सहजन (Sahjan) का इस्तेमाल सब्जी बनाने से लेकर दवाओं के निर्माण में भी होता है। इसका अन्ग्रेजी नाम ड्रमस्टिक (Drumstick) या मोरिंगा (Moringa) है। यह इतना अधिक फायदेमंद होता है कि इसकी पत्तियां, छाल, जड़, फल-फूल, टहनी आदि सभी का इस्तेमाल आयुर्वेद में किया जाता है। इसकी इन्हीं विशेषताओं के वजह से सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेशों में इसकी भारी मांग रहती है।
सहजन की खेती (Drumstick Farming) किसानों को काफी आकर्षित कर रही है, क्योंकि बहुत ही कम लागत में इससे अच्छा मुनाफा होता है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि किसी के लिए भी यह बेहतर बिजनेस आइडिया साबित हो सकता है। बता दें कि, आप नौकरी के साथ-साथ भी इसकी खेती करके लाखों रुपए का मुनाफा कमा सकते हैं। इसी कड़ी आज हम आपको इसकी खेती और इससे होनेवाले मुनाफे के बारें में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
सहजन का सबसे बड़ा निर्यातक देश है भारत
सहजन के औषधीय गुणों के वजह से पूरे विश्व में इसकी अत्यधिक डिमांड रहती है, जिसकी पूर्ति भारत से होती है। सहजन (Drumstick) के निर्यात करने वाले देश में भारत का प्रथम स्थान है। वहीं अमेरिका और कनाडा दूसरें स्थान पर विराजमान है। यदि आंकड़ों की बात करें तो भारत ने साल 2016 में 12 करोड़ यूएस डॉलर सहजन का निर्यात किया था, जो अभी 23 करोड़ यूएस डॉलर तक पहुंच गया है।
भारत के अलावा अन्य देशों में भी होती है सहजन की खेती
ऐसी कई महत्वपूर्ण दवाइयां हैं जिनके निर्माण में सहजन का प्रयोग किया जाता है। यही कारण है कि कतर, सऊदी अरब, UAE, UK और कुवैत जैसे देश भारत से सजहन का आयात करते हैं। हालांकि, इसकी खेती सिर्फ भारत में नहीं बल्कि अलग-अलग देशों में भी की जाती है जैसे कनाडा, अमेरिका के कुछ भागों, श्रीलंका और फिलीपींस में इसका उत्पादन किया जाता है। बता दें कि, दक्षिण भारत में अधिक मात्रा में सहजन का उत्पादन किया जाता है।
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एक पेड़ 6 साल तक देता है फल
जैसा कि आप जानते हैं ऐसी बहुत सारी सब्जियां हैं जिनके पौधें होते हैं लेकीम सहजन एक ऐसी सब्जी है जिसका पौधा नहीं बल्कि पेड़ होता है। बहुत सारे पेड़-पौधें जल्दी ही तैयार हो जाते हैं लेकिन इसके पौधें का विकास होने में एक साल का समय लगता है उसके बाद यह पेड़ बन जाता है। सहजन का पेड़ जब बड़ा हो जाता है तो यह 6 वर्षों तक फल देता है।
बंजर भूमि पर भी कर सकते हैं सहजन की खेती
सहजन की खेती (Drumstick Farming) को बहुत ही आसानी से और कम लागत में की जा सकती है। क्योंकि बाकी फसलों की तरह इसे न तो अधिक देखभाल की जरुरत होती है और ना ही खाद, कीटनाशक आदि की जरुरत होती है। इतना ही नहीं बंजर भूमि पर भी इसे उगाया जा सकता है। हालांकि, इसकी खेती गर्म जलवायु में बेहतर होती है और भारत की जलवायु इसकी खेती के लिए सर्वोत्तम है।
सहजन की खेती कैसे करें?
सहजन की खेती (Sahjan Ki Kheti) मुनाफे का सौदा है। यदि आप इसकी खेती करने के लिए इच्छुक हैं तो बेहतर होगा एक एकड़ जमीन से इसकी शुरुआत करें। इतनी भूमि पर 40 हजार रुपये की लागत से सजहन के 1200 पौधें लगाए जा सकते हैं। चूंकि, यह सभी प्रकार के मौसम को झेल सकता है इसलिए किसानों को धूप, बारिश और मिट्टी आदि के बारें में चिंतित होने की भी जरुरत नहीं है।
कैसे करें बीजारोपण?
इसकी खेती के लिए जून से सितम्बर तक का महीना बेहतर होता है। आप चाहें तो इसके बीज को सीधे जमीन में रोप सकते हैं। इसके अलावा यदि आप किसी थैली में बीजारोपण करते हैं तो भी वह एक महिने के अंदर अंकुरित होकर पौधें का रूप ले लेता है, जिसे आप आसानी से रोपाई कर सकते हैं। इसके पौधें को तैयार में अधिक समय नहीं लगता है। महज 1 साल में भी यह पेड़ बनकर तैयार हो जाता है और फल देने लगता है।
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कमा सकते हैं 60 लाख रुपये
सहजन के एक पेड़ से 40 से 60 kg तक फल निकलते हैं, जिसकी मार्केट प्राइस 50 हजार रुपये है। इसके अनुसार यदि किसान भाई 1200 पेड़ लगाएं तो प्रति एकड़ एक लाख रुपये के हिसाब से 60 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा सकते हैं। वैसे देखा जाए तो घरेलू मार्केट में यह अधिक महंगा नहीं है लेकिन विदेशों में इसकी कीमत काफी अधिक है।
सहजन की ग्रामिण खेतों से सुपरमार्केट तक की यात्रा
एक समय था जब सहजन को लोग अधिक गंभीरता से नहीं लेते थे, लेकिन आज वैश्विक बाजार के वजह से एक बार फिर इसे पहचान मिल रही है। अब यह ग्रामिण खेतों से बाहर निकलकर बड़े-बड़े सुपरमार्केट तक पहुंच चुकी है जिससे इसकी महता काफी बढ़ गई है। साथ ही अब किसानों को भी इससे काफी मुनाफा हो रहा है।