अगर आप अपनी जिंदगी को एक सफल बनाना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको कुछ बड़ा करने के बारे में सोचना होगा। अपनी जिंदगी में कुछ हासिल करने के लिए बहुत सी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है परंतु उन मुश्किलों से डरने की जरुरत नहीं है अगर जो इंसान अपनी मुश्किलों को झेलते हुए आगे बढ़ता है उसे अंततः सफलता जरुर हासिल होती है और आगे चलकर के वह अपने जिंदगी में कुछ बड़ा कर पाता है।
आज हम आपको एक ऐसे ही कहानी के बारे में बताएंगे जिन्होंने अपने लाइफ में कुछ बड़ा करने के बारे में सोचा और प्लान तैयार किया फिर अपनी मेहनत और लगन से उसे करने में सक्षम रहे जिससे वह आज अपने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी पहचान बना रही हैं। इसके साथ-साथ इन्होंने सिर्फ चार सालों में ही 40 स्कूल खोलकर अपने सपने को साकार किया है।
- डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी
डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी (Dr. Pallavi Rao Chaturvedi) का जन्म कर्नाटक (Karnataka) के बेंगलुरु (Banglore) में हुआ था। इनके पिता एक बहुत बड़े व्यापारी थे और इनकी मां एक स्कूल में प्रिंसपल थी। पल्लवी दो बहने हैं और दोनों बहनें पढ़ने में काफी तेज तर्रार थी। डॉ. पल्लवी बताती हैं कि मेरी पढ़ाई बेंगलुरु और मुंबई में हुई और जब मैं एमबीए कर रही थी उस समय में मुझे एक लड़के से प्यार हो गया जिससे बाद हम दोनों ने आगे चलते शादी कर ली और फिर हम भोपाल में शिफ्ट हो गई।
आज मेरी शादी को लगभग 10 साल हो चुका है। शादी के बाद ही हमें ससुराल में भी पढी-लिखी फैमिली मिली। यानी जैसा मेरा मायका था वैसा ही मुझे ससुराल में लोग मिले जो काफी पढ़े लिखे लोग थे। मुझे बचपन से ही घर हो या बाहर पढ़ने-लिखने वाला ही माहौल मिला जिससे हम पढ़ने लिखने में काफी तेज तर्रार थी मैं अपनी पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद अपना कैरियर के बारे में सोचने लगा। जिसके बाद हमने कॉरपोरेट से अपनी कैरियर की शुरुआत की। इसके बाद हमने नेस्ले ब्रेटिनिया जैसे बड़ी-बड़ी कंपनियों में सीनियर के पोस्ट पर काम किया। और शादी के बाद अब हमने अपने फैमिली बिजनेस को ज्वाइन कर ली हूं।
- जिंदगी का पहला टर्निंग पॉइंट
पल्लवी बताती हैं कि साल 2012 में मैंने एक बेटी को जन्म दिया, जिसके बाद मुझे जिंदगी में कुछ करने का एक मौका मिल गया। मैं अपनी बेटी की परवरिश के बारे में सोच कर काफी उदास और चिंतित रहती थी जिसके बाद मैं प्रेग्नेंसी के समय अर्ली चाइल्डहुड डेवलपमेंट पर किताबें पढ़नी शुरू कर दी। उससे मुझे काफी कुछ जानकारियां हासिल हुई।
जब मेरी बेटी डेढ़ साल की हो गई तो हमने एक प्री स्कूल खोला। जिसमें बच्चे को शिक्षा देती थीं। मुझे बच्चों के साथ रहना काफी अच्छा लगता था और हम पूरे दिन स्कूल में बच्चों के साथ ही बिताते थे। इसके बाद हमने अगले 4 सालों में 40 प्री स्कूल खोल दिए इसके साथ-साथ मैंने पब्लिकेशन भी खोला। फिर इसके बाद मैंने बच्चे को बचपन में क्या चीज मिलना चाहिए उसे क्या सिखाना चाहिए इसके लिए हमने 0 से 8 साल के बच्चे को सिखाने वाला स्कूल खोला।
पल्लवी बताती है कि साल 2014 में हमने पीएचडी करने के लिए नामांकन करवाई। इसके बाद साल 2017 में मैंने एक बेटे को जन्म दिया। बेटे के जन्म के बाद मुझे काम करने का और भी हौसला बढ़ गया। मैं बच्चों के बचपन पर काफी काम अपनी मेहनत और लगन के साथ की हूं, जिसके बदौलत आज मैं अर्ली चाइल्डहुड ऑफ इंडिया के वॉइस प्रेसिडेंट बन गई हूं।
जब मैं पीएचडी की पढ़ाई कर रही थी तब मेरी बेटी पांच साल की और मेरा बेटा डेढ़ साल का हो गया था। मैं अपने प्री स्कूल के लिए बिजनेस प्लान और पीएचडी की पढ़ाई दोनों ही एक साथ करती थी। मैंने अपनी कामों को करने में कभी भी आलस्य नहीं दिखाई और अपने काम को काफी बारीकी और मेहनत के साथ करती रही। आज मुझे इस अभी काम को करने में 17 साल हो गए परंतु हमने एक भी दिन की छुट्टी नहीं कि हम अपनी मेहनत के बदौलत आज काफी बड़ा मुकाम हासिल कर चुकी हूं और देश-विदेशों में भी मेरा काम का परचम लहरा रहा है।
Dr. Pallavi Rao Chaturvedi, Executive Vice President – AISECT, attended an event by UNICEF on "Corporate for Children". It was a closed group discussion for Madhya Pradesh in which Dr. Pallavi shared her inputs on what needs to be done by a corporate. pic.twitter.com/Y2c4NrLAfn
— AISECT (@AISECTIndia) December 18, 2019
- लॉकडाउन से मिला जिंदगी का सीख
पल्लवी बताती हैं कि जब साल 2020 में कोरोना की महामारी आई थी तब लॉकडाउन लगने की वजह से मेरे सभी प्री स्कूल बंद हो गए। जिसके चलते बच्चे के माता-पिता काफी चिंतित होने लगे और हम से पूछने लगे कि अब बच्चे क्या करेंगे। जिसके बाद हमने पेरेंट्स की बातों को कॉफी ध्यान से सोचने लगी जिसके बाद मुझे एक आईडिया आया जिससे मैं लोगों की मदद कर सकती थी।
मैंने इसी साल इंस्टाग्राम पर पेरेंटिंग का सबसे पहला पोस्ट किया, जिसे देखकर लोगों को काफी अच्छा लगा। इंस्टाग्राम पर पोस्ट डालती थी वह लोगों को काफी अच्छा लगता था जिसके चलते आज मुझे अपने इंस्टाग्राम पर 3 लाख फॉलोवर्स हो गए हैं। इसके बाद हमने facebook और youtube पर भी पोस्ट डालती और वीडियो बनाती थी जिससे लोगों को काफी पसंद आता था और इस सोशल मीडिया पर भी लाखों फॉलोवर्स बन गए हैं। साल 2020 हमारे जिंदगी का दूसरा टर्निंग प्वाइंट बन गया। हमने अपने काम को इतना फैला चुकी थी की मुझे भारत के अलावा अन्य देशों से भी बुलावा आने लगा मुझे यूएन लेकर के मकाओ तक के पब्लिक 80 करके तौर पर बुलाया जाता था।
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- पेरेंटिंग बनाकर कैरियर का नया विकल्प
कोरोना महामारी के दौरान जब कभी स्कूल कॉलेज बंद हो गए तो बच्चों की पढ़ाई करने के लिए ऑनलाइन क्लासेज की शुरुआत काफी जोर-शोर से हो गई। जिससे बच्चे की पढ़ाई में कोई बाधा ना आए। इन सभी चीजों को देखते हुए मैंने अपने सोशल मीडिया पर कंटेंट शेयर करना शुरु कर दिया। मैंने अपने सोशल मीडिया पर बच्चे के बारे में यह बताया कि बच्चे का मेंटल हेल्थ का ख्याल कैसे रखा जाता है, उसे अच्छा रीडर कैसे बनाएं, बच्चे को स्क्रीन से कैसे दूर रखें, बच्चे को बुलिंग से कैसे बचाएं आदि इन सभी चीजों को सोशल मीडिया पर बारीकी से बताकर शेयर किया जिसे लोग देखकर के काफी खुश और प्रसन्न हुए और उन लोगों ने हमारे बताए हुए तरीकों का इस्तेमाल किया। इससे बाद हमने लगातार सोशल मीडिया पर बच्चों के बारे में काफी कुछ जानकारियां लोगों तक पहुंचाती रही। हमारी यह कोशिश सफल रही और लोगों को इससे काफी मदद मिला।
पल्लवी बताती हैं कि हम बच्चों को अपने नए नए आईडिया अपना करके बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ उन्हें मनोरंजन भी करवाती हूं जिससे बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ खेलने का भी मौका मिले। इसके लिए हमने बीते वर्ष एक ब्रेनी वेयर स्टोर नाम से ई कॉमर्स कंपनी की शुरुआत की। हमारी इस कंपनी में 0 से 5 साल के बच्चों के लिए 100 से भी अधिक किस प्रकार के खिलौने मुहैया करवाए जाते हैं जिसमें बच्चों के पढ़ने के साथ-साथ खेल का भी मौका मिल जाए। आज इस खिलौने को लेने के लिए मेरे पास 10 हजार से भी ज्यादा कस्टमर बन गए हैं जो अपने बच्चों के लिए यह खिलौना लेते हैं और इससे बच्चा पढ़ने के साथ-साथ खेल भी सकता है।
- पति करते हैं मेरे आईडिया की प्रशंसा
पल्लवी कहती हैं कि हम अपने आईडिया से जो भी काम करती हूं वह मेरे ससुर और पति को काफी पसंद आता है और वे मेरी काफी तारीफें करते रहते हैं। मेरे इन सभी काम को देखकर मेरी फैमिली काफी गर्व महसूस करती है। इन सभी काम के पीछे मेरे बच्चे मेरे प्रेरणा स्रोत हैं और मैं आज इन्हीं सब की बदौलत अपने मुकाम को हासिल कर पाई हूं। मुझे यह देखकर अंदर अंदर काफी खुशी मिलती है और मैं यह सोचती हूं कि मैं अपने इस मुकाम पर आज इसलिए पहुंच पाई हूं कि मुझे पहले से यही कोशिश थी कि आगे चलकर हमें अपनी जिंदगी में कुछ अलग करना है।
- मुश्किलों का सामना कर आगे बढ़े
पल्लवी बताती हैं कि अगर आप अपनी जिंदगी में सफलता पाने के लिए कुछ अलग करना चाहते हैं तो आपको काफी सारे मुश्किलें आएगी परंतु हमें उन मुश्किलों को सामना कर के आगे बढ़ते रहना चाहिए। जब हमने अपने काम की शुरुआत की थी तब हमें बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था परंतु हमने उन मुश्किलों को सामना करके आगे बढ़ते रहे जिससे आज मुझे सफलता मिल गई। मैंने महिलाओं को अपने कैरियर बनाने के लिए सोशल मीडिया पर एक ऑप्शन भी दी हूं। इससे पहले मैं सोशल मीडिया पर पेरेंटिंग के वीडियो बनाकर डालती थी, जिसे लोग काफी पसंद करने लगे थे परंतु कुछ दिनों के बाद मुझे लोगों के काफी मैसेज आने लगे कि आपकी अंग्रेजी काफी अच्छी है। जब मैंने यह मैसेज देखा तो फिर मैं अंग्रेजी पर भी कंटेंट बनाना शुरु कर दिया। और लोगों को मेरा यह कंटेंट काफी अच्छा लगने लगा।
- अपनी जिंदगी को अपने हिसाब से जिए
पल्लवी बताती हैं कि अगर आपको अपनी जिंदगी में कुछ हासिल करना है तो आप अपनी जिंदगी को अपने हिसाब से करें। किसी भी काम को करने के लिए उस पर काफी ध्यान दें और लगातार कोशिश करते रहें। उस काम को करने के लिए एक आईडिया बनाएं और उस पर रोज काम करें। अगर ऐसा करेंगे तो आपको आगे चलकर के उस काम में सफलता जरूर हासिल होगी।
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प्रेरणा
डॉ. पल्लवी राव चतुर्वेदी (Dr. Pallavi Chaturvedi) से हम लोगों को यह प्रेरणा मिलती है कि अगर हम अपने काम को ध्यानपूर्वक और मन लगाकर के करें तो आगे चलकर उसने सफलता जरुर हासिल होगी। और अपनी जिंदगी को आप अपने हिसाब से जिएं। इसमें आप किसी दूसरे को मौका कभी नहीं दें।