Saturday, December 9, 2023

भारत में कोरोना के बढ़ते ग्राफ के साथ मडराता संकट : विश्लेषण

आज भारत समेत पूरी दुनिया कोरोना वायरस के संक्रमण से बेहद बुरी तरह प्रभावित है ! दिसम्बर 2019 में चीन के वुहान में मिला यह वायरस घीरे-घीरे समूचे विश्व को अपनी चपेट में ले लिया ! विश्व के कई सक्षम व विकसित देश कहीं अधिक कुप्रभावित हुए हैं ! कोरोना के संक्रमण और उससे उपजे संकट भारत में भी गहराते जा रहे हैं !

कोरोना वायरस के मिलने के शुरूआती दिनों में भारत अछूत था , लगभग तीन महीने के पश्चात् मार्च 2020 से भारत की स्थिति कोरोना के कारण प्रतिकूल होनी शुरू हो गई ! प्रतिकूल बनते इस हालात में भारत सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन कर स्थिति को बहुत हद तक सँभाला जिससे यहाँ इसके संक्रमण का अनुपात विश्व के कई देशों की तुलना में कम है ! भारत में संक्रमण फैलने की संख्या शुरूआत में सैंकड़ों में थी पर कई दिनों के लॉकडाउन की स्थिति से उत्पन्न आर्थिक हालातों के कारण हुई ढील , और लोगों की लापरवाही के कारण इसका संक्रमण निरन्तर रूप से बढता जा रहा है ! वर्तमान की स्थिति पर गौर करें तो फैलता हुआ कोरोना संक्रमण का आँकड़ा प्रतिदिन के तौर हजारों की संख्या में वृद्धि तक पहुँच गया है ! आज 17 मई के पहले अपडेट तक देश में अब तक कोरोना से हुए लोगों संक्रमितों की संख्या 90927 हो गई है ! पिछले 24 घंटे में पूरे भारत में 4987 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं ! इतनी अधिक संख्या में फैलता संक्रमण खतरे की घंटी है !

कोरोना के कारण देश में उत्पन्न संकटों को बेहद करीब से देखा जा सकता है !

प्रतिदिन पूरे देश से आती तस्वीरें और समाचार हृदय को सालती रहती है ! इस महामारी से ज्यादा प्रभावित होने वाले वे लोग हैं जो दो जून की रोटी के लिए अपने घरों से सैंकड़ों-हजारों किलोमीटर दूर दूसरे शहरों में काम करने के लिए गए हुए हैं ! लॉकडाउन की स्थिति में जब सभी उद्योग-धंधे , छोटे-बड़े कारोबार , यातायात के साधन बन्द हैं वैसी परिस्थिति में इन लोगों के आय पर ग्रहण लग गया है जिससे इनके सामने बहुत बड़ी समस्या आन पड़ी है ! लगभग दो महीने के लॉकडाउन ने उनकी आय पर ब्रेक लगाकर उन्हें बुरी तरह तोड़ दिया है ! जिस जगहों पर ये लोग इन बुरी परिस्थितियों में फँसे हैं वहाँ की सरकारें इनकी मदद की डिंगे तो बहुत हांकती हैं पर सुविधा और राहत के नाम पर ना के बराबर खड़ी उतरी हैं ! बाहर इस त्रासदी को झेल रहे लोगों की सभी उम्मीदों पर पानी फिर गया है और इसके बाद उनके पास जो एकमात्र रास्त बचा है वह है अपने गाँव , अपने घर लौट जाने का ! समूचे देश के विभिन्न क्षेत्रों से लोगों के घर लौटने की तस्वीरें बखूबी देखी जा रही हैं ! उनकी भूखे , थके , माली हालत में , कई तो खाली पैर , पैदल वाली यह यात्रा रूला देने वाली है ! उनके पाँव के फोले , भूख से बिलखते बच्चों की आवाजें , उनलोगों की बेबसी और बदनसीबी की कहानी बयां कर रही है ! देश भर से आ रहे अत्यन्त भयावह और दर्दनाक खबरों और तस्वीरों ने हमें बेहद आहत करने वाली हैं ! एक बार पुन: सरकार द्वारा किया गया इंतजामात बिल्कुल खोखले साबित हुए हैं ! इन सबके बावजूद उनकी यात्रा के दौरान उनके कोरोना संक्रमित होने का डर हैं उसके बाद उनसे कई अन्य लोगों में यह बिमारी फैलने का खतरा बढता हुआ प्रतीत हो रहा है ! इन सारी परिस्थितियों के बाद भी अगर वे लोग अगर अपने घर कुशलता से पहुँच भी जा रहे हैं उसके बाद भी समस्याएँ उनका मुँह चिढाना बन्द नहीं करेंगी ! क्यूँकि जिन आर्थिक हालातों से हारकर वे आर्थिक उम्मीदों का दीया जलाने निकले थे आज कोरोना ने उन्हें पुन: उन्हीं आर्थिक हालातों में झोंक दिया है ! उन सभी लोगों के लिए आगे की राह और कठिन होने वाली है ! ईश्वर से मेरी प्रार्थना है कि वे इस त्रासदी झेल रहे लोगों पर दया दृष्टि बनाएँ !

कोरोना के कारण ध्वस्त हुई देश आर्थिक व्यवस्था भी किसी से छुपी हुई है !

आज देश में कल-कारखाने हों , यातायात के विभिन्न माध्यमों , पर्यटन क्षेत्र , आयात-निर्यात आदि बन्द होने से देश की आमदनी रूक गई है ! कोरोना काल में लगभग सब कुछ बन्द है जिसके माध्यम से देश को अच्छी आय होती थी ! टैक्स किसी भी देश को चलाने में पहिया का काम करता है ! आज मूलभूत आवश्यकता की वस्तुओं की खरीद-बिक्री से देश को प्राप्त टैक्स बेहद कम मात्रा में है ! एक तो आर्थिक गतिविधि बन्द होने से देश की आर्थिक आमदनी बन्द जैसे उत्पन्न हालात हैं दूसरे इस कोरोना महामारी से लड़ने और निपटने के लिए धन की बड़ी कीमत अदा करनी पड़ रही है ! दोहरी आर्थिक मार से देश की अंदरूनी सेहत कमजोर होती जा रही है !

आज के परिवेश में देश के सामने दो ऐसी प्रमुख चुनौतियाँ हैं जो उसे असहज कर रही हैं पहली कोरोना संक्रमितों की संख्या बढता जा रही है दूसरा संक्रमण रोकने के लिए लॉकडाउन की स्थिति ने देश के सामने आर्थिक समस्याओं का अंबार खड़ी कर रही है ! ये दोनों ऐसी परिस्थितियां हैं जो साथ-साथ नहीं चल सकतीं ! एक से निजात पाने की कोशिश से दूसरे वाली समस्या गहराने लगती है ! यदि कोरोना संक्रमण हेतु बचाव के लिए पूर्ण रूप से लॉकडाउन जारी रखा गया तो आर्थिक संकट और गहरा जाएगा और अगर लॉकडाउन में छूट देकर आर्थिक गतिविधि बढाई गई तो कोरोना का संक्रमण तेजी पकड़ लेगा !

जो भी हो समस्याओं के ऐसे दोराहे पर खड़े भारत की जनता की भागीदारी ज्यादा बड़ी है देश की बेहतरी के लिए जनता को हीं कदम उठाने होंगे जिससे दोनो समस्याएँ कम किए जा सकें!