दिल्ली में दिन-ब-दिन बढ़ते प्रदूषण के बीच इसे हर-भरा रखने के लिए आवश्यक पेड़ों के जीवन को सुनिश्चित करने के लिए पूर्वी दिल्ली म्यूनिसिपिल कार्पोरेशन(East Delhi Municipal Corporation) एक अनोखी स्कीम लेकर आई है। इस योजना को “एक पेड़ अपनाओ” यानि ‘एडॉप्ट-अ-ट्री’ (Adopt a Tree) स्कीम की संज्ञा दी गई है। इस स्कीम के तहत पर्यावरण-प्रेमी व इच्छुक स्थानीय निवासी कोई भी एक पेड़ गोद ले सकेंगे। इतना ही नही पौधों के ट्री-गार्ड पर पेड़ गोद लेने वाले व्यक्ति का नाम व पता भी अंकित किया जाएगा।
क्या है ‘एडॉप्ट-अ-ट्री’ स्कीम
वर्तमान में दिल्ली को हरा-भरा बनाये रखने और पेड़ों के अस्तित्व को बचाए रखने के लिए पूर्वी दिल्ली नगर-निगम कॉर्पोरेशन ‘एडॉप्ट-अ-ट्री’ नाम से एक अद्भूत योजना लेकर आई है। वर्तमान में इस नागरिक एजेंसी ने पेड़ गोद लेने के इच्छुक निवासियों से एप्लीकेशन प्राप्त करना व रजिस्ट्रेशन करना भी शुरु कर दिया है। दिल्ली में हर दिन बढ़ते AQI (Air Quality Index) को देखकर व पेड़ों को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए यह योजना विकसित की गई है।
पौधों के ट्री-गार्ड पर लिखा जाएगा पेड़ गोद लेने वाले का नाम
यदि आप पूर्वी दिल्ली निवासी हैं व पर्यावरण-प्रेमी भी और आपने भी एक पेड़ को गोद लेने का मन बना लिया है तो जल्द ही पूर्वी दिल्ली नगर-निगम की इस स्कीम में रजिस्टर कराएं। पेड़ गोद लेने की स्थिति में बाकायदा पार्क या सड़कों पर लगे उस पौधे के ट्री-गार्ड(Tree-Guard) पर आपका नाम अंकित किया जाएगा।
आपको एडॉप्टेड पेड़ की करनी होगी पूरी तरह से देखभाल
पेड़ के ट्री-गार्ड पर जिस व्यक्ति का नाम लिखा होगा अर्थात जिस व्यक्ति ने उस पेड़ को गोद लिया होगा, उसकी पूरी तरह से यह ज़िम्मेदारी होगी कि न वे उस पेड़ को निर्धारित समय पर पानी दे बल्कि उसके लिए खाद आदि की व्यवस्था कर उसकी पूरी तरह से देखभाल करे। या यूं कहें कि जिस तरह आप एक शिशु को गोद लेने के उपरांत तमाम उम्र उसके माता-पिता की तरह उसकी केयर करते हैं, ठीक उसी तरह आपको अपने गोद लिये पेड़ की देखभाल भी करनी होगी।
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सिविक एजेंसी ने पिछले साल आरंभ की थी योजना
बता दें कि पिछले साल प्रयोग के तौर पर पूर्वी दिल्ली नगर-निगम द्वारा कोंडली नामक स्थान से इस योजना की शुरुआत की गई थी। ऐसे में, गोद लिये गए पेड़ों के बारे में तमाम जानकारी जुटाने हेतु Times of India अखबार द्वारा वहां का दौरा किया गया। हांलाकि, रिजल्ट अनुमानित तौर पर उतने संतोषजनक नही थे फिर भी कुछ पेड़ अच्छी स्थिति में पाये गये।
पूर्व में ट्री-गार्ड चोरी होने की स्थिति में यह योजना विफल रहीः राघवेंद्र सिंह
पूर्वी दिल्ली म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के निदेशक राघवेंद्र सिंह (Raghvendra Singh) कहते हैं कि- “हांलाकि पूर्व में भी इस प्रकार का एक प्रयास किया गया था किंतु ट्री-गार्ड चोरी हो जाने की वजह से वो योजना विफल रही, हर ट्री-गार्ड की कीमत तकरीबन 1 हज़ार रुपये होती है। पौधों पर से ट्री-गार्ड हटने का अंजाम यह हुआ कि वे पौधे क्षतिग्रस्त हो गये, क्योंकि बच्चे वहां खेलते थे, लेकिन पार्कों में उचित शेंडिग के लिए पेड़ लगाना भी बेहद ज़रुरी था, इन हालातों में हमने उन लोगों को बुलाया जो स्वेच्छा से 30 से 40 पौधे लगाते थे। हमने उन पौधों पर ट्री-गार्ड लगवाए और पौधों को पानी व उनकी पूर्ण सुरक्षा की ज़िम्मेदारी ‘पेड़ गोद लेने’ की योजना चलाकर स्थानीय निवासियों को दे दी है”
पर्यावरण के प्रति ज़िम्मेदाराना व्यवहार को बढ़ावा दे रही है ये योजना
पोधों को गोद लेने वाले लोग यह आश्वासन दे रहे हैं अब ट्री–गार्ड चोरी नही हो रहे और पौधे भी ठीक हैं। लेकिन यदि कोई पौधा पूरी तरह से बढ़ नही पा रहा या उसको प्रत्यारोपित करने की आवश्यकता है तो एजेंसी यह सुनिश्चित करती है कि जानकारी मिलने पर वह तुरंत उस पेड़ को दूसरी जगह लगाने की व्यवस्था करेगी। बेशक ही पेड़ों के अस्तित्व को बचाने के लिए की जा रही ये सारी मशक्कत नागरिकों में पर्यावरण के प्रति अपनी ज़िम्मेदारियों का वहन करने का भाव भी जागृत करेगी।
अब तक 200 पेड़ों को अपनाया जा चुका है
EDMC अधिकारी के मुताबिक – अभी तक बैंक एन्क्लेव, विश्वास नगर, झिलमिल कॉलोनी, गांधीनगर और शकरपुर जैसे क्षेत्रों में 200 पेड़ों को वहां के स्थानीय निवासियों द्वारा गोद लिया जा चुका है, इनमें से ज़यादातर पेड़ बेहद अच्छी अवस्था में हैं।