हमारे देश में अगर किसान खेती करते हैं तब ही हमें खाना नसीब होता है। अगर वे खेती छोड़ दें तो हमे खाने के लिए दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। हमारा देश कृषि प्रधान देश है। यहां के किसान उन्नत किस्म के बीज तैयार कर जैविक खेती करते हैं। जैविक खेती में रसायनिक कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता जो हमारे शरीर के लिए लाभदायक होता है। अगर हम रासायनिक कीटनाशकों के द्वारा उगाई हुई फलों,सब्जियों, या अनाजों का सेवन करते हैं तो यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक होता है। इसीलिए किसानों ने जैविक उर्वरक के माध्यम से खेती करना शुरू किया है जिससे हमारे शरीर को लाभ मिल रहा रहा है। कृषि के क्षेत्र में हमारे देश के युवक, कम उम्र के लड़के, बुजुर्ग, इनीजीयरिंग की नौकरी छोड़ युवक, CA की नौकरी छोड़ने काले युवक के साथ महिलाएं भी कार्यरत हैं। जैविक उर्वरक के अलावा हमारे देश में किसान ऐसे-ऐसे औजारों का निर्माण कर रहे हैं। जिससे खेती करना आसान हो रहा है। कुछ किसान सिंचाई के लिए बारिश की पानी इकट्ठा कर रेन हार्वेस्टिंग के बारे में भी बता रहे हैं। इनके मदद से किसानों को बहुत सहायता मिल रही है और लाभ भी हो रहा है। कुछ किसान फसलों की कटाई के लिए ऐसे मशीनों का निर्माण कर रहे हैं जो कम लागत में भी ज्यादा मुनाफा दे रहा है। यह कहानी भी ऐसे ही किसान की है जिन्होंने खेतों में खाद डालने के लिए देसी जुगाड़ के माध्यम से ऐसी व्यवस्था की है, जो बहुत ही लाभदायक सिद्ध हो रही है। यह तरीका किसानों को पसंद भी आ रहा है। इससे कम मेहनत में मुनाफा के साथ उत्पादन बहुत ज्यादा हो रहा है।
आईये पढ़ते हैं, दीपक के बारे में जिन्होंने ऐसी सुविधा का निर्माण किया है जो कम मेहनत में ज्यादा फायदा देकर अधिक लाभकारी सिद्ध हो रहा है।
इस किसान भाई ने दो टैंक को पास में रखा और ट्यूबवेल में 1 अलग पाईप लगाकर उन्हें टैंक में लगाया। ताकि धीरे-धीरे पानी इस टैंक में जाये। इसी में उन्होंने खाद डाली ताकि यह खाद धीरे धीरे उस टैंक में जाये। ईस टैंक के माध्यम से खेतों में खाद बड़ी ही आसानी से चला जाता है।
ट्यूबवेल की मदद से ये किसान जीवामृत का उपयोग करते हैं। यह जैविक खेती करते हैं। उन्होंने बताया कि मैं इस जीवामृत को टैंक में डाल देता हूं और ट्यूबवेल को स्टार्ट कर देता हूं। धीरे-धीरे यह खेतों में सभी जगह तक पहुंच जाता है और मुझे समय की बचत होती है। इन्हें ज्यादा देर तक खेतों में घूमकर खाद छिड़काव या फिर जीवामृत को मिलाने की कोई आवश्यकता नहीं होती है। यह ट्यूबवेल की मदद से आसान हो गया है।
इस तरह से किसान कम समय में अपने खेतों में उर्वरक पहुंचा सकते हैं। इस जीवमृत से कम समय अधिक लाभ हो रहा है। इसके विषय में अधिक जानने के लिए आप इस वीडियो को देख सकते हैं।