Sunday, December 10, 2023

परिवारवालों पर न बने बोझ इसलिए शुरु किया दुकान, दुकान चलाने के साथ ही कर रही नौकरी की तैयारी: D.el.ed पराठे वाली

आजकल जहां युवा स्वरोजगार की ओर बढ़ रहे हैं वही दूसरी ओर शिक्षा की डिग्री और नौकरियों के नाम पर अपने स्टार्टअप का नाम रखने का क्रेज चल रहा है। हर तरफ अधिकांश लोग जो अपना अलग-अलग स्टार्टअप शुरु कर रहें वे अक्सर उसका नाम अपनी डिग्री या नौकरी के नाम पर रख रहें हैं। उदाहरण के लिए MBA चायवाला, ग्रेजुएट चायवाली, एक्टर चायवाला, MA चायवाली आदि। इसी बीच एक और स्टार्टअप काफी चर्चा का विषय बना हुआ है।

D.el. ed पराठे वाली

डिग्रियों और नौकरियों का नाम रखने के चलन में एक और नई दुकान का नाम काफी लोकप्रियता बटोर रही है। हम बात कर रहे हैं झांसी (Jhansi) स्थित एक दुकान की जिसका संचलान शिवानी प्रजापति (Shivani Prajapati) करती हैं। उन्होंने अपनी इस दुकान का नाम रखा है “D.el. ed पराठे वाली”। शिवानी ने डीएलएड की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही दुकान शुरु किया और उसका नाम अपनी पढ़ाई की डिग्री पर रखा। D.el.ed Parathe Wali Shivani Prajapati, Jhansi.

कैसे आया दुकान शुरु करने का विचार?

हर युवा पढ़ाई-लिखाई करके नौकरी की चाह रखते हैं और उसी तरह शिवानी भी नौकरी की चाह में डीएलएड की पढ़ाई की जिसमें उन्होंने 75 फीसदी अंकों के साथ सफलता हासिल की। उसके बाद वह सरकारी नौकरी की तैयारी करनी शुरु की। झांसी मनुष्यों रहकर लगातार 2 वर्षों तक नौकरी की तैयारी करने के बाद भी उन्हें निराशा हाथ लगी। कभी परीक्षाएं देरी से होती तो कभी एग्जाम का पेपर लीक हो जाता।

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दो साल जब शिवानी को सफलता नहीं मिली तब उनके घरवालों ने उन्हें वापस अपने घर आने के लिए कहा लेकिन शिवानी ने ठान लिया था कि वह अपने पैरों पर खड़ी होकर ही दम लेंगी। अपनी जिद से मंजिल पाने की दृढ़ इच्छाशक्ति रखनेवाली शिवानी ने घर जाने से इंकार कर दिया और वहीं रहकर तैयारी करने का फैसला किया। ऐसे में वह अपने घरवालों पर अपना और अपनी पढ़ाई को लेकर बोझ नहीं बनना चाहती थीं और इसी सोच के साथ उन्होंने झांसी में रहकर ही पढ़ाई करने और रहने का खर्च निकालने के लिए खुद की दुकान शुरु की।

दुकान के साथ कर रही हैं तैयारी

शिवानी प्रजापति की D.el.ed पराठेवाली दुकान झांसी के बीकेडी चौराहे पर समीप स्थित विकास भवन के सामने स्थित है। उन्होंने बताया कि, उन्होंने अपनी दुकान के बारें में अपने घरवालों को जानकारी नहीं दी है। वह कहती हैं कि, वह नहीं जानती हैं कि जब उनके घरवालों को इस दुकान के बारें में जब जानकारी मिलेगी तो घरवालों प्रतिक्रिया क्या होगी। वह आगे कहती हैं कि, झांसी के लोग उन्हें इस काम के लिए काफी प्रोत्साहित कर रहे हैं। बता दें कि, शिवानी दुकान चलाने के साथ-साथ अपनी तैयारी भी जारी रखा है।

शिवानी (Shivani Prajapati) जिस तरह अपने परिवार पर बोझ बनकर खुद की राह बनाना चाहती हैं वह प्रशंशनीय हैं। The Logically उन्हें उनके अच्छे भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता है।