई इसकी खेती करते हैं तो उसे मार्केट में बेचकर अच्छी आमदनी कमा सकते हैं।

लौंग की खेती कैसे करें (How to Cultivate Cloves)

लौंग की खेती के लिए बलुई मिट्टी उपयुक्त मानी जाती है। इससे फसल की सिंचाई के लिए अधिक पानी की आवश्यकता नहीं होती है। वहीं लौंग का पेड़ बहुवर्षीय हैं इसलिए एक बार इसे लगाने के बाद यह 100 वर्षों तक जिन्दा रहता है। ऐसे में जरुरत होती है तो सिर्फ उन्हें देखभाल की।

लौंग की खेती (Clove Farming) के लिए गर्म जलवायु सही रहता है क्योंकि ठंडी और नमी वाली जलवायु में पौधें का विकास नहीं हो पाता है। इसलिए इसकी खेती के लिए 25 से 32 डिग्री सेल्सियस टेम्परचर वाले क्षेत्र अच्छे होते हैं।

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ऐसे करें बीज की रोपाई

इसके पौधें को उगाने के लिए आप मार्केट से बीज खरीद सकते हैं। हालांकि, बुवाई के एक रात पहले उसे 8 से 10 घंटे के लिए पानी में भीगोकर रखना न भूलें। बीज को बुवाई से पहले खेत की मिट्टी में जैविक खाद डालकर उसे तैयार करें, उसके बाद 10 से 15 सेन्टीमीटर की दूरी पर एक पंक्ति में मिट्टी में गड्ढा करके बीज की रोपाई करें। जब ये कार्य पूरा हो जाएं तो उचित मात्रा में पानी का छिड़काव करें। ध्यान रहें कि सिंचाई की इस प्रक्रिया को प्रतिदिन दोहराया जाए।

3-4 वर्षों में तैयार होता है पौधा

बता दें कि, इसके बीज एक से दो माह में अंकुरित होते हैं, वहीं इसके पौधें को तैयार होने में 3 से 4 वर्ष का समय लगता है। तीन से चार वर्षों के बाद पौधें में फूल आने लगते है और 5 वर्ष के बाद फल भी आने शुरु हो जाते हैं। लौंग के फल का रंग हल्का लाल और गुलाबी होता है तथा यह गुच्छों में लगते हैं।

फल तैयार होने के बाद उसे तोड़कर सुखाया जाता है। जब फल सूख जाते हैं तो उसे हाथों से रगड़ने पर उसके ऊपर का छिलका हट जाता है और भूरे रंग के लौंग की प्राप्ति हो जाती है। जानकारी के लिए बता दें, धूप में सूखाने के बाद लौंग के फल के वजन में पहले की तुलना में 40% की कमी आती है जबकि सूखने के बाद वह 50% सिकुड़ जाती है।

dark brown colour clove
Clove

फसल की देखभाल है जरुरी (How to take care of clove crop)?

जैसा कि आप जानते हैं लौंग का पौधा ठंडी या नमी वाले जलवायु में विकसित नहीं होता है, इसलिए जहां आप लौंग की खेती (Clove Cultivation) कर रहे हैं वहां जल निकासी की व्यवस्था होना बहुत आवश्यक है। यदि खेत में जल-जमाव होता है तो पौधें सड़ने लगते हैं और ऐसी स्थिति में फसल बर्बाद हो जाती है। इसके अलावा जिस प्रकार हमें स्वस्थ रहने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है, उसी प्रकार पौधें को भी खाद की जरुरत होती है। इसलिए लौंग की खेत में हर 3 से 4 वर्ष में जैविक खाद डालने की जरुरत पड़ती है। आप चाहें तो सब्जियों, सूखे पत्तों और फल को गड्ढे में दबाकर खुद से ही जैविक खाद बना सकते हैं।

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लौंग की खेती से किसानों को हो सकती है अच्छी-खासी आमदनी

चूँकि, भारत मसालों का देश है इसलिए यहां के मसालों की मांग देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी अधिक रहती है। इसका प्रयोग मसाले के तौर पर होने के साथ-साथ टूथपेस्ट, दंत मांजन और गर्म मसाला समेत अन्य कई प्रकार के उत्पाद बनाने में किया जाता है। वहीं मार्केट में एक किलोग्राम लौंग की कीमत लगभग 900 से 1,000 रूपये है।

ऐसे में यदि किसान भाई लौंग की खेती (Clove Farming) करते हैं और हर सीजन में 50 kg लौंग का का उत्पादन करते हैं तो उन्हें 50 हजार रुपये रुपये की आमदनी आराम से कमा सकते हैं। इसके अलावा यदि आप कच्ची लौंग की बिक्री करते हैं तो इसकी कीमत सूखे लौंग की तुलना में अधिक होती है, क्योंकि इसका प्रयोग कई प्रकार के प्रॉडक्ट बनाने में किया जाता है। इसके अलावा इसका वजन भी सूखे लौंग की तुलना में कई गुना ज्यादा होता है।

लौंग का पौधा कई वर्षों तक देता है फल

बता दें कि, लौंग का पौधा (Clove’s Plant) कई वर्षों तक बिना कटाई-छटाई के फल देता है। इससे किसानों को फसल काटने और उसे पुन: तैयार करने की जिम्मेदारी नहीं होती है और ना ही उसपर पैसे खर्च करने पड़ते हैं। इसलिए यह कहा जा सकता है कि लौंग की खेती कम लागत में अच्छा मुनाफा दे सकती है।

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