वैसे तो डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया जाता है। लेकिन आज के परिवेश में लोगों को इलाज करने के लिए मोटी रकम वसूलने से भी वे नहीं चूकते। कई डॉक्टर तो ऐसे होते हैं तो आपकी दयनीय आर्थिक स्थिति को तनिक भी नहीं समझते और हर कीमत पर अपनी मोटी फीस वसूल करते हैं। हालांकि कुछ डॉक्टर मानवता के मिसाल भी हैं और उनके लिए मरीज की आर्थिक स्थिति मायने नहीं रखती और वे पैसे की चिंता किए बिना बेफिक्र होकर इलाज करते हैं। उन्हीं में से एक महिला डॉक्टर हैं शिप्रा धर (Shipra Dhar) जो बेटी के पैदा होने पर कोई भी फीस नहीं लेती हैं। आईए जानते हैं इनकी कहानी…
आज भी हमारे देश में लोग बेटा पैदा होने पर मिठाईयां बांटते हैं और बेटी होने पर हताश हो जाते हैं। वैसी सोच रखने वालों के बारे में यह विचार आता है कि लगता है बेटा उनके लिए खजाना लेकर आता है और बेटियां उनका खजाना लूटकर ले जाती हैं। हालांकि धीरे-धीरे लोगों में काफी परिवर्तन देखने को मिल रहा है। लोग बेटा और बेटी दोनों को बराबर का दर्जा दे रहे हैं और उन्हें पढ़ा-लिखा कर अपने पैर पर खड़ा होने के काबिल बना रहे हैं।
आज हमारे यहां महिलाएं हर वो कार्य कर रहीं हैं जिसे पुरुष कर रहे हैं इसलिए लोगों का नजरिया बेटी के पैदा होने को लेकर बदल रहा है। वैसे तो हमारे यहां डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है क्योंकि इस धरती पर एक डॉक्टर ही है जो हमें मौत के मुंह से बचाकर वापस लाता है। आज हम आपको एक ऐसी महिला डॉक्टर से रूबरू कराने वाले हैं जो डिलीवरी के दौरान एक भी पैसे नहीं लेती अगर आपको बेटी पैदा होती है। आज तक उन्होंने सैकड़ों डिलीवरी निःशुल्क की है। -Doctor Shipra Dhar shrivastava
बेटी होने पर बांटती है मिठाईयां
वह महिला डॉक्टर हैं शिप्रा धर (Shipra Dhar) जो बनारस (Varanasi) की निवासी हैं। आज के युग में ये डॉक्टर डिलीवरी के दौरान एक रुपए नहीं लेती अगर किसी को बेटी पैदा हुई तो। इसके अतिरिक्त वह यहां लोगों को बेटी होने पर मिठाई बांटती हैं उन्हें सन्तावना देती हैं। ये डॉक्टर आज लोगों के लिए उदाहरण बनी हैं जो बिना लोभ के अपने कर्त्तव्य को पूरा कर रहीं हैं। -Doctor Shipra Dhar shrivastava
पति भी करते हैं सहयोग
अगर कोई महिला उनके नर्सिंग होम में गई और उसने एक बच्ची को जन्म दिया तब डॉक्टर शिप्रा उनसे अपने इस कार्य के लिए पैसे का डिमांड नहीं करती और उन्हें मिठाइयां खिलाती हैं। उनके इस दरियादिली और नेक कार्य की हर कोई प्रशंसा करता है। साथ ही उनके पति जिनका नाम एम. के. श्रीवास्तव (M. K. Shrivastva) है वह रहते हैं। वह अपनी पत्नी की मदद हर कार्य में करते हैं। -Doctor Shipra Dhar shrivastava
फ्री में करती हैं बच्चियों की डिलीवरी
उन्होंने अब तक लगभग 100 बच्चियों की डिलीवरी की है वो भी फ्री। उन्होंने बीएचयू (BHU) से एमडी (MD) तथा एमबीबीएस (MBBS) की डिग्री हासिल की है। वह अपने कर्तव्य को पूरे निष्ठा के साथ करती हैं जिस कारण लोगों का आकर्षण उनके तरफ बढ़ता है। -Doctor Shipra Dhar shrivastava
प्रधानमंत्री भी कर चुके हैं तारीफ
उनके इस कार्य की सराहना हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कर चुके हैं। साथ ही उन्होंने ये कहा कि “अन्य डॉक्टर्स को भी एक दिन शिप्रा के तरह ही फ्री डिलीवरी करनी चाहिए।” शिप्रा द्वारा किए गए इस कार्य से वहां के हर व्यक्ति खुश हैं और उनके परिवार वाले भी। -Doctor Shipra Dhar shrivastava
कुपोषण से प्रभावित बच्चों की करती हैं मदद
इसके अतिरिक्त वह वक्त निकालकर कुपोषण से प्रभावित बच्चों का भी ध्यान रखती हैं। वह इन बच्चों की मदद अनाज बैंक की तरह करती हैं जो उनके द्वारा चलाया जाता है। साथ ही वह लड़कियों के लिए शिक्षा के लिए भी कार्य करती हैं ताकि यहां के लोग लड़कियों को शिक्षा से वंचित ना रखें। साथ ही वह त्योहार के दौरान यहां के बच्चों को खुशियों के रूप में मिठाई तथा कपड़ों का वितरण कराती हैं। -Doctor Shipra Dhar shrivastava
निःस्वार्थ भाव से किए गए कार्य तथा बेटी पैदा होने पर पैसे ना लेकर मिठाई बांटकर खुशी माहौल बनाने के लिए The Logically डॉ. शिप्रा धर को सैल्यूट करता है। –Doctor Shipra Dhar shrivastava