अगर हम अपने घरों में सही सलामत हैं तो सिर्फ हमारे देश के जवानों की वजह से। वे दिन-रात सरहद पर अपने कर्तव्यों का पालन कर हमारे जीवन को सुरक्षित कर रहें हैं। जिंदगी में कभी हार तो कभी जीत होती रहती है कुछ लोग इस हार से डर जाते हैं और कुछ लोग इससे अनुभव लेकर अपने रास्ते पर चलते रहते हैं। कुछ लोग अपने करियर को एक अच्छी पहचान देने के लिए कोई अच्छी खासी नौकरी करते हैं तो कुछ लोग नौकरी के साथ-साथ समाज सेवा कर सबके लिए उदाहरण बनते हैं। यह कहानी देश के जवान “कर्नल अजय कोठियाल” की है जो कभी रुके नहीं और देश के सेवा के बाद समाज सेवा में लगें हैं।
कर्नल अजय कोठियाल
कर्नल अजय कोठियाल ( Colonel Ajay Kothiyal) को उनके कार्यों के वजह से उत्तराखंड (Uttarakhand) का प्रत्येक व्यक्ति भली-भांति परिचित है। इनके कार्यों की सराहना Red Fm के RJ काव्य ने एक वीडियो के जरिए भी की है। इस वीडियो का नाम “एक पहाड़ी ऐसा भी” है। RJ काव्य ने बड़ी कुशलता से इनका वर्णन इस वीडियो के माध्यम से किया है। यह देश की सेवा करना चाहते थे। इसलिए इन्होंने मेनहत किया और 1992 में 4वीं गढ़वाल राइफल में यह एक सैन्य ऑफिसर के रूप में इनकी भर्ती हुई।
महिलाओं को भी किया जागरूक
इन्होंने यहां की महिलाओं को स्व-रोजगार के लिए जागरूक किया। अजय ने उनको अपने पैरों पर खड़ा होना सिखाया। वहां के जो भी व्यक्ति जैविक खेती छोड़ चुके थे उन्हें भी यह कार्य करने के लिए बताया। साथ ही इन्होंने यहां के युवाओं के लिए अपने पैसे से सैनिक भर्ती के लिए तैयार करते हैं। अजय हमेसा समाज के ज़रूरतमंद लोगों की मदद के लिए तत्पर रहते हैं।
युवाओं और युवतियों लिए बने मिसाल
अजय एक “यूथ फाउंडेशन” प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण भी किए हैं। यह फाउंडेशन उन युवाओं के लिए है जो देश की सेवा करना चाहते है। यूथ फाउंडेशन के तहत युवाओं की ज़रूरतों को निःशुल्क पूरा किया जाता है, जैसे:- खाना-पीना, रहना और अन्य ज़रूरत। साथ ही स्किल डेवलोपमेन्ट के क्षेत्र में भी काम जारी है। युवाओं के साथ-साथ अजय सैन्य और अर्धसैनिक बल के लिए भी युवतियों को तैयार करते हैं। अगर गणना की जाए तो अजय के इस फाउंडेशन के द्वारा लगभग 8 हज़ार से अधिक युवा सैनिक में भर्ती हो चुके हैं।
2013 में हुए केदारनाथ आपदा में किये लोगों की मदद
अजय ने इतना ही नहीं बल्कि 2013 में हुई केदारनाथ की एक बड़ी त्रासदी उसमें हज़ारों लोगों की मदद कर उन्हें एक उचित आवास पर पहुंचाया। इन्होंने NIM की टीम और गड़वाल रेजिमेंट के साथ मिलकर सबकी मदद की। इनकी टीम में हज़ारों नेपाली मजदूरों को अपनी मेहनत के दम पर दिन-रात एक करके वहां से सुरक्षित जगह पहुचाया।
मिल चुका है अवार्ड
Colonel Ajay ने कारगिल वॉर में अपने अदम्य साहस से अपनी टीम के साथ 7 आतंकियों को मौत के घाट उतारा था। इनके साहस के लिये इन्हें 3 वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र (Kirti Chakra) शौर्य चक्र (Shaurya Chakra) एवं विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। अभी भी Ajay नेहरु पर्वतारोहण संस्थान (Nehru Institute of Mountaineering) में प्रिंसीपल के रूप में कार्यरत हैं।
एक सफल सैनिक के साथ अजय आज एक सफल समाजसेवी भी हैं। Ajay ने देश की रक्षा के साथ-साथ समाज की भी देखरेख की है। आज यह देश के हर एक व्यक्ति के लिए मिसाल हैं। The Logically, Colonel Ajay को सलाम करने के साथ नमन करता है।