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पति हुए कोरोना पॉजिटिव फिर भी जारी रखा इलाज, इस डॉक्टर की कहानी सुनकर भर आएंगी आंखें

डॉक्टर‘ (Doctor) अपनी जान की परवाह किए बगैर कोरोना से संक्रमित मरीजों का इलाज 24 घंटे कर रहे हैं। “मैं एक डॉक्टर हूं। मैं इस वायरस के डर से घर में छिपकर नहीं बैठ सकती। यह मेरा काम है और काम से बढ़कर यह मेरी एक ज़िम्मेदारी है। हमें भी घर, बच्चे, बुजुर्ग और परिवार की चिंता होती है। कोरोना संक्रमण के बावजूद भी हमने पूरे वर्ष कार्य किए और अभी भी अपने जिम्मेदारीयों को पूरा करने के लिए ड्यूटी जारी रखा है।”

यह कथन किसी और का नहीं बल्कि एक महिला डॉक्टर (Doctor Gauri Agarwal) का है, जिनके पति कोरोना-वायरस (Covid-19) से संक्रमित हैं फिर भी उन्होंने अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ी। वह महिला कोई और नहीं बल्कि IVF ऐक्सपर्ट जेन्स्ट्रिंग्स डायग्नोस्टिक की फाउंडर (Founder of IVF Expert and Genstrings Diagnostic) डॉ. गौरी अग्रवाल (Doctor Gauri Agarwal) हैं।

पति हुए कोरोना पोजेटिव फिर भी रखा ड्यूटी जारी

डॉ. गौरी अग्रवाल (Doctor Gauri Agarwal) ने यह बताया कि जब कोरोना प्रारंभ हुआ तब यह मालूम नहीं था, यह कितने वर्षों तक लोगों को संक्रमित करते रहेगा। हमने अपनी ज़िम्मेदारी को सबसे ऊपर रखा। जब हम अस्पताल और लैब से अपने घर के लिए वापस आते हैं, तो मन में एक डर बना रहता कि कहीं कोरोना का संक्रमण हमारे घर वालों को मेरे ही कारण ना हो। जब मेरे पति कोरोना से संक्रमित हो गए, तब भी मैंने अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ी। मरीज़ों का इलाज जारी रखा क्योंकि हालात को देखते हुए हमारे लिए ज़िम्मेदारी सर्वोपरि है।

Doctor Gauri Agarwal husband also becomes Covid positive but she is doing her treatment

आई बहुत सारी चुनौतियां

डॉ. गौरी अग्रवाल (Doctor Gauri Agarwal) ने यह बताया कि जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा तो हमारे घर में खाना बनाने वाली का आना बंद हो गया। मैं (Doctor Gauri Agarwal) और मेरे हसबैंड दोनों डॉक्टर हैं। महामारी के कारण हम अपनी जॉब नहीं छोड़ सकते थे। अब मेरी लिए मुश्किलें बढ़ी क्योंकि घर में सास-ससुर और दो बच्चे हैं, जिस कारण हमें उनकी पढ़ाई से लेकर घर को संभालने तक में बहुत बाधा आने लगी। बच्चों की ऑनलाइन क्लास शुरु हो गई, लेकिन हमें अपनी ज़िम्मेदारियां निभानी थी, जिस कारण हम उनकी पढ़ाई में मदद नहीं कर पा रहे थे। हालात कुछ इस तरह हो गए कि हमारे घर वाले कहने लगे कि तुम अपनी नौकरी छोड़ दो लेकिन ऐसा करना बहुत ही मुश्किल था।

करती रही ड्यूटी

जब कोरोना का फैलाव बढ़ने लगा तब हमारी ज़िम्मेदारियां और भी बढ़ने लगी। एक बार एयरपोर्ट पर लोगों का जांच करने के दौरान हमारे 300 स्टाफ में से 30 स्टाफ कोरोना वायरस से संक्रमित हुए, तब और ज़िम्मेदारियां बढ़ गईं क्योंकि सभी को मिलाजुल कर कार्य करना था। मेरे पास (Doctor Gauri Agarwal) एक प्रेगनेंट लेडी का ट्रीटमेंट चल रहा था, जो एक सरोगेट मदर थी, जिस कारण हम उनका ट्रीटमेंट बीच में नहीं छोड़ सकते थे। अब मेरे पति कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं, जिस कारण हमने फ्लोर बांट लिया ताकि अन्य लोगों के पास इसका संक्रमण ना पहुंचे।

उन्होंने कहा कि हम और आप इस कोरोना के दूसरे लहर के लिए ज़िम्मेदार हैं क्योंकि हम सभी का डर खत्म हो चुका था। सभी सेलिब्रिट करने लगे थे, जिस कारण यह ज्यादा फैलने लगा। जब टीका आया तो हमारे देश के नौजवानों को नहीं लगा बल्कि उन्हें इसकी जरूरत थी। उन्हें घर से बाहर ड्यूटी कर अपनी ज़िम्मेदारी निभानी थी। अब हमें अगर इससे जीतना है, तो सभी नियमों का पालन आवश्यक है।

जिस तरह डॉ. गौरी अग्रवाल (Doctor Gauri Agarwal) ने अपने ज़िम्मेदारियों को सर्वोपरि रखते हुए अपने मरीज़ों को महत्व देते हुए उनका ट्रीटमेंट जारी रखा वह सराहनीय है।

The Logically डॉ. गौरी अग्रवाल (Doctor Gauri Agarwal) को सैल्यूट करता है।

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