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एक खबर ने बदल दिया जीने का मकसद, जीवनदायिनी समूह के जरिए बचा चुके हैं 10 हजार लोगों की जानें

Delhi police Constable and blood donor Ravindra Dhariwal Jivandayini group

हर इन्सान के जीवन जीने का एक ऊद्देश्य होता है फिर चाहे वह कुछ भी हो जैसे किसी के जीवन का ऊद्देश्य अमीर बनना है तो किसी के जीवन जीने का मकसद दूसरों की भलाई करना होता है। कुछ ऐसी ही कहानी है एक पुलिस कॉन्सटेबल की जिसकी जिंदगी अखबार में निकली एक खबर ने बदल कर रख दिया। न्यूजपेपर में छपी एक खबर ने पलभर में उस कॉन्सटेबल के जीवन जीने का ऊद्देश्य दे दिया।

एक खबर ने बदल दिया जीने का उद्देश्य

दरअसल, हम बात कर रहे हैं भिवानी (Bhiwani) के रहनेवाले दिल्ली पुलिस के कॉन्सटेबल रविन्द्र धारिवाल (Delhi Police Constable Ravindra Dhariwal) की, जिन्हें एक खबर ने अंदर तक हिला कर रख दिया था। आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस अखबार में ऐसी कौन सी खबर थी जिसने रविन्द्र को जीने का ऊद्देश्य दे दिया। दरअसल, उस अखबार में एक खबर छ्पी थी कि सड़क दुर्घटना में घायल युवक को जब हॉस्पिटल लेकर जाया गया तो डॉक्टर ने कहा कि खून काफी अधिक बह चुका है इसलिए उन्हें खून की अधिक जरुरत है।

घायल युवक की इलाज के लिए पर्याप्त खून का इन्तजाम नहीं हो सका और परिणामस्वरुप खून की कमी की वजह से युवक की जान चली गई। इस खबर ने रविन्द्र को अंदर तक झकझोर के रख दिया था। इस घटना के बाद हमेशा उनके मन में यही ख्याल आता था कि आखिर वे ऐसा क्या करें ताकि लोगों की मदद हो सके। उसी दौरान उन्होंने अपने एक दोस्त अमित फोगाट के साथ अपने दुख को शेयर किया। उसके बाद से उन्होंने फैसला किया कि उनके जीवन का एकमात्र लक्ष्य है लोगों की जान बचाना।

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ऑफिशियल तौर पर लॉन्च हुआ जीवनदायिनी समूह

लोगों की जान बचाने के ऊद्देश्य से उन्होंने “जीवनदायिनी” समूह की शुरूआत की। जीवनदायिनी में अभी 1200 रक्तदाता हैं जिसमें से 700 से अधिक दिल्ली पुलिस के सैनिक हैं। इस सेना के साथ राज्यों के भी जवान जैसे हरियाणा और सुरक्षा एजेन्सियों के जवान जो लोगों की मदद की भावना रखते हैं जुड़े हुए हैं। दिल्ली पुलिस के इस नेक कार्यों से प्रभावित होकर तत्कालीन पुलिस कमिश्नर अस्थाना ने बीते 14जून को ऑफिशियल तौर पर जीवनदायिनी को लॉन्च कर दिया। इतना ही नहीं आजादी के अमृत महोत्सव पर इस समूह से जुड़े 75 ब्लड डोनर को अवार्ड और प्रशस्ति पत्र देकर उन्हें सम्मानित भी किया गया है।

एक कॉल पर पहुंच जाती है जीवनदायिनी

बता दें कि, जीवनदायिनी के ऑफिशियल लॉन्च के बाद भी उसे ओपरेट करने के कार्य को रविन्द्र संभालते हैं जबकी उसकी मॉनीटरिंग का काम पुलिस द्वारा किया जाता है। जीवनदायिनी समूह द्वारा कई राज्यों में अलग-अलग मरीजों को खून देकर उनकी मदद किया जा रहा है जिसमें कैंसर, कोविड, डेंगू आदि जैसे रोग से ग्रसित मरीज शामिल हैं। आजकल जहां समय पर पुलिस नहीं पहुंचती है वहां यह समूह एक कॉल करते ही ब्लड डोनेट (Blood Donate) करने के लिए पहुंच जाती है।

10 हजार लोगों की बचा चुके हैं जान

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, किसान परिवार से सम्बंध रखनेवाले रविन्द्र साल 2012 में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि जीवनदायिनी समूह ने साल 2017 से लेकर अभी तक 9 हजार से ज्यादा यूनिट ब्लड देकर प्लेटलेट्स, प्लाज्मा, WBC उपल्बध करवा चुका है। जबकी इस समूह की मदद से लगभग 10 हजार लोगों की जान बच चुकी है।

रविन्द्र (Delhi Police Constable Ravindra) कहते हैं कि, उन्होंने अभी तक अकेले 88 बार ब्लड डोनेट करने के साथ-साथ अमित फोगाट 90 बार, आशीष दहिया 109 बार रक्तदान कर चुके हैं। बता दें कि, जीवनदायिनी समूह में कई महिलाएं भी शामिल हैं जो जरुरत पर रक्त दान करती है। आज इस समूह के माध्यम से अनेकों लोगो की जान बच रही है तो अच्छी बात है।

The Logically दिल्ली पुलिस कॉन्सटेबल रविन्द्र धारिवाल समेत जीवनदायिनी समूह के सभी रक्तदाताओं की प्रशंशा करता है।

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