इंडिया गेट (India Gate) से राष्ट्रपति भवन तक जाने वाली सड़क राजपथ जहां प्रति वर्ष गणतंत्र दिवस पर परेड निकाली जाती है, को अब “कर्तव्य पथ” (Kartavya Path) के नाम से जाना जाएगा। जी हां, देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुलामी की प्रतिक राजपथ को कल तक का इतिहास बनाकर कर्तव्य पथ के रूप में नए इतिहास का सृजन किया है।
ब्रिटिश राज का राजपथ हुआ इतिहास, अब नया भारत कर्तव्य पथ की ओर
देश के प्रधानमंत्री मोदी(PM Narendra Modi) ने कल यानी 8 सितम्बर की शाम को 3 किमी लम्बा राजपथ को “कर्तव्य पथ” (Kartavya Path) में परिवर्तित कर दिया है। साथ ही इंडिया गेट पर नेताजी सुभाषचंद्र की काले मार्बल से बनी 28 फीट उँची प्रतिमा (Netaji Subhash Chandra Bose Idol) का अनावरण करके उन्होंने देशवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि, आजादी के अमृतकाल में गुलामी की एक और पहचान किंग्सवे अर्थात राजपथ से मुक्ति के लिए बधाई देता हूं।
पैदल यात्रियों के लिए लाल ग्रेनाईट से बनाया गया है पैदल पथ
गुलामी की प्रतीक राजपथ अब सिर्फ इतिहास बनकर रह गया है और इसी के साथ अब देश के नागरिक राजपथ का नया इतिहास कर्तव्य पथ का पर आ-जा सकेंगे। इस सड़क के दोनों ओर हरियाली और लॉन के साथ-साथ पैदल चलनेवाले लोगों के लिए पैदल पथ बनाया गया है जिसका निर्माण लाल ग्रेनाईट की पत्थरों से हुआ है।
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लोगों को न दिक्कत इसलिए बनाएं गए हैं पैदल यात्री अंडरपास
सेंट्रल विस्टा एवेन्यू (Central Vista Avenue) में पहले लोगों के चलने के बजरी थी, लेकिन अब इसमें 15.5 किमी के क्षेत्र में बना पैदल पथ कर्तव्य मार्ग की भव्यता को और अधिक बढ़ाएँगे। इससे पैदल चलने वालों लोगों को सहूलियत होगी साथ ही यातायात की दृष्टि से भी यह आसान होगा। कर्तव्य पथ के बिजी रहनेवाले जंक्शनो चार नए पैदल यात्री अंडरपास का निर्माण किया गया है, ताकि वाहनों की आवाजाही और पैदल यात्रियों को एक-दूसरे से किसी भी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पड़े और वे सुरक्षा के साथ सड़क पार कर सके।
लगाएं गए हैं 900 से अधिक लाइट्स वाले खम्भे
जानकारी के अनुसार, सड़क पर पहले से लगे 74 ऐतिहासिक खम्भों और चेन लिंक को कर्तव्य पथ पर फिर से अपग्रेड किया गया है जबकी 900 से अधिक नए खम्भे लगाएं गए हैं और सभी खम्भे लाइट्स से कनेक्टेड हैं। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आनेवाले लोगों के लिए यह जगह सुरक्षित रहे। एक अधिकारी के अनुसार, कर्तव्य पथ परिसर के ऐतिहासिकता को बनाए रखने के लिए 1 हजार से अधिक सफेद बलुआ पत्थर से बने बोल्डरों का इस्तेमाल किया गया है।
पूरे मार्ग पर की गई है ये व्यवस्था
पैदल चलने वाले यात्रियों के लिए सड़क को मजबूत और टिकाऊ सामग्रियों का इस्तेमाल करके बनाने के साथ ही CPWD द्वारा कर्तव्य पथ पर 600 नए साइनेज और 400 बैंच लगाएं गए हैं। इसके अलावा वहां लोग कूड़ा-करकट इधर-उधर न फेंके और साफ-सफाई बना रहे इसके लिए पूरे रास्ते में 150 कूड़ादान रखा गया है।
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कर्तव्य पथ परिसर में मौजूद हैं 16 नाहर
एक अधिकारी द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार, 19 एकड़ क्षेत्र में फैले नहर परिसर का नवीनीकरण किया गया है साथ ही सभी नहरों की बुनियादी ढांचो को ध्यान में रखते हुए उसका भी नए सिरे से विकास किया गया है। नहरों से जल का रिसाव न हो इसके लिए नहर की दीवारों को मजबूत किया गया है। परिसर में मौजूद कुल 16 नहरों में दो नहरें जो कृषि भवन और वाणिज्य भवन के पास हैं, लोग नौका विहार कर सकेंगे।
परिसर में किया गया है शौलचयों की बेहतर व्यवस्था
सेंट्रल विस्टा की भव्यता को बढ़ाने के लिए सीढ़ीदार प्लाजा का निर्माण किया गया है। इसके अलावा कर्तव्य पथ नए जनसुविधाओं को ध्यान में रखते हुए नहरों, खाद्य वस्तुओं के स्टॉल समेत बिक्री स्टॉल और नई सुविधाएँ वाले ब्लॉक भी मौजूद होंगें। इतना ही नहीं कर्तव्य पथ (Kartavya Path) परिसर में लोगों की सुविधा के लिए शौचालय भी जोड़ें गए हैं, जिसमें पुरुषों के लिए 32, महिलाओं में 64 शौचालय और 10 सुलभ शुचालय शामिल हैं। इसके अलावा इस मार्ग में पीने वाले पानी के फव्वारे, वेडिंग क्योस्क समेत 8 ब्लॉक बनाएं गए हैं जिसमे नई सुविधाएं मिलेंगी।
राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करके भारत ने गुलामी की एक और प्रतिमा को इतिहास बना दिया है और नए कर्तव्य पथ के साथ नया इतिहास रचने को तैयार है।