Wednesday, December 13, 2023

राजस्थान का यह गांव बना देश का पहला स्मार्ट विलेज, इसकी खुबसूरती के आगे शहर भी फीका है

भारत की 69% आबादी गांवोंं में निवास करती है। शायद इसिलिए भारत को गांवों का देश भी कहा जाता है और गांवों के विकास को ही देश का विकास समझा जाता है। मौजूदा दौर में गांवों के विकास पर गवर्नमेंट ध्यान दे रही है लेकिन आज भी कई गांव ऐसे हैं जरुरत के संसाधनों से भी वंचित हैं। उन गांवों में न तो अच्छी सड़कें हैं, न इंटरनेट और बिजली की सुविधा जैसे कई मूलभूत जरूरतों की पूर्ति नहीं है।

पिछड़े गांवों को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि हमारा देश विश्व के नजरों में विकसित भले ही हो रहा है लेकिन जमीनी स्तर पर यह बहुत अधिक पिछड़ा है जिसे सुधारने की जरुरत है। क्योंकि गांवों का विकास होने के बाद ही सही मायने में देश का विकास संभव है।

हालांकि, ध्यान देने वाली बात है कि सभी गांव पिछड़े नहीं हैं। कुछ गांव अपने विकास से अलग पहचान बनाने में सफलता हासिल की है और उन्हीं में से एक गांव राजस्थान का है जिसे भारत का पहला स्मार्ट गांव (First Smart Village of India) होने का खिताब मिला है। तो चलिए जानते हैं उस गांव के बारें में जिसने ये मुकाम हासिल किया है।

कहां स्थित है स्मार्ट गांव?

दरअसल हम बात कर रहे हैं धनौरा गांव (Dhanora Village) की, जो राजस्थान (Rajasthan) के धौलपुर जिले में स्थित है जिसकी जिला मुख्यालय से दूरी 30 किमी है। लगभग 2 हजार आबादी वाले गांव एक बेहतर जीवनयापन करने के लिए आदर्श बन चुका है। इस गांव में शहरों जैसी हर सुविधा मौजूद है जैसे सोलर स्ट्रीट लाइट, वैस्ट मैनेजमेंट, साफ-सुथरी पकी सड़कें, पब्लिक लाइब्रेरी, अच्छे-अच्छे मकान आदि। लेकिन धनौरा गांव की ऐसी स्थिति पहले नहीं थी, ये भी बाकी गांवों के जैसा ही पिछड़ा था।

यह भी पढ़ें :- जबलपुर के इस परिवार ने बिना पेड़ को नुक्सान पहुंचाए बना दिया दो मंजिला घर, पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

धनौरा पिछड़ें गांव से स्मार्ट गांव में कैसे हुआ तब्दील?

यह गांव भी देश के बाकी गांवों के जैसा ही था। यहां भी न अच्छी सड़कें थीं और न ही सही तरीके की मूलभूत सुविधाएं। लेकिन साल 2016 इस गांव के लिए अच्छा साबित हुआ। “इको नीड्स फाउंडेशन” ने इसे गोद लेकर स्मार्ट गांव प्रोजेक्ट (Smart Village Project) की शुरूआत किया। इस परियोजना के अंतर्गत साफ-सफाई, सड़कों का निर्माण, पीने योग्य साफ पानी, जल संरक्षण, सोलर पावर का एक्सेस और प्रोपर हाउसिंग, वृक्षारोपण आदि विभिन्न प्रकार के सतत विकास की दिशा में प्रयास किए गए। 2 वर्षों की मेहनत के परिणामस्वरूप धनौरा गांव डिजिटल गांव में परिवर्तित हुआ।

Dhanora first smart village of india

सड़कों के पुनर्निर्माण के बाद आया तेजी से बदलाव

धनौरा गांव (Dhanora Smart Village of India) में सड़कों की स्थिति बहुत ही जर्जर थी जिससे बाकी दुनिया से पहुंच बनाना काफी कठिन था। लेकिन सड़कों की निर्माण के बाद इसकी पहुंच देश की बाकी जगहों से भी होने लगी। इतना ही नहीं वहां रहने के लिए उचित आवास, बच्चों के लिए स्कूल आदि का निर्माण हुआ। वहीं ग्रीनफील्ड परियोजना के अंतर्गत नए क्षेत्रों को विकसित किया गया ताकि अपशिष्ट जल प्रबंधन संयंत्र, अपशिष्ट निपटान औए वृक्षारोपण जैसी अन्य सुविधाएं मिल सके।

आज के समय बिजली जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बिना जैसी जिंदगी अंधकारमय प्रतीत होती है। यह गांव भी इलेक्ट्रॉनिक प्लानिंग ने इंटरनेट कनेक्शन से लेकर सौर ऊर्जा, पब्लिक पुस्तकालय, और कम्प्यूटर आदि के काफी करीब पहुंच गया। वहां के लोगों को देश-दुनिया के बारें में अलग-अलग चीजें जानने को मिलने लगी।

यह भी पढ़ें :- Curdi: भारत का एक अनोखा गांव जो साल में सिर्फ एक बार ही आता है पानी से बाहर, वजह हैरान कर देगी

कैसा होता है स्मार्ट गांव?

एक गांव को स्मार्ट गांव तब कहा जाता है जब वह 5 बुनायादी आवश्यकताओं को पूरा कर लेता है जैसे, इलेक्ट्रॉनिक योजना, पुनर्विकास, रेट्रोफिटिंग और अच्छे आवास आदी। राजस्थान सरकार और इको नीड्स फाउंडेशन ने वहां के स्थानिय लोगों के साथ मिलकर धनौरा गांव में इन बुनियादी जरूरतों को पूरा किया है और भारत का पहला स्मार्ट गांव (Dhanora First Smart Village of India) बनाया है।

डेस्टिनेश का अनुभव देता है धनौरा गांव

यदि आप स्मार्ट गांव देखने के लिए धनौरा गांव में जाएंगे, तो आपको एक सार्वजनिक समुदाय हॉल मिलेगा। वहां से आप उसके बारें में सम्पूर्ण जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं। धनौरा गांव में अब जाने के लिए किसी भी प्रकार की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। यहां कोई भी कभी भी जा सकता है। इस गांव में जाने के बाद हर वो सुविधा मिलेगी जो आपको एक डेस्टिनेशन जैसी अनुभूति कराएगी।

धनौरा गांव से शिक्षा लेकर बाकी राज्य सरकारों को भी अपने अंतर्गत आनेवाले सभी गांवों में बेसिक नीड्स को पूरा करके स्मार्ट विलेज बनाने की प्रयास करनी चाहिए। ताकि गांवों के विकास के साथ देश का भी बेहतर विकास हो सके।