हम सभी जानते हैं कि मंजिल को हासिल करने के लिए राह में आनेवाली कई सारी चुनौतियों और संघर्षों का सामना करना पड़ता है। देखा जाए तो वर्तमान में पहले की अपेक्षा प्रतिस्पर्धा बढ़ गया है। एक-दूसरे को पछाड़ने की होङ में सभी जी जान से कोशिश करते हैं। सबसे बड़ी बात यह है जीतने का मजा तो तब आता है जब प्रतियोगी 1, 2 या 10 नहीं बल्कि अनेकों हों।
कल्पना की जा सकती है कि अगर एक पद को हासिल करने के लिए विश्व के 150 देश के परीक्षार्थी आमने-सामने होते हैं तो परीक्षा कितनी कठिन होगी। आज हम आपको ऐसे ही भारत की एक होनहार बेटी के बारें में बताने जा रहे हैं जिसका सामना 150 देश के एक से बढ़कर प्रतिभागियों से हुआ और उसने सभी को पछाड़कर सफलता का परचम लहराया।
आज वह अमेरिका के मिशिगन यूनिवर्सिटी में वैज्ञानिक बनी है।
आइये जानते है भारत की उस बेटी के बारें में जिसने पुरे विश्व में हीरा बनकर चमकी है।
डॉ. रुचि महाजन (Dr. Ruchi Mahajan) पाकिस्तान सीमा से सटे क्षेत्र बमियाल गांव से ताल्लुक रखती हैं। उनकी माता का नाम दर्शना महाजन और पिता का नाम सुरेन्द्र महाजन है। डॉ. रुचि ने USA (अमेरिका) की मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी की डॉक्टर रिसर्च एसोसिएशन नेशनल सुपर कंडक्टींग साइक्लोट्रान लेबोरेट्री में वैज्ञानिक बनी हैं।
मिशिगन यूनिवर्सिटी में सिर्फ 1 सीट के लिए जनवरी महीने में ऑनलाइन टेस्ट हुआ था। उस टेस्ट में 150 देश के परीक्षार्थियों ने भाग लिया था। उसका परिणाम अक्तूबर माह में आया। जिसमें डॉ. रुचि महाजन ने 150 देश के परीक्षार्थियों को पीछे छोड़ते हुए उस 1 सीट पर अपना कब्जा जमाया।
शंकरी देवी डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल बमियाल में आयोजित एक सम्मान समारोह में शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के सदस्यों और स्कूल मैनेजमेंट ने डॉ. रुचि को उनकी उपलब्धि पर गौरव सम्मान से सम्मानित किया। डॉ. रुचि के स्कूल पहुंचने पर स्टाफ और विद्यार्थियों ने फूलों की वर्षा कर के उनका भव्य स्वागत किया। सम्मान के इस मौके पर डॉ रोहित, डीएवी स्कूल की MD सन्तोष महाजन, सूबेदार शक्ति पठानिया, सुरेन्द्र पाल महाजन, प्रिंसीपल शिवानी महाजन, पंकज महाजन, माता वैष्णो क्लब के प्रधान यशपाल वर्मा, रिटायर्ड प्रिंसीपल जगदेव सिंह, रिटायर्ड इंस्पेक्टर सुखदेव सिंह, पुर्व सरपंच करतार चंद, पूर्व सरपंच सुभाष महाजन, जीओजी टीम से कैप्टन बुआ राम, सरपंच सुमित रमकालवा उपस्थित थे।
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डॉ. रुचि महाजन ने परिषद और स्कूल मैनेजमेंट का आभार प्रकट करते हुए अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। उन्होंने कहा कि वे उनका लालन-पालन कठिन पारिस्थितियों में किया है। वे हमेशा कहा करते थे, “Nothing is Impossible in life” , माता-पिता द्वारा कहे गए शब्दों ने उनका हौलसा बढ़ाया। उन्होंने कहा कि हिम्मत, मेहनत और लगन की सीढ़ी से उन्होंने इस मुकाम को हासिल किया है। डॉ. रुचि ने डीएवी स्कूल की एमडी संतोष महाजन के बारें में बताया कि वे उनकी गुरू रही हैं और एक शिष्य के रूप में मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है।
डॉ. रुचि ने बताया कि उन्होंने 10वीं और 12वीं की कक्षा में डीएवी स्कूल कठुआ से पास होकर स्टेट लेबल पर टॉप किया। वर्ष 2009 में उन्होंने सरकारी कॉलेज चंडीगढ़ से B. Sc. किया। उसके बाद वह वर्ष 2012 में एमफिल में टॉप कर के पंजाब यूनिवर्सिटी में गोल्ड मेडलिस्ट बनी। उसके बाद उन्होंने वर्ष 2018 में न्युक्लियर फिजिक्स में PHD किया तथा उसी वर्ष उन्हें बाबा एटोमिक रिसर्च सेंटर मुम्बई में बेस्ट थिसिज अवार्ड से सम्मानित किया गया। उसके अलावा डॉ. रुचि ने साइंस ऑफ टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट ऑफ इंडिया के माध्यम से उन्होंने वर्ष 2017 में मुंबई, वर्ष 2018 में जापान और फ्रांस के अलावा अन्य देशों में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। डॉ. रुचि ने थापर यूनिवर्सिटी पटियाल और उड़ीसा में हुई राष्ट्रीय लेबल की प्रतियोगिता में भी शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
परिषद के महासचिव कुंवर रविन्दर सिंह विक्की ने कहा, “सीमावर्ती कस्बा बमियाल का इतिहास प्रतिभाओं से भरा हुआ है। डॉ. रुचि से पहले इस क्षेत्र के 2 बेटियों ने जज बनकर नाम रोशन किया है।” उन्होंने कहा कि डॉ. रुचि के यह उपलब्धि उनलोगों के मुँह पर एक करारा जवाब है, जो आज भी बेटियों को बोझ समझते हैं, जबकि बेटियां किसी भू फील्ड में बेटों से पीछे नहीं हैं।
The Logically डॉ. रुचि महाजन को उनके इस महान उपलब्धि और भारत का नाम विश्व में रोशन करने के लिये हृदय से धन्यवाद देता है।