एक बात सोचने पर बहुत ही ज्यादा खुशी होती है कि आजकल हमारे देश के अधिकांश युवा, महिलाएं कृषि क्षेत्र में जागरूकता फैलाने के लिए कार्य कर रहें हैं। साथ ही दूसरों के लिए प्रेरणा भी बन रहें। पहले हमें यूं लगता था कि गांव में ही खेती होती है और इसी के भरोसे लोग अपना जीवन-यापन करते हैं। लेकिन अब ऐसा बहुत ही कम देखने को मिल रहा है। हमारे देश के अन्य व्यक्ति भी, जो बड़े-बड़े शहरों में रहते हैं, वह अपने घरों में, छत पर, बालकनी, में या फिर दीवारों पर भी सब्जियों को लगाकर शुद्ध और ताजी सब्जियों का सेवन कर रहे हैं। जिससे उन्हें बहुत ही लाभ मिल रहा है।
आज की यह कहानी मुंबई की रहने वाली एक महिला की है, जो अपने बालकनी में छोटे-छोटे प्लास्टिक के पात्रों में पौधे लगाकर, लगभग 30 प्रकार से भी अधिक तरह की सब्जियां, अपार्टमेंट में बागानी बनाकर औषधियों, फलों और फूलों को उगा रहीं हैं। चलिए पढ़ते हैं इनकी कहानी कि यह सब्जियां कैसे और किस विधि से उगा रहीं हैं, साथ ही जानते हैं, इन्हें इस विधि से क्या लाभ मिल रहा है।
मुंबई की दीप्ति झंझनी
34 वर्षिय Dipti Jhanjhani मुंबई (Mumbai) से ताल्लुक रखती हैं। इन्होंने अपनी पढ़ाई जय हिंदू कॉलेज (Jai Hindu College) से पूरी की। पुणे (Pune) गई और वहां जर्नलिज्म में पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा की डिग्री प्राप्त की। इन्होंने बीएमएम से स्नातक भी किया है। नेटवर्क अठारह जैसे मीडिया क्षेत्र में भी इन्होंने काम किया है। इतना ही नहीं इन्होंने Times Of India डीएनए हिंदी के लिए भी फ्रीलांस दिया है।
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50 वर्ग फुट बालकनी में लगायें 30 पौधे, एडिबल गार्डन है बालकनी
दीप्ति लगभग 8 वर्षों से अपने बालकनी, जो 50 वर्ग फुट की है उसमें 30 प्रकार की सब्जियां को उगा रहीं हैं। सब्जी उगाने के लिए उन्होंने जो विधियां अपनाईं हैं, चलिए अब उन्हें हम पढ़ते हैं।
पहले तो इन्होंने 2017 में एडीबल गार्डन का निर्माण किया और उस गार्डन में ही सब्जियां उगातीं थीं। सबसे पहले यह छोटे-छोटे कन्टेनर, जो प्लास्टिक के हैं, उनमें मिट्टी को रखतीं, फिर उसमें ही बीज को डालतीं हैं। यह सभी बीज को इस प्रकार लगातीं हैं ताकि सभी को बढ़ोतरी के लिए आसानी हो और उन बीजों को बाहर नीकलने में दिक्कत ना हो। इन कंटेनर के ऊपर पानी की बूंदे छिड़ककर वह इन्हें अपनी विंडोस पर रखतीं हैं ताकि इन्हें सूर्य का प्रकाश मिलते रहे और प्रकाश संश्लेषण की क्रिया होती रहे। वह यह भी बताती है कि अगर आपके पास मिट्टी ना हो तो आप कार्डबोर्ड का उपयोग भी कर सकते हैं। लेकिन कार्डबोर्ड का उपयोग करने के लिए उसको सही तरीके से पौधों को लगाने के लिए तब्दील करना पड़ेगा। आपको उन कार्डबोर्ड को पानी में भिगोकर रखना पड़ेगा, वह भी 24 घंटे तक। फिर जब यह अगले दिन उठाकर उसको दोनों पार्ट के बीच में बीज को डाल उसपर पानी का छिड़काव करना पड़ता है। अगर आपके पास टिश्यू पेपर है तो इसका इस्तेमाल भी कर सकतें हैं।
अब जानते हैं टिशू पेपर का उपयोग कैसे करें
कार्डबोर्ड को भिंगोया जाता है लेकिन टिश्यू पेपर को भिंगोने की कोई आवश्यकता नहीं है। लेकिन पानी का छिड़काव जरूरी है और इसे भी विंडो पर रखना होता है ताकि सूर्य का प्रकाश मिल सके। दीप्ति ने मिर्च, टमाटर जैसी अन्य सब्जियां लगाई हैं। इन्होंने यह जानकारी दी कि अगर कोई कद्दु, करेला और खरबूज लगाना चाहे तो उन्हें डायरेक्टली मिट्टी में लगाया जा सकता है।
उर्वरक बनाने की विधि, बालकनी के अलावा अपार्टमेंट में भी है 100 से अधिक पेड़
दीप्ति ने यह जानकारी दी है कि वह पौधों के लिए उर्वरक कैसे तैयार करतीं हैं। इसके लिए वह घर के सब्जियों और फलों के छिलके को पीसकर और फिर उसमें पानी डालकर उसका घोल तैयार करती हैं। उनका मानना है कि इसमें पोटेशियम होता है जिसके कारण पौधे की उपज अच्छी होती है। साथ ही यह केमिकल युक्त भी नहीं होता है, इससे यह हमारे साथ के लिए लाभदायक होता है। इन्होंने अपनी बालकनी में तो पौधे लगाए ही है इसके बावजूद अपार्टमेंट में भी। इनका अपार्टमेंट 540 वर्ग फुट का है और उसमें लगभग 100 से अधिक फल, फूल और औषधीय पौधे लगे हैं। इनके इस अपार्टमेंट में जितने भी लोग हैं, उन सभो को इस बागानी का लाभ होता है।
मुंबई जैसे बड़े शहरों में रहकर भी खुद और अपने अपार्टमेंट के लोगों को भी ताजी फल सब्जियों और औषधियों के उपयोग कराने के लिए The Logically Dipti को सलाम करता है।