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बैंकिंग की नौकरी छोड़कर पति-पत्नी कर रहे जैविक खेती, देश के कई हिस्सों में बिकते हैं इनके प्रोडक्ट्स

एक बेहतर जीवन के लिए लोग गांव से शहरों की तरफ भाग रहे हैं ताकि अच्छे खासे पैसे कमाकर अपना जीवन खुशहाल तरीके से बिता सकें। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो अच्छी खासी नौकरी छोड़ फार्मिंग की तरफ रुख मोड़ रहे हैं और इससे भी अच्छी कमाई कर लोगों का स्वास्थ्य सुधारने में मदद कर रहे हैं। आज हम आपको एक ऐसे शख्स के विषय में बताएंगे जिन्होंने बैंक की नौकरी को छोड़कर ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू की और आज खेती से वह लाखों रुपए प्राप्त कर रहे हैं।

प्रतीक और प्रतीक्षा की कहानी

दरअसल ये कहानी प्रतीक और उनकी पत्नी प्रतीक्षा की है। जिन्होंने लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू की। हालांकि इस कार्य में उन्हें बहुत सी बाधाएँ आई। घर वालों ने उनका समर्थन नहीं किया। इसके अतिरिक्त उन्हें वित्तीय स्थिति का भी सामना करना पड़ा परंतु उन्होंने इन सारी चीजों को मात देते हुए सफलता हासिल की और आज लोगों के लिए उदाहरण बने। -Organic Farming by Prateek & Pratiksha

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Pratik quits his 15 lakh package banking job for doing farming

ऐसे हुई खेती की शुरुआत

प्रतीक का शुरू से ही सपना था कि वह फार्मिंग करें परंतु उन्होंने 10 वर्षों तक बैंकिंग सेक्टर में जॉब किया आगे उन्होंने नौकरी छोड़ने का निश्चय किया ताकि वो खेती कर सके उनके इस निर्णय से उनके घरवाले खुश नहीं थे उन्होंने अपने परिवार से लगभग 2 वर्ष की मोहलत मांगी ताकि वह खुद को साबित कर सके और उन्होंने ग्रीन एंड ग्रेस नाम की एक कंपनी की स्थापना की। उन्होंने खूब मेहनत भी किया परंतु उम्मीद के अनुसार उन्हें सफलता नहीं मिली। -Organic Farming by Prateek & Pratiksha

शादी में आई अड़चने

जब प्रतीक की शादी होने आई तब उन्होंने यह बताया कि वह खेती करना चाहते हैं। जिस दौरान उनके ससुर को उनपर गुस्सा आया क्योंकि वो एक रिटायर आईएएस ऑफिसर थे। उन्होंने प्रतीक्षा से यह कहा कि मैंने ये नहीं सोचा था कि तुम्हारी शादी ऐसे लड़के से करूंगा। क्या इसी दिन का मैंने इंतजार किया था और पढ़ा-लिखा कर तुम्हें इतना बड़ा किया था। परंतु आगे सब कुछ ठीक हुआ। -Organic Farming by Prateek & Pratiksha

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ऐसे मिला खेती का आइडिया

दरअसल जब वह माता-पिता बने तब उन्हें ये तरकीब सूझी की क्यों ना खेती की जाए। ताकि वे अपनी बच्चे को शुद्ध चीजे खिला सकें। इसलिए उन्होंने ऑर्गेनिक फार्मिंग प्रारंभ की। आज वे ऑर्गेनिक फार्मिंग के साथ मसालों का भी निर्माण करते हैं। उनके प्रोडक्ट हमारे देश के कई हिस्सों में बिकता है। –Organic Farming by Prateek & Pratiksha

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