मसाला एक ऐसा इनग्रेडिएंट है जिसका इस्तेमाल हर घर के किचन में होता है, क्योंकि इसके बिना व्यंजनों का स्वाद बिल्कुल फीका है। यही वजह है कि मसालों की डिमांड बनी रहती हैं लेकिन अब मसालों में भी मिलावट की शिकायत देखने को मिल रही है, जिससे लोग अब ऑर्गेनिक और नेचुरल होममेड मसालों को अधिक पसंद कर रहे हैं। ऐसे में होममेड मसालों की भारी मांग को देखते हुए अब कुछ लोग होममेड मसालों का बिजनेस शुरु करके आज लाखों की कमाई भी कर रहे हैं।
होममेड मसालों से कमाई करने वाले लोगों में से एक से नाम शैली सबावाला (Shelley Subawalla) का है, जो होममेड पारसी मसालों (Homemade Parsi Spice) के स्टार्टअप से देश-विदेश में मार्केटिंग करके सालाना 13 लाख का टर्नओवर कमा रही हैं। इसी कड़ी में आइए जानते हैं विस्तार से-
शैली के बारें में कुछ बातें…
शैली सबावाला (Shelley Subawalla) दिल्ली (Delhi) की रहनेवाली हैं और उनकी उम्र 45 वर्ष है। उन्होंने स्नातक की शिक्षा पूरी करने के बाद वह कई कंपनियों में नौकरी की लेकिन शादी के बाद नौकरी छोड़ घर-गृहस्थी बसाने में लग गईं। अपने घर के लिए वह खुद से ही मसाले तैयार करती थी जिसकी रेसिपी उन्होंने अपनी नानी से सीखी थी। दरअसल, शैली को बचपन से ही अपनी नानी की रेसिपी को सीखने और बनाने में रुचि थी जो नौकरी के बाद जारी
रहा।
परिचितों ने दी बिजनेस शुरु करने की सलाह
शैली अपने घर के लिए जो मसाले तैयार करती थीं उन्हें अपने रिश्तेदारों में बांटती थी। उनके हाथ के बने मसालों को सगे-सम्बंधी द्वारा काफी पसंद किया जाता था। उसके बाद उन्होंने 5 साल पहले शैली को सलाह दिया कि क्यों न कमर्शियल लेवल पर इस काम को शुरु किया जाए। उन्हें रिश्तेदारों की सलाह अच्छी लगी और उन्होंने सोचा कि नानी के हाथों का स्वाद और जादुगरी को वे दूसरों के घरों तक पहुँचाएंगी।
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10 हजार रुपये की लागत से शुरू किया बिजनेस
नानी की रेसिपी को घर-घर तक पहुंचाने के लिए उन्होंने 3-4 मसाले तैयार किया, जिसमें 10 हजार रुपये का खर्च आया। इस काम में हाथ बटाने के लिए एक महिला को भी साथ में ले लिया। अब जरुरत थी लोगों तक मसाले पहुंचाने के लिए मार्केटिंग करने की, तो इसके लिए उन्होंने घर से मार्केटिंग करनी शुरु की और आगे चलकर “जरीन सीक्रेट” (Zarin Secret) नामक एक कम्पनी रजिस्टर्ड करवाई।
सबसे पहले माउथ पब्लिसिटी के जरिए की प्रोडक्ट की मार्केटिंग
मार्केटिंग के बारे में बताते हुए शैली कहती हैं कि, सबसे पहले उन्होंने प्रोडक्ट की मार्केटिंग करने के लिए माउथ पब्लिसिटी का इस्तेमाल किया। इसके माध्यम से एक कस्टमर दूसरे कस्टमर को प्रोडक्ट के बारे में जानकारी देते थे और इस प्रकार तीसरे लोगों को इसके बारें में पता चलता था। इसके अलावा उन्होंने प्रोडक्ट की क्वालिटी को ध्यान में रखते हुए हमेशा बेहतर करती गईं, जिससे ग्राहकों को भी उनके द्वारा बनाए गए मसाले पसंद आने लगे।
डिमांड बढ़ने के बाद सोशल मीडिया से करने लगी मार्केटिंग
आप जानते हैं नेट्वर्क की दुनिया में सोशल मीडिया मार्केटिंग करने के लिए बहुत ही बेहतर जरिया है। इसके जरिए लोगों को एक-दूसरे तक अपनी बातों को, प्रोडक्ट पहुंचाने में आसानी होती है और लोग भी आसानी से जुड़ते चले जाते हैं। शैली (Shelley Subawalla) ने भी जब देखा कि मसालों को डिमांड अब बढ़ रही है, तो उन्होंने भी मार्केटिंग के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। उन्होंने हर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अकाउंट बनाया, अलग-अलग ग्रुप ज्वाइन की, अपना पेज क्रिएट करके अधिकांश टाइम एक्टिव रहने की कोशिश की, ताकि ग्राहकों के प्रश्न का तुरंत उत्तर दिया जा सके।
सालाना 13 लाख का हो रहा टर्नओवर
सोशल मीडिया के जरिए उनकी मार्केटिंग और मेहनत दोनों सफल हुई और उन्हें देशभर से मसालों के आर्डर आने शुरू हो गए। उसके बाद उन्होंने कोरियर कंपनियों से टाइअप किया और मसालों की मार्केटिंग करने लगी। धीरे-धीरे उनका काम काफी आगे बढ़ गया और कुछ ही समय बाद उन्हें देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी आर्डर मिलना शुरू हो गया।
वर्तमान में वह अमेरिका, जापान, दुबई और सिंगापुर समेत विश्व के कई देशों में अपने प्रोडक्ट की सप्लाई कर रही हैं। इससे उन्हें सालाना 13 लाख रुपए का टर्नओवर हो रहा है। हालांकि, कोविड-19 के पहले उनके कारोबार का टर्नओवर 20 लाख तक पहुंच चुका था।
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मसाला तैयार करने की प्रक्रिया
जैसा कि आप जानते हैं मार्केट में केमिकल युक्त मसालों की बिक्री हो रही है, जो सेहत को नुकसान पहुँचा रहा है। ऐसे में शैली अपने पारसी मसालों को बेहतर क्वालिटी देने के लिए वह स्थानिय किसानों से रॉ मटेरियल खरीदती हैं। उसके बाद उन्हें भुनती हैं जिसे एक निश्चित मात्रा में सभी मसालों को मिश्रित करके पीसा जाता है। इतनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद मसालों का स्वाद चखकर बिक्री के लिए उनकी पैकेजिंग की जाती हैं।
बनाती हैं 50 अलग-अलग प्रकार के प्रोडक्ट
वर्तनाम में शैली किचन के हर प्रकार के मसाले बनाती हैं, जिसमें दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत तक के सभी विशेष मसालें शामिल हैं। फिलहाल वह 50 अलग-अलग प्रकार के प्रोडक्ट बना रही हैं, जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों के खास मसालों और आचार की रेसिपी शामिल है। उनकी एक खास बात यह है कि वे हर पैकेट के साथ एक मसाला रेसिपी नोट भी भेजती हैं।
क्या होता है पारसी मसाला?
दरअसल, पारसी समुदाय के लोगों द्वारा अलग-अलग मसालों को मिलाकर तैयार किया जानेवाला एक अलग प्रकार के मसाला को पारसी मसाला कहा जाता है। यह अपनी सौंधी खुश्बू और लजीज स्वाद के लिए मशहूर होता है। इसके अलावा बाकी मसालों से यूनिक इस मसाले का प्रयोग शाकाहारी और मांसाहारी दोनों प्रकार के व्यंजनों को बनाने में किया जाता है।