प्लास्टिक वेस्ट (Plastic Waste) पूरे विश्व के लिए बहुत बड़ी चुनौती बनी हुई है। इससे हमारा पर्यावरण प्रदूषित होने के साथ ही कई जिंदगियां भी खत्म हो जाती है। प्लास्टिक वेस्ट से हो रहे नुक्सान से छुटकारा पाने के लिए कई तरह के कैंपेन चलाएं जा रहे हैं तो वहीं ईको-फ्रेंडली प्रोडक्ट बनाए जा रहे हैं। वहीं कुछ लोग प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट पर भी काम कर रहे हैं ताकि इस समस्या को कम किया जा सके।
आज की यह कहानी भी एक ऐसी महिला की है जो वेस्ट मैनेजमेंट पर काम करने के साथ ही उससे अच्छी आमदनी भी कमा रही है। साथ ही लोगों को रोजगार भी दे रही है। Delhi’s Kanika Ahuja makes bags and handicrafts from plastic waste.
कौन है वह महिला?
दरअसल हम बात कर रहे हैं दिल्ली (Delhi) की रहनेवाली कनिका आहुजा (Kanika Ahuja) की, जो दिल्ली विश्वविद्यालय से MBA की शिक्षा ग्रहण की हैं। उनके माता का नाम अनिता आहुजा और पिता का नाम शलभ आहुजा है। वे कन्जर्वेशन इंडिया के बैनर तले वे लगभग 20 वर्षों से वेस्ट मैनेजमेंट के फील्ड से जुड़े हैं।
कैसे आया प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट का विचार?
कनिका कहती हैं कि, कूड़ा-कचड़ा बीनने वाले लोगों की जिंदगी बहुत चिंताजनक और संकटग्रस्त है। काफी मेहनत करने के बाद भी उन्हें वैसी आमदनी नहीं हो पाती है जिससे वे अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण कर सके। उनकी समस्याओं को देखते हुए कनिका ने कुछ ऐसा करने का सोचा जिससे प्लास्टिक के कचड़े से छुटकारा भी मिले और स्लम एरिया में रहनेवाले लोगों को अच्छी कमाई भी हो।
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शुरु की खुद की कम्पनी
वर्ष 2017 में कनिका ने वेस्ट मैनेजमेंट के फील्ड में करियर शुरु करने और अपने पैरंट्स के योजनाओं को कमर्शियल लेवल तक पहुंचाने का फैसला किया। इसी फैसले के साथ वह आगे बढ़ी और खुद की एक कम्प्नी स्थापित की, जिसका नाम “लिफाफा” (Lifaffa) रखा। उन्होंने अपनी कम्पनी में कचरे से फैशन की चीजों को बनाना शुरु किया। उनके पिता ने इस काम में प्रयोग होनेवाले मशीनरी सामानों और उपकरणों की व्यवस्था की। हालांकि, इस काम को करने के लिए कुछ मजदूरों की जरुरत थी। ऐसे में उनकी मां ने मजदूरों को प्रशिक्षण देने का काम सम्भालने की जिम्मेदारी पूरी की।
वैस्ट से कई प्रकार के उत्पाद बनाती हैं कनिका
प्लास्टिक वेस्ट से कनिका कई प्रकार के प्रोडक्ट बनानी शुरु की जैसे, बैग पर्स फैब्रिक प्रोडक्ट और हैंडीक्राफ्ट आदि। उसी दौरान एक बार उन्होंने Lakme के फैशन वीक में हिस्सा लिया और अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग की| फैशन वीक में लोगों ने उनके उत्पाद की काफी प्रशंशा की। इससे उनके ब्राण्ड को पहचान मिलने के साथ ही उनका आत्मविश्वास भी बढ़ा। Delhi’s Kanika Ahuja makes bags and handicrafts from plastic waste.
दो दर्जन से अधिक प्रोडक्ट हैं मौजूद
वह कहती हैं, इस काम को शुरु करने के पीछे का ऊद्देश्य पैसा कमाना नहीं था और आज भी हमारा ऐसा ऊद्देश्य नहीं है। लेकिन प्रोडक्ट अच्छे होने के कारण लोगों के बीच इसकी मांग बढ़ी। अब जब प्रोडक्ट की मांग बढ़ेगी तो जाहिर से बात है आमदनी का दायरा भी बढ़ेगा। अच्छी आमदनी के साथ-साथ अपने व्यवसाय को भी बढ़ाते गईं। उनकी कम्पनी में लोगों की मांग के अनुसार भी उत्पाद बनाए जाते हैं। वर्तमान में उनके पास 2 दर्जन से अधिक वेरायटी के उत्पाद हैं, जिनमें रोजाना इस्तेमाल होनेवाली चीजों से लेकर कई फैशनेबल प्रोडक्ट शामिल हैं।
कैसे करती हैं मार्केटिंग ?
किसी भी बिजनेस में मार्केटिंग का एक अहम रोल होता है, क्योंकि प्रोडक्ट की अच्छे से मार्केटिंग की जाएं तो इससे बिजनेस बढ़ने के साथ-साथ पहचान और आमदनी दोनों बढ़ता है। कनिका ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से देशभर में अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करती हैं। वे लिफाफा की वेबसाइट, AMAZON जैसे प्लेटफॉर्म पर भी अपने प्रोडक्ट को सेल करती हैं। इसके अलावा वे होलसेल और रिटेलर्स के माध्यम से भी अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करती हैं।
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360 टन से अधिक वेस्ट को कर चुकी हैं रिसाइकल
कनिका के साथ कई लोग जुड़े हुए हैं जिनमें वर्कर्स और महिलाएं शामिल हैं। इतना ही नहीं उनके साथ कचरा बीनने वाले और स्लम एरिया के युवा भी उनके साथ जुड़े हुए हैं, जो कचरा को इकट्ठा करके उन्हें देते हैं। अभी तक कनिका ने 360 टन से भी अधिक प्लास्टिक वेस्ट रिसाइकल करके प्रोडक्ट बना चुकी हैं। वैस्ट अपसाइक्ल करके वह हर महीने 2 हजार बैग तैयार करती हैं।
कैसे बनाती हैं वेस्ट से सामान?
प्लास्टिक वेस्ट से प्रोडक्ट बनाने के लिए सबसे पहले उसे उसके आकार और रंग के अनुसार अलग-अलग भागों में बांटा जाता है। उसके बाद उन्हें अच्छी तरह से साफ करके धूप में सुखाया जाता है। वेस्ट सूखने के बाद जरुरत के हिसाब से कलर मिक्सिंग का काम किया जाता है।
अब प्रोडक्ट बनाने के लिए कई प्लास्टिक वेस्ट को एक साथ मशीन में डालकर गर्म करके लिक्विड में बदला जाता है। उसके बाद उस द्रव पदार्थ से अलग-अलग प्रकार के उत्पाद बनाएं जाते हैं। अन्त में जब प्रोडक्ट तैयार हो जाते हैं तब उसका प्रोसेसिंग और डिजाईनिंग किया जाता है औए तत्पश्चात मार्केट में बेचने हेतु पैकेजिंग का काम किया जाता है।
200 से अधिक महिलाओं को रोजगार से जोड़ा
कनिका आहुजा द्वारा प्लास्टिक वेस्ट की समस्या से छुटकारा पाने की इस पहल से पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका निभा रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने प्लास्टिक वेस्ट से प्रोडक्ट बनाने के स्टार्टअप से 200 से अधिक महिलाओं को रोजगार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया है। Delhi’s Kanika Ahuja makes bags and handicrafts from plastic waste.