आजकल खेती करना लोगों के बीच एक ट्रेंड बन गया है। अपनी सुविधा और मिट्टी के अनुसार कई लोग गार्डनिंग करते हैं.. तो कई अन्य फसलों की खेती.. कई फूलों की खेती करते हैं.. तो वहीं कई औषधीय पौधों की। खेती के जरिए लोग अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं। मिट्टी से जुड़े रहने वाले शौकीन युवा भी अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद खेती की राह अपना रहे हैं और अलग-अलग तरीके अपनाकर खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें अच्छा मुनाफा भी हो रहा है।
विशेषतः औषधीय पौधों की खेती के बहुत सारे फायदे हैं। यह अनेकों बीमारियों के इलाज में काम आता है और इसका कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं होता है। औषधीय पौधों की खेती के लिए बहुत अधिक जगह की भी जरूरत नहीं होती है, कम जगह में भी इसकी खेती करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है। इसकी जड़े, पत्ते, तने और फूलों के साथ-साथ पूरे पौधें भी बहुत उपयोगी होते हैं। ऐसा ही एक पौधा है गुलखैरा, जिसका औषधियों के रूप में बहुत ज्यादा उपयोग किया जाता है। आइए जानते हैं इसके अन्य सभी फायदें। (Cultivation of Gulkhaira)
गुलखैरा के फायदें (Benefits of Gulkhaira)
गुलखैरा (Gulkhaira) के फूल, पत्तियां, तना सभी बहुत उपयोगी होते हैं। इस पौधे का उपयोग ज्यादातर यूनानी दवाओं को बनाने के लिए किया जाता है। इससे बनने वाली दवाओं का इस्तेमाल खासी, बुखार के साथ-साथ अन्य सभी रोगों के उपचार के लिए किया जाता है। किसी भी बीमारियों के लिए मिलने वाली अंग्रेजी दवाएं असर तो जल्दी करती है, लेकिन वह अन्य भी कई बीमारियां उत्पन्न करती है। वहीं गुलखैरा के फूलों से बनी दवाएं बहुत ही प्रभावशाली होती है। इसकी खेती कम लागत खर्च में भी की जा सकती है। (Benefits of Medicinal plant Gulkhaira)
औषधीय पौधे गुलखैरा की खेती का तरीका (Method of Gulkhaira farming )
गुलखैरा की खेती (Cultivation of Gulkhaira) करने के लिए आपको अत्यधिक कैसे की जरुरत नहीं है। इसकी खेती कम लागत में भी की जा सकती है। इसकी बुआई करने के लिए नवंबर का महीना उपयुक्त माना जाता है। यह फसल 5-6 महीने (यानी अप्रैल-मई) में तैयार हो जाते हैं। फसल तैयार होने के बाद उसकी पतियां और तने सुखकर खेतों में ही गिर जाते हैं, उसके बाद इसे इकट्ठा करके उपयोग किया जाता है। इसके फूल लगभग ₹10000 क्विंटल बिकते हैं क्योंकि यह बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है। इसके फूलों का मार्केट में काफी ज्यादा डिमांड है।
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कहां होती है गुलखैरा की खेती
औषधीय पौधे गुलखैरा (Medicinal plant Gulkhaira) की खेती ज्यादातर पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ही की जाती थी, लेकिन अब भारत में भी बड़े पैमाने पर इसकी खेती शुरू हो गई है। कन्नौज और हरदोई में भी अब इसकी खेती ज्यादा की जा रही है। UP के उन्नाव जिले के किसान अब गुलखैरे की खेती करने का तरीका समझ गए हैं और विशेषतौर पर इसकी खेती कर भी रहे हैं। उन्नाव के किसान अब धान, गेहूं की खेती छोड़कर गुलखैरे की खेती ज्यादा कर रहे हैं क्योंकि यह सिर्फ मुनाफे का ही सौदा है।
खेती करने के लिए इसके बीज भी आसानी से बाजार में उपलब्ध होते हैं। अगर एक बार आप गुलखैरे की खेती कर लेते हैं तो आपको दोबारा बाजार से इसके बीज खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी। क्योंकि अपने खेतों में उगे हुए बीज को आप अगले फसल के लिए स्टोर कर सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि इसकी खेती आप अन्य फसलों के बीच भी कर सकते हैं, इससे फसल के उत्पादन में कोई कमी नहीं आएगी।
वीडियो में देखें गुलखैरा के बारे में सभी जानकारियां
होती है अच्छी पैदावार
गुलखैरा की खेती (Gulkhaira farming) लगभग 1 बीघा जमीन में करके 5 से 6 क्विंटल की उत्पादन आसानी से की जा सकती है। यह फसल लगभग ₹10000 प्रति क्विंटल आसानी से बाजार में बिक जाता है। सबसे खास बात यह है कि इस पौधें का सभी भाग बहुत ही उपयोगी है। यह सभी फायदे आपको बिना अधिक पैसे खर्च किए भी मिल सकते हैं। अगर आप एक बीघे में भी गुलखैरे की खेती करते हैं, तो लगभग 50000- ₹60000 आराम से कमा सकते हैं।
बीमारियां होना तो आम बात है क्योंकि आजकल लोग केमिकल युक्त अनाज के साथ-साथ अंग्रेजी दवाओं का भी सेवन बहुत ज्यादा कर रहे हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि हमें अंग्रेजी दवाएं बहुत आसानी से मिल जाती है और औषधियां कम। हमारे यहां औषधियों का उपयोग बहुत कम होता है क्योंकि ऐसे पौधों की खेती भी कम ही की जाती है। जब उत्पादन नहीं होगा तो हमें फायदा कैसे मिलेगा। औषधीय पौधों की खेती अधिक पैसे कमाने के साथ-साथ हमारी सेहत के लिए भी फायदेमंद है। अगर हम उसकी खेती अधिक पैमाने पर करें तो हमें अंग्रेजी दवाओं से बहुत हद तक छुटकारा मिल जाएगा और हमारा सेहत भी तंदुरुस्त होगा।
अगर आप भी खेती में रोजगार ढूंढ रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमाने को सोच रहे हैं तो गुलखैरा की खेती (Gulkhaira farming) एक बार जरूर करें। इसमें आपको कम लागत में भी मालामाल होने से कोई नहीं रोक सकता है।