भारत की खुबसूरती यहां के गांवों से है क्योंकि यह गावों का देश है। यहां अनेकों गांव है और सभी की अलग-अलग खासियत है। भारत के कई गांवों को अलग-अलग नामों से भी प्रसिद्धि मिली है जैसे शिक्षको का गांव, बौनों का गांव, पनीर वाला गांव, स्मार्ट विलेज, ऑर्गेनिक विलेज आदि। लेकिन आज हम आपके लिए भारत के एक और ऐसे गांव के बारें में जानकारी लेकर आएं हैं जिसे भारत का करोड़पति गांव (Crorepati Village of India) कहा जाता है।
कहां स्थित है भारत का करोड़पति गांव?
गांवो का देश भारत में कई गांव अपनी अलग-अलग विशेषताओं की वजह से जाने जाते हैं। उन्हीं में से एक गांव है हिवरे बाजार नामक (Hiware Bazar Village) गांव, जो महाराष्ट्र (Maharastra) के अहमदनगर (Ahmedanagar) जिले में स्थित है। यहां की अधिकांश आबादी की गिनती अमीरों में होती है। इसके अलावा इस गांव में अन्य जगहों की तुलना में स्वच्छता और हरियाली अधिक देखने को मिलती है। हिवरे गांव में पानी और बिजली की समस्या नहीं है।
तापमान रहता है कम
आमतौर पर सभी जगहों पर मच्छर इंसानों का खुन पीने के लिए तैयार रहते हैं लेकिन इस गांव में एक भी मच्छर नहीं है। जी हां, इसके बारें में ऐसा कहा जाता है कि उस गांव में एलान किया गया है कि, यदि किसी ने भी एक मच्छर पकड़ लिया तो गांव के सरपंच द्वारा उस शख्स को 400 रुपये दिए जाएंगे। इतना ही नहीं जला देनेवाली गर्मी में भी इस गांव का तापमान 3-4 डिग्री कम ही रहता है।
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भयंकर सूखे से ग्रसित होने पर निकाला उसका हल
एक समय में यह गांव भी अन्य गांवों की तरह फल-फुल रहा था और सभी ग्रामिण काफी खुशी-खुशी जीवनयापन कर रहे थे। लेकिन 80-90 के दशक में यह गांव भयंकर सूखे से ग्रसित हो गया जिससे वहां के लोग पीने के पानी के लिए भी तरसने लगे। भयंकर सूखे से अधिकांश लोग अपने परिवार के जान की रक्षा के लिए गांव छोड़कर चले गए जबकी गांव के कुछ लोगों ने यही रहकर उसका हल निकालने का निर्णय लिया।
सूखे का समाधान हेतु गांववालों ने 1990 में एक कमिटी बनाई जिसका नाम “ज्वाइंट फॉरेस्ट मैनेजमेंट कमिटी” (Joint Forest Management Committee) रखा गया, जिसके तहत श्रमदान के माध्यम से गांव में कुएँ खुदवाने और पेड़ लगाने का काम शुरु किया गया। इस कमिटी के तहत कुएँ खुद जाने के वजह से गांव में सूखे की समस्या खत्म हो गई।
एक-दूसरे की मदद करते हैं गांववाले
हिवरे गांव (Hiware Bazar Village) में सभी लोग एक-दूसरे की सहायता करते हैं। यहां के ग्रामीणों के आय का मुख्य जरिया आलू और प्याज की खेती के साथ-साथ सरकारी योजनाएं भी हैं। भारत के इस अनोखे गांव के बारें में कहा जाता है कि यहां के ग्रामीण बाहरी दुनिया से नहीं बल्कि गांववालों के साथ मिल-जुलकर कार्य करते हैं। इतना ही गांव वालों के बेहतर जीवनयापन के लिए 7 सूत्र बनाएँ हैं जिसका पालन सभी ग्रामीण करते हैं।
इन 7 सूत्रों पर काम करता है यह गांव-
नशाबंदी पर ध्यान
हर घर शौचालय
सड़क किनारें से पेड़ की कटाई नहीं
परिवार नियोजन
ग्राउंड वाटर संयोजन
श्रमदान के लिए हमेशा तत्पर रहना
लोटा बंदी
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आदर्श ग्राम योजना से विकास ने पकड़ी रफ्तार
गाँव वालों की मेहनत देखकर सरकार काफी प्रभावित हुई और परिणामस्वरुप उन्हें फंड मुहैया कराया, जिससे ग्रामीणों की बहुत हद तक समस्या का समाधान हो गया। इतना ही नहीं सरकार द्वारा 1994-95 के समय में “आदर्श ग्राम योजना” की शुरूआत की गई, जिसके तहत काम ने रफ्तार पकड़ी। वर्तमान में हिवरे बाजार गांव में कुएँ की संख्या 340 है।
ग्रामीणो की आय में हुई है 20 गुना वृद्धि
हिवरे बाजार गांव (Crorepati Village of India Hiware Bazar) में रहनेवाले परिवारों की संख्या 305 है जिसमें से 80 परिवारों की गिनती करोड़पति की लिस्ट में की जाती है और उनकी आमदनी प्रति माह 10 लाख रुपये से अधिक है। गांव के सरपंच द्वारा बताया गया कि पिछ्ले 15 वर्षों में ग्रामीणों की आय में 20 गुना वृद्धि हुई है। हालांकि, पूरे गांव मात्र 3 परिवार ही ऐसा है, जो गरीबी रेखा से काफी नीचे है और उसकी सालाना आय 10 हजार रु से भी कम है।