परिस्थितियां चाहे जैसी भी हो, आदमी को संघर्ष करते रहना चाहिए और अपने सफलता के लिए हमेशा प्रयासरत होना चाहिए। दुनिया में संघर्ष की एक से एक कहानी सुनने को मिलती है। आज हम बात करेंगे, महाराष्ट्र (Maharastra )के रहने वाले युवक के सोमनाथ नंदू माली ( Somnath Nandu Mali) की, जिनकी जीवनी बहुत ही संघर्षशील रही है। आज के समय में वे अपने मेहनत के बदौलत ISRO में सीनियर वैज्ञानिक बन चुके है।
कौन है सोमनाथ माली?
सोमनाथ माली ( Somnath Nandu Mali) मूल रूप से महाराष्ट्र (Maharastra) के शोलापुर (Sholapur) जिले के पंढरपुर तहसील के सरकोली गाँव के रहने वाले है। सोमनाथ के संघर्ष और मेहनत की कहानी सबको प्रेरणा देने वाली है। उन्होंने गांव में जिला परिषद प्राइमरी स्कूल से 7वीं और सेकेंडरी स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद 11वीं की पढ़ाई शास्त्र शाखा के पंढरपुर स्थित केबीपी कॉलेज से की है। सन् 2011 में 81 फीसदी अंकों के साथ बारहवीं कक्षा पास की।
मजदूरी करके माता-पिता ने उठाया बेटे के पढ़ाई का खर्च
गांव के एक स्कूल में पढ़ाई से इसरो तक का सफर बड़ी ही कठिन परिस्थितियों में तय करने वाले सोमनाथ माली ( Somnath Nandu Mali) बहुत से लोगों के लिए एक प्रेरणा बने हुए हैं। सोमनाथ के पढ़ाई के खर्च उठाने के लिए उनके माता-पिता और भाई ने खेतो में मजदूरी तक की है। सोमनाथ बहुत ही निम्न परिवार से ताल्लुक रखते थे। उनके माता-पिता के पास इतना भी पैसा नहीं था कि वे अपने बच्चे को पढ़ा सके। इसके लिए उनके माता-पिता और भाई ने मजदूरी करके सोमनाथ के पढ़ाई के लिए पैसों की जुगाड़ की।
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आईआईटी कॉलेज से की इंजीनियरिंग
वर्ष 2011 में 81 फीसदी अंकों के साथ बारहवीं कक्षा पास करने वाले सोमनाथ बी.टेक करने के लिए मुंबई गए। वहां से उन्हें IIT दिल्ली के लिए मैकेनिकल डिजाइनर के रूप में चुना गया। इसी दौरान उन्होंने पूरे भारत से GATE परीक्षा में 916 वां स्थान प्राप्त किया। फिर दिल्ली आइआइटी से एमटेक किया। बीच में कुछ दिन इन्फोसिस में नौकरी की। नवंबर 2019 में इसरो में वरिष्ठ वैज्ञानिक की वैकेंसी के लिए आवेदन किया और अब वह इसरो के लिए सीनियर वैज्ञानिक चुने गए हैं।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम को मानते है, अपना आदर्श
सोमनाथ माली मिसाइल मैन डॉ एपीजे अब्दुल कलाम (A. P.J Abdul Kalam) को अपना आदर्श मानते है।कलाम की जीवनी पढकऱ उन्होंने प्रेरणा पाई है। इसरो कई परियोजनाओं पर काम कर रहा है, इनमें चंद्रयान-3, अंतरिक्ष स्टेशन, खास खूबियों वाला रॉकेट जैसे प्रोजेक्ट शामिल हैं। सोमनाथ को उम्मीद है कि उन्हें इन प्रोजेक्ट पर काम करने का अवसर मिलेगा। वे इसरो के क्षेत्र में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के जैसा ही सफल वैज्ञानिक बनना चाहते हैं।
विमान इंजन डिजाइन पर कर चुके हैं काम
गेट परीक्षा में 916वीं रैंक हासिल की और आईआईटी दिल्ली में मैकेनिकल डिजाइनर में दाखिला लिया। आईआईटी में ही सोमनाथ को विमान के इंजन के डिजाइन पर काम करने का मौका दिया गया था। कुछ समय बाद वे एयरक्राफ्ट इंजन डिजाइन में एक्सपर्ट हो गए।
‘The Logically’ सोमनाथ माली ( Somnath Nandu Mali) इसरो ने सीनियर वैज्ञानिक बनने के लिए बधाई देता है तथा आशा करता है कि वो इसरो के लिए अच्छा काम कर पूरी दुनिया मे भारत तथा इसरो का नाम रौशन करें।