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लोगों को स्वास्थय के प्रति जागरूक करने के लिए 52 हजार KM की यात्रा कर चुके हैं कुलदीप, लोग बुलाते हैं साइकिल मैन

साइक्लिंग मैन के नाम से पहचाने जाने वाले कुलदीप (Kuldeep) स्वास्थ्य विभाग के पास प्रचार करवाने के लिए पहला विकल्प हैं। कुलदीप साल 2019 में योजनाओं के प्रचार के लिए साइक्लिंग शुरू किए थे और अब तक वे 52 हजार किलोमीटर की यात्रा साइकिल से तय कर चुके हैं।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना पर करना चाहते थे प्रचार

सांपला (Sampla) के रहने वाले कुलदीप (Kuldeep) स्वास्थ्य विभाग में मल्टी पर्पज हेल्थ वर्कर के पद पर तैनात हैं। उन्हें साल 2010 में स्वास्थ्य विभाग में नियुक्ति मिली थी। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना का प्रचार वह शुरू से करना चाहते थे। इसके लिए कुलदीप अधिकारियों को अपनी योजन के बारे में बताया।

cycle man kuldeep from Sampla

स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज द्वारा हो चुके हैं सम्मानित

कुलदीप की योजना सुनने के बाद अधिकारियों ने उन्हें साइक्लिंग के माध्यम से प्रचार करने का सुझाव दिया। उसी दिन से वे लगातार हर योजना के प्रचार को ग्रामीण आंचल में साइकिल पर जाते हैं। उनके कार्य से प्रभावित होकर साल 2019 में स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज (Anil Vij) ने कुलदीप को अंबाला (Ambala) में सम्मानित किया। cycle man kuldeep from Sampla

कुलदीप का साइक्लिंग से 31 किलोग्राम वजन हुआ कम

स्वास्थ्य विभाग कर्मी कुलदीप (Kuldeep) जब इस योजना पर निकले थे, उस दौरान उनका वजन 105 किलोग्राम था और अब तीन साल में 52 हजार किलाेमीटर की यात्रा के बाद उनका वजन 31 किलोग्राम कम होकर 73 किलो हो गया है।

सेहत के लिए लाभदायक है साइकिल

कुलदीप बताते हैं कि एक तो साइकिल सेहत के लिए अच्छी है, साथ ही योजनाओं के प्रचार के लिए जब वह साइकिल से गांवों में जाते हैं तो लोग उनकी बात को ध्यान से सुनते हैं।

लोगों को जागरूक करने के मुहिम से जुड़े

वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग की ओर से डेंगू माह का अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत कुलदीप (Kuldeep) अब डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए गांव-गांव जा रहे हैं। इसके साथ ही कुलदीप बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए अभी भी साइकिल यात्रा करते हैं। – cycle man kuldeep from Sampla

बिहार के ग्रामीण परिवेश से निकलकर शहर की भागदौड़ के साथ तालमेल बनाने के साथ ही प्रियंका सकारात्मक पत्रकारिता में अपनी हाथ आजमा रही हैं। ह्यूमन स्टोरीज़, पर्यावरण, शिक्षा जैसे अनेकों मुद्दों पर लेख के माध्यम से प्रियंका अपने विचार प्रकट करती हैं !

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