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कभी ख़ुद के पढाई के लिए पैसे नही थे , डॉक्टर बन मात्र 10 रुपये में इलाज़ करते हैं !

डॉक्टर्स को हम भगवान का रूप मानते हैं। धरती पर अगर कोई हमें ज़िंदगी दे सकता है तो वे हैं डॉक्टर्स। मगर डॉक्टर्स के पास से अपनी या अपनों की ज़िंदगी सही सलामत वापस लाने के लिए हमें एक बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ती है। ग़रीब तबके के लोग पैसों के अभाव में डॉक्टर्स का यह रूप देखने से वंचित रह जाते हैं। ज़िंदगी की क़ीमत तुम क्या जानो.. बाबू मोशाय.. किसी अस्पताल के बाहर बैठे उन बच्चों से पूछो जिसने कम पैसे होने की वजह से अभी अभी अपने पिता को खोया हो।

ऐसे में अगर कोई डॉक्टर परामर्श शुल्क के रूप में प्रति रोगी 10 रुपये लेते हों जिसमें परामर्श और दवाएं दोनों शामिल हों और उन रोगियों के लिए जो नाममात्र की दर भी बर्दाश्त नहीं कर सकते, उनका इलाज मुफ्त में करते हों… उन्हें हम क्या कहेंगे??


कर्नाटक के बेलागवी जिले में रहने वाले 79 वर्षीय ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ. अन्नपा एन बाली मरीजों को देखने के मात्रा 10 रुपए लेते हैं। इसलिए इन्हें ‘हत्ता रुपए डॉक्टर’ (10 रुपये में डॉक्टर) के नाम से भी जाना जाता है। डॉ. बाली के धैर्य, ईमानदारी और गुणवत्ता की देखभाल लोगों को इनके क्लिनिक में ले आती है। तीन-सदस्यीय टीम की मदद से वह अपने शहर और पड़ोसी गांवों के 80-100 रोगियों प्रतिदिन जांच करते हैं। उन्हें इस बात से फ़र्क नहीं पड़ता कि उनके क्लीनिक में आने वाले रोगियों की संख्या कितनी है। अगर ज़्यादा है तो उन गरीब दिहाड़ी मजदूरों को देखने के लिए एक या दो घंटे अतिरिक्त भी क्लीनिक में रह जाते हैं।

डॉक्टर बाली दूसरे डॉक्टर्स से अपील करते हुए कहते हैं:

“सभी के पास स्वास्थ्य बीमा नहीं है। कुछ रोगियों का मुफ्त में इलाज करने से डॉक्टर की आय पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। असल में, कम चार्ज करने से मरीजों की उपस्थिति बढ़ सकती है। यदि सभी निजी चिकित्सक एक दिन में कम से कम 1-2 रोगियों को मुफ़्त में देखते हैं तो यह गरीबों के बीच स्वास्थ्य समस्याओं को काफी कम कर सकता है। केवल एक डॉक्टर के लिए यह करना थोड़ा कठिन काम है। हम डॉक्टरों के रूप में ली जाने वाली शपथ के साथ न्याय करने का यह सबसे अच्छा तरीका है।”

आगे वह कहते हैं, ”मुझे पता है कि गरीबी कैसी है- मैंने इसे भी चखा है, मेरे पास अब पैसे का पीछा करने का कोई कारण नहीं है। मैं सिर्फ मन की शांति चाहता हूं जो मुझे गरीब मरीजों के इलाज से मिलती है।”

Archana is a post graduate. She loves to paint and write. She believes, good stories have brighter impact on human kind. Thus, she pens down stories of social change by talking to different super heroes who are struggling to make our planet better.

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