कल यानी 26 जनवरी को हमारा देश 74वें गणतंत्र दिवस का उत्सव मनाया गया है। इस गणतंत्र दिवस के पूर्व सन्ध्या पर पद्म पुरस्कारो (Padma Awards 2023) की घोषणा की गई, जिसमें 106 लोगों को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। पद्म पुरस्कारों में 6 पद्म विभूषण पुरस्कार, 9 पद्म भुषण पुरस्कार और 91 पद्मश्री पुरस्कार शामिल हैं। अर्थात् इतने लोगों को इन पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
इसी कड़ी में आज हम बात करेंगे उस पद्मश्री पुरस्कार (Padma Shree Awards) से सम्मानित व्यक्ति की, जो महंगाई के इस दौर में भी महज 20 रुपये में लोगों का इलाज करते हैं। चलिए जानते हैं इस समाजसेवी के बारें में-
कौन हैं वह पद्मश्री से सम्मानित डॉ?
हम बात कर रहे हैं डॉ मुनीश्वर चंद्र डावर (Dr. MC Dawar) की, जो मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर (Jabalpur) के डॉक्टर हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इनका जन्म 16 जनवरी, 1946 को पंजाब (पाकिस्तान) में हुआ था लेकिन जब देश का बंटवारा हुआ तो उनका परिवार भारत आ गया। उसके बाद डॉ डावर ने शुरुआती शिक्षा ग्रहण करने के बाद जबलपुर से MBBS की डिग्री हासिल की।
Shri Munishwar Chanddawar, Retired Army Doctor & 1971 Bangladesh Liberation War Veteran – treating underprivileged people in Jabalpur for the past 50 yrs. #PadmaAwards2023#PeoplesPadma pic.twitter.com/kO4D4n3IL1
— Padma Awards (@PadmaAwards) January 27, 2023
भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान किए थे जख्मी सिपाहियों का इलाज
MBBS की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने सेना में भर्ती होने की परीक्षा दी, जिसमें से 533 कैंडीडेट्स में से केवल 23 उम्मीदवार ही चयनित हुए। चयनित उम्मीदवारों में डॉ डावर का भी नाम था और उनकी 9th रैंक थी। सेना में भर्ती होने के बाद 1971 में जब भारत-पाक युद्ध चल रहा था उस समय उनकी पहली पोस्टिंग बांगलादेश में हुई।
डॉ डावर ने युद्ध के दौरान जख्मी हुए असंख्य सैनिकों का उपचार किया। हालांकि, जब युद्ध समाप्त हुआ तब उन्हें कुछ शारीरिक समस्याओं ने घेर लिया एयर इस वजह से उन्होंने सेना से रिटायर्मेंट ले लिया। मीडिया रिपोर्ट के अमुसार, सेना से रिटायर्मेंट लेकर डॉ डावर ने 1972 से जबलपुर में लोगों का इलाज करना शुरु कर दिया।
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20 रुपये में करते हैं मरीजों का इलाज
डॉ डावर ने मरीजों का इलाज शुल्क 2 रुपये रखा था जो 1986 के बाद बढ़कर 3 रुपये हो गई। उसके बाद 1997 में उन्होंने अपनी फीस 3 रुपये से बढ़ाकर 5 रुपये कर दी और यही फीस साल 2012 तक थी। लेकिन आर्थिक दिक्कतों की वजह से उन्होंने फीस में बढ़ोतरी की और 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया। उसके बाद उनके इलाज की फीस में फिर से बढ़ोतरी देखने को मिली और साल 2021 में उन्होंने 21 रुपये फीस रखा जो आज तक है।
गरीबों की सेवा करना है एकमात्र लक्ष्य
हालांकि पद्मश्री से सम्मानित डॉ डावर की राह आसान नहीं थी। उनके द्वारा इलाज की फीस कम रखने पर उनके परिवारवालों ने उनपर कई बार सवाल उठाया लेकीन डॉ डावर को किसी भी ऐसा करने से मना नहीं किया। मीडिया रिपोर्ट्स से बातचीत के दौरान डॉ डावर ने बताया कि, गरीबों की मदद करना ही उनका मकसद है और यही वजह है कि इतनी महंगाई में इलाज फीस इतनी कम है।
रोजाना आते हैं 200 मरीज
डॉ डावर (Dr. MC Dawar) का क्लिनिक सप्ताह में 6 दिन खुलता है जहां रोजाना दूर-दराज के क्षेत्रों से 200 मरीज इलाज कराने के लिए आते हैं। इतना ही नहीं कुछ मरीज तो पीढियों से डॉ डावर के यहां ही इलाज करवाते आ रहे हैं।
आमतौर पर जहां डॉक्टर्स की फीस आसमान छू रही है वहीं डॉ डावर महन 20 रुपए में इलाज करके वास्तव में समाज सेवा में अपनी मुख्य भुमिका निभा रहे हैं। The Logically उनकी इस सेवा भाव को सलाम करता है।