Wednesday, December 13, 2023

साल के इन महिनों में लगाएं पपीते का पौधा, बढ़िया पैदावार के साथ होगा 10 लाख का मुनाफा: Papaya Farming

अधिकांश लोग मौसमी फसलों का उत्पादन न करके बारहमासी फसलें उगाना चाहते हैं ताकि सालों भर अच्छी कमाई कर सकें। यदि आप भी बारहमासी फसलें उगाना चाहते हैं तो आपके पपीते की खेती लाभदायक साबित होगी। यह कई बीमारियों में भी काभी फायदेमंद होता है इसलिए डॉक्टर भी इसका सेवन करने की सलाह देते हैं।

भारत के अधिकांश हिस्सों में पपीते की खेती (Papaya Farming) बड़े स्तर पर की जाती है जैसे- आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, असम, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, दिल्ली, मिजोरम और उत्तरांचल आदि। चूंकि, यह बारहमासी फसल है इसलिए इससे किसान भाइयों को बेहतर मुनाफा भी मिलता है।

पपीता की खेती के लिए कैसी होनी चाहिए मिट्टी तापमान?

पपीते की खेती (Papaya Cultivation) के लिए उपयुक्त मिट्टी की बात करें तो हल्की दोमट या दोमट मिट्टी जिसका PH मान 6.5- 7.5 तक हो, सर्वोत्तम मानी जाती है। वहीं इसकी खेती के लिए 38 डिग्री सेल्सियस से लेकर 44 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सही माना जाता है। इसकी खेती करने के दौरान ध्यान दखें के तापमान इससे अधिक न रहे अन्यथा पपीते के पौधें को खराब होने का खतरा बढ़ जाएगा।

सबसे पहले तैयार करें नर्सरी

पपीते के पौधें (Papaya Plants) को खेतों में लगाने से पहले उसके पौधें को नर्सरी में तैयार किया जाता है और वहां जब पौधें तैयार हो जाते हैं तब खेतों में लगाया जाता है। यदि आप एक हेक्टेयर जमीन के लिए नर्सरी में पपीते के पौधें को तैयार करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको 500 ग्राम बीज की जरुरत पड़ेगी।

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पपीता की फसल के लिए कौन सा महीना है बेहतर?

वैसे तो पपीता की खेती आप साल के 12 महीने कर सकते हैं और आमदनी कमा सकते हैं। लेकिन इसकी खेती के लिए साल के तीन महीने फरवरी, मार्च और अक्टूबर को सबसे अच्छा माना जाता है। पपीते की खेती के लिए न तो अधिक ठंडी जलवायु की जरूरत होती है और न अधिक गर्म। ऐसे में साल के इन तीन महिनों में गर्मी और ठंडी अधिक नहीं होती है जिस वजह से पौधों को लू या पाला लगने का खतरा नहीं रहता है।

खेत में पपीते का पौधा लगाने की विधि

किसी भी फसल को खेत में लगाने से पहले खेत को तैयार करना जरूरी होता है। पपीते की खेती के लिए भी सबसे पहले खेत को एक बराबर तैयार करें और ध्यान रखें कि जलजमाव की स्थिति न हो। खेत तैयार होने के बाद पौधें को गड्ढा करके लगा दें और उसमें खाद और मिट्टी डालकर गड्ढे को भर दें। पौधा लगाने के बाद उसकी सिंचाई आवश्यक होती है अन्यथा पौधें सूख सकते हैं। इसलिए खेत में पौधा लगाने के बाद आवश्यकतानुसार उसकी सिंचाई करें जरुर करें। इससे पौधें की जड़ की मिट्टी बैठ जाएगी।

कब करें फलों की तुड़ाई?

खेत में पपीते का पौधा (Papaya Plants) लगाने के एक निश्चित समय के बाद जब पपीता पूरी तरह पक जाए और उसके बीच भाग में पीलापन दिखाई देने लगे तो इसका अर्थ है कि वह तुड़ाई के लिए तैयार है। फल में ऐसे लक्षण दिखने के बाद उसे डंठल समेत तोड़ लें और अच्छे-पके फलों को एक तरफ और खराब-सड़े फलों को एक तरफ कर लें। इससे अच्छे फल अच्छे बने रहेंगे।

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पपीते की खेती से कितनी होगी कमाई?

किसी फसल को बोने के बाद अक्सर किसान भाइयों के मन में पैदावार और आमदनी का सवाल आता है। ऐसे में बता दें कि, पपीते के एक पेड़ से लगभग 40 किलों फल का उत्पादन होता है। इस हिसाब से यदि आपने एक हेक्टेयर में पपीते का 2250 पौधा लगाया है तो इससे तकरीबन 900 क्विंटल की पैदावार होगी। अब आमदनी की बात की जाएं तो यदि बाजार में इसकी कीमत 40 से 50 किलो भी होगी तो 8 से 10 लाख रुपये की आमदनी हो सकती है।

पपीते की खेती के साथ कर सकते हैं सहफसली खेती

बारहमासी फसल पपीते की खेती (Papaya Farming) के साथ-साथ यदि किसान भाई चाहें तो उसके साथ चना, मटर, मेथी, सोयाबीन और फ्रेंचबीन आदि जैसे फसलों की खेती सहफसली खेती के तौर पर कर सकते हैं। इससे पपीते की फसल के साथ-साथ सहफसली खेती से भी अच्छी कमाई कर सकते हैं।

उम्मीद करते हैं पपीते की खेती के बारें में यह जानकारी अच्छी लगी होगी। ऐसे ही अन्य आर्टिकल्स पढ़ने के लिए The Logically के सार्ह जुड़े रहें।