Home Inspiration

महामारी के समय मुम्बई के इस दम्पत्ति ने स्कूल फीस माफ कर दी और अपने बचे पैसों से गरीबों को खिला रहे खाना

अगर बात शिक्षा की हो तो भारत मे शिक्षा का दर पहले की अपेक्षा काफी बेहतर हुआ है। सभी बच्चे के माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा सफलता की ऊंचाई पर पहुंचे। हालांकि कोरोना काल के दौरान स्कूल व कॉलेज बंद हैं। लेकिन ऑनलाइन क्लास के जरिये हर मुमकिन प्रयास हो रहा है कि बच्चे पढ़ाई से जुड़े रहें। आज की यह कहानी उस दम्पति की है जिन्होंने कोरोना काल के दौरान स्कूल की फीस माफ कर दी है।

कक्षा 1 से 10 तक के बच्चों की फीस माफ की

मुंबई के दम्पति मिगज़ा शेख और उनके शौहर फ़ैयाज एक स्कूल चलाते है, जो मुंबई के उपनगर मडाल में स्थित है। इस स्कूल का नाम ज़ील इंग्लिश मीडियम है। कोरोना वैश्विक महामारी के कारण इस स्कूल के छात्रों ने आर्थिक तंगी के बारे में बताते हुए फीस ना देने की बात कही। फिर मिगज़ा और फ़ैयाज ने लगभग 350 विधार्थियों की पढ़ाई की फीस को माफ किया है।

इस दम्पति ने जरूरतमंदो को भोजन भी कराया

मिगज़ा और फैयाज़ हमेशा से समाज के लिए कुछ करना चाहते थे। कोरोना महामारी के दौरान उन्हें जब पता चला कि उनके आस-पास के क्षेत्रों में कुछ गरीब मजदूर भूखे हैं तो उन्होंने उन मजदूरों को जरूरी चीज़े और भोजन मुहैया करवाया।


एनजीओ के मदद से की प्रवासी मजदूरों की सहायता

मिगज़ा शेख और फैयाज़ जिस इलाके मे रहते हैं उस इलाके में ज़्यादातर दिहारी मजदूर निवास करते हैं। ये मजदूर हर रोज मजदूरी कर अपनी रोज-मर्रा की आवश्यकताओं को पूरा करते थे, लेकिन इन दिनों सारे काम स्थगित होने से उन्हें दो वक़्त का खाना भी नसीब नहीं हो रहा था। इन मजदूरों की बुरी हालात देखकर मिगज़ा और फैयाज़ ने एक एनजीओ से मदद मांगी। अब एनजीओ की मदद से उन जरूरतमंद मजदूरों के हर दिन के भोजन की व्यवस्था की जा रही है।

लगभग 1,800 से अधिक लोगों को भोजन मुहैया कराया

इस दम्पति ने अपने आगे की ज़िंदगी के लिए जो राशी ईकठ्ठा की थी, उस राशी को गरीब और बेबस लोगों की सहायता करने मे लगा दिया है। मिगज़ा और फैयाज़ ने खुद के मकान बनाने के लिए जो पैसे बचा रखे थे, वह भी खर्च कर दिए है। अब तक इस दम्पति ने लगभग 1,800 से ज़्यादा ज़रूरतमंदो की मदद की है।

फैयाज़ ने provident fund savings की राशी भी की खर्च

फैयाज़ एक कम्पनी मे काम करते थे। वहां से इन्हें जो तनख्वाह मिलता था, उसे वह भविष्य निधि बचत खाते में जमा करते थें। जो अब गरीबों की सहायता मे ख़त्म हो चुका है। अब तक इस दम्पति ने लगभग 4.5 लाख रुपये खर्च कर दिये हैं। हालांकि इन्हें पहले एनजीओ ने वित्तीय सहायता प्रदान की लेकिन जल्द ही यह भी बन्द भी कर दिया गया।

इनके कार्यों की आंनद महिंद्रा ने ट्वीट करके प्रशंसा की है और इस पहल में योगदान देने की अपनी इच्छा भी जाहिर की है।

Couple exhausts Rs 4 lakh savings to feed 1,500 in Mumbai

The money had been saved up by the couple to buy a house.https://t.co/mm88CKSH2t via @TOIMumbai pic.twitter.com/YCU6fBRdZB

— The Times Of India (@timesofindia) July 24, 2020

जो कार्य मिगज़ा और फैयाज़ ने किया, वो सराहनीय है इसके लिए The logically इन्हें नमन करता है।

Logically is bringing positive stories of social heroes working for betterment of the society. It aims to create a positive world through positive stories.

Khushboo loves to read and write on different issues. She hails from rural Bihar and interacting with different girls on their basic problems. In pursuit of learning stories of mankind , she talks to different people and bring their stories to mainstream.

Exit mobile version