Wednesday, December 13, 2023

दिल्ली परिवहन सर्विस ने न्युक्त किए 11 महिला बस ड्राइवर, कोई मुक्केबाज तो कोई शिक्षक: गौरव के पल

हमारे देश की महिलाओं ने हमेशा ही स्वयं को इस कदर तैयार किया है कि वह किसी भी माहौल में ढ़ल सकें। उन्होंने अपना नाम इतिहास के पन्नो में स्वर्णिम अक्षरों में लिखवाया है और आज भी ये कारवां जारी है। जी हां एक बार फिर महिलाओं ने वो कर दिखाया है जिससे लोग उनके जज्बे को सलाम कर रहे हैं।

दरअसल दिल्ली में 11 महिलाओं को बस ड्राइविंग का आदेश दिया गया है। जिसके लिए उनका चयन है और ट्रेनिंग प्रारंभ होने वाली है। मंगलवार के दिन दिल्ली सरकार द्वारा महिला बस चालकों का फर्स्ट ग्रुप भर्ती हुआ। उन्हें बस चालक का तैनाती लेटर दिया गया जो दिल्ली परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दी। ये एक ऐतिहासिक क्षण है जिसे हर कोई याद रखेगा।

बस चालक महिलाएं

सभी महिलाओं को अपना-अपना डिपो दिया गया और उन्हें यह बता दिया गया कि उन्हें किस तरह काम करना है। अगर हम महिलाओं के बारे में बात करें तो आपको जानकर यह हैरानी होगी और खुशी भी कि इन बस चालक महिलाओं में कई महिला शिक्षक हैं तो कई मुक्केबाज। ऐसी बहुत सी महिलाएं हैं जिन्होंने स्टेट लेवल पर प्रतियोगिता में पार्टिशिपेट होकर जीत का परचम लहराकर अपनी अनूठी छाप छोड़ी है।

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अन्य महिलाओं को मिलेगी प्रेरणा

बबीता धवन जिनकी आयु 27 वर्ष है वह हरियाणा से ताल्लुक रखती हैं। वह कहती हैं कि मैं अपने खेतों की जुताई के लिए ट्रैक्टर चलाया करती थी, अगर मैं ट्रैक्टर चला सकती हूं तो बस चलाना कौन सी बड़ी बात है। बबिता कहती हैं कि मैं उन सभी महिलाओं को तहे दिल से शुक्रिया अदा करना चाहती हूं जिन्होंने अपने कैरियर को बस ड्राइविंग का रूप दिया। मुझे आशा है कि अन्य महिलाएं भी हमसे प्रेरित होकर आगे बढ़ेगी और बस ड्राइवर बनेगी।

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महिलाओं को मिल रहा है प्रशिक्षण

दिल्ली परिवहन मंत्री ने यह बताया कि उन महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है फिर उन्हें बस चलाने की नियुक्ति पत्र भी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद दे दिया जाएगा। हालांकि दो ग्रुप की महिलाओं को प्रशिक्षण मिल चुका है और उन्होंने अपना HMV लाइसेंस हासिल कर लिया है। बाकी जो महिलाएं हैं उन्हें भी ट्रेनिंग दी जा रही है उन महिलाओं को नंदनगरी में प्रशिक्षण मिल रहा है यहां कुछ महिलाएं और भी प्रशिक्षण ले रही हैं।

मिलेगा HMV लाइसेंस भी

महिलाओं को HMV लाइसेंस प्राप्त करने तथा प्रशिक्षण दिलाने के लिए एक पहल की शुरुआत भी की गई है जिसका नाम “मिशन परिवर्तन” है। महिलाओं को सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में लगभग 15000 बस ड्राइवर में मौजूद होने की अनुमति मिली है। अब महिलाएं भी लोगों को एक से दूसरे जगह लोगों को पहुचाने का कार्य करेंगी।