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घायल सांड को बचाने के लिए अपनी बाइक तक बेच दी, हज़ारो बेजुबानों को अबतक नई ज़िन्दगी दे चुके हैं

दुनिया मे ऐसे बहुत कम लोग हैं जो बेज़ुबान जानवरो के दर्द को समझते हैं। इन्ही में से एक हैं भागलपुर के दीपक साह। दीपक साह( Deepak sah) का जन्म 5 जून 1980 में हुआ था। 40 वर्षीय दीपक ने भागलपुर के सिटी कॉलेज से स्नातक किया हैं। इन्हें वन जीव, पक्षियों और पर्यावरण से शुरू से ही लगाव था। इन्हे वन जीवो से इतना प्रेम है कि अब यह अपना जीवन पक्षियों की खोज और वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी में बिता रहे हैं।

घायल सांड के इलाज के लिए बाइक बेच दी

दीपक जब 20 साल के थे तब इन्होंने भागलपुर के बूढ़ानाथ मंदिर के पास घायल सांड़ देखा। इसके इलाज के लिए दीपक ने अपनी बाइक मात्र 20 हज़ार में बेच दी। यह बाइक उनके पिता ने उन्हें उपहार में दिया था। दीपक कहते है जब करीब एक महीने बाद वह सांड़ ठीक हो कर चलने फिरने लगा तब जा कर इन्हें राहत महसूस हुई।

Deepak sah saves animals

अब तक 400 पक्षियों की प्रजाति की खोज की

दीपक ने अब तक लगभग 400 पक्षियों की प्रजाति की खोज की हैं। इनमे से 40 प्रजाति तो भागलपुर के ही सौंडस कंपाउंड में खोजे हैं। इनमे से 200 विदेशी पक्षी हैं। प्रवासी पक्षियों में वारहैडेड, गूज, गडवाल, पोचार्ड जैसे पक्षी आते हैं। यहां गंगा किनारे दुर्लभ ब्लैक विंड काइट भी है जो 3 किलोकि मछली पकड़ उड़ सकता हैं।

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पक्षियों के डेटा को जीव संस्थान में भेजते हैं

दीपक प्रवासी पक्षियों के डेटा को वैज्ञानिक तरीके से सहेज कर रखा जा सके इसलिए पक्षियों के डेटा को उनकी फोटो सहित देहरादून के वन जीव संस्थान में भेजते हैं। इसके अलावा वह कुछ दिनों के लिए वन जीवो पर आधारित ट्रैनिंग के लिए भारतीय वन जीव संस्थान जाते है। दीपक जीव संरक्षण की वैज्ञानिक विधियां भी सीखते हैं।

सोनपुर मेले में पक्षियों का अवैध कारोबार बंद करवाया

दीपक ने राज्य के तत्कालीन वन मंत्री सुशील मोदी से मिल कर सोनपुर मेले में हो रहे पक्षियों के अवैध कारोबार को बंद करवाया। दीपक बताते है कि पहले गंगा किनारे पक्षियों और कछुआ का अवैध कारोबार होता था पर जब से दीपक ने इसे लेकर जागरूकता फैलानी शुरू किया तब से इसके तस्करी में कमी आई हैं। सिर्फ इतना ही नही अपने पक्षी प्रेम के कारण दीपक ने अपने घर पर करीब 100 गौरैयो को पनाह दी हैं।

जलशक्ति मंत्री से सम्मानित हो चुके हैं

दीपक साह को 2009 में अपने कार्यो के लिए पर्यावरण दिवस पर नमामि गंगे के एक कार्यक्रम में तत्काली जलशक्ति मंत्री ने पुरस्कृत किया। इन्हें भागलपुर से गंगा प्रहरी चुना गया था। यह पर्यावरण एवं वन विभाग के जिला स्तरीय विशेषज्ञ आकलन समिति के सदस्य हैं।

सांप पकड़ने की कला में माहिर

दीपक ने सांप पकड़ने की कला भी सीखी हैं। इन्होंने अब तक 400 से अधिक सांपो को पकड़ के चिड़ियाघर को सौंपा हैं। अब तो आस-पास के घरों से भी इन्हें सांप पकड़ने के लिए बुलाया जाता हैं। कुछ महीने पहले ही इन्होंने सैंडिस कंपाउंड में दुर्लभ प्रजाति के सांप ट्विन स्पॉटेड वोल्फ को पकड़ा था दीपक को कछुआ और डॉलफिन के रेस्क्यू में भी महारत हासिल हैं। अब तो हालात ऐसे है कि वाइल्ड लाइफ की टीम इन्हें कही भी अपने साथ लेकर ही जाती हैं।

खाली समय मे गंगा सफाई अभियान में लगे रहते हैं

दीपक अपने खाली समय मे गंगा नदी की सफाई में लगे रहते हैं। इसके अलावे वह बच्चों को फील्ड ट्रिप पर भी ले जाते है और उन्हें जागरूक करते हैं।

आज दीपक साह ( Deepak sah)विक्रमशिला गंगा डॉलफिन अभ्यारण्य के साथ काम कर रहे हैं। दीपक कहते है कि उनकी इच्छा है कि भविष्य में लोग नदी किनारे बसे शहरों को पक्षियों के कारण जाने। अगर आप दीपक साह से बात करना चाहते है तो 7766885588 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

मृणालिनी बिहार के छपरा की रहने वाली हैं। अपने पढाई के साथ-साथ मृणालिनी समाजिक मुद्दों से सरोकार रखती हैं और उनके बारे में अनेकों माध्यम से अपने विचार रखने की कोशिश करती हैं। अपने लेखनी के माध्यम से यह युवा लेखिका, समाजिक परिवेश में सकारात्मक भाव लाने की कोशिश करती हैं।

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