आजकल खेती को अच्छी आमदनी और मुनाफे का सौदा बनाने के लिए किसान भाई पारंपरिक फसलों को छोड़ नए फसलों की खेती कर रहे है। इसके साथ ही वे नई तकनिक का सहारा भी ले रहे हैं जिससे उन्हें अच्छी कमाई हो सके। यदि आप भी खेती में अपनी किस्मत आजमाना चाहते हैं तो गुलखैरा की खेती (Gulkhaira Farming) आपकी किस्मत को चमका सकती है।
जी हाँ, यह एक ऐसी फसल है जिसकी तना, बीज, पत्ते आदि सभी चीजें आसानी से बिक जाती है। साथ ही इसका इस्तेमाल औषधि बनाने के लिए भी किया जाता है। अधिक महत्व होने के कारण इसकी डिमांड भी बनी रहती है जिससे आप बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। तो आइए जानते हैं इसकी खेती के बारें में विस्तार से-
गुलखैरा की खेती कैसे करें (How to Cultivate Gulkhaira) ?
इसकी खेती को आप कम लागत में करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। चूंकि, इसके फूल से औषधी का निर्माण किया जाता है इसलिए मार्केट में इसका मूल्य भी काफी अधिक है। इसकी खेती के लिए अलग से भूमि की जरुरत नहीं होती है इसलिए इसकी खेती को आप किसी भी फसल के साथ कर सकते हैं।
गुलखैरा की खेती (Gulkhaira Farming) करने के लिए प्रति हेक्टेयर 150 किलोग्राम बीज की जरुरत होती है। बाजार में इसके बीज आसानी से मिल जाएंगे। उसके बाद नवम्बर माह में बीज की बुवाई की जाती है जो अप्रैल-मई तक तैयार हो जाती है। जब इसका पौधा तैयार हो जाता है तो ये स्वयं सूखकर ही गिरने लगता है।
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नहीं पड़ेगी बार-बार बीज खरीदने की जरुरत
एक बार इसकी बुवाई करने के बाद किसान भाई को दोबारा से इसके लिए बीज खरीदने की जरुरत नहीं पड़ती है, क्योंकि पिछ्ली फसल से तैयार बीज से ही बुवाई की जा सकती है। इस फसल को काटने की जरुरत नहीं होती है क्योंकि प्रतिवर्ष तैयार होने के बाद यह खुद ही सूखकर गिर जाते हैं, जिससे आप हर साल के लिए बीज तैयार कर सकते हैं। इस प्रकार आप कम लागत में इसकी खेती करके बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।
कहां होती है गुलखैरा की खेती?
गुलखैरा की सबसे अधिक खेती अफगानिस्तान और पाकिस्तान में की जाती है, लेकिन अब हमारे भारत देश में भी किसान इसकी खेती कर्ना शुरु कर दिए हैं। उत्तरप्रदेश राज्य के कई जिलों जैसे कन्नौज, हरदोई जैसे जिलों के किसानों में जागरुकता फैली है और वे बड़े पैमाने पर इसकी खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें प्रतिवर्ष अच्छी कमाई भी हो जाती है।
गुलखैरा का प्रयोग (Uses of Gulkhaira) –
औषधीय गुण पाए जाने के कारण इससे कई प्रकार की दवाओं का तैयार किया जाता है जिसका इस्तेमाल बुखार और खांसी जैसी समस्याओं में होता है। इसके अलावा इसके फूल से बनी दवाओं का सबसे अधिक प्रयोग शीघ्रपतन और मर्दाना ताकत की कमी जैसे रोगों में किया जाता है। गुलखैरा के बीज, पत्ते, तना आदि सभी चीजों से कई प्रकार की दवाएं बनाई जाती हैं।
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गुलखैरा की खेती से कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा
यदि किसान भाई 1 बीघा में इसकी खेती (Gulkhaira Farming) करते हैं, तो उन्हें लगभग 5 क्विंटल का उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। इस हिसाब के अनुसार, प्रतिवर्ष 50-60 हजार रुपये की कमाई की जा सकती है। वहीं यदि इसके मार्केट प्राइस की बात करें तो एक क्विंटल गुलखैरा के फसल की कीमत 10 हजार रुपये है।
औषधीय पौधें की खेती करके किसान भाई काफी बेहतर कमाई कर सकते हैं। वहीं यदि देश में औषधीय पौधों (Medicinal Plant) की खेती होने लगे तो अन्ग्रेजी दवाओं से काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है। इसके अलावा इसकी खेती में अधिक लागत भी नहीं लगती है और कमाई भी अच्छा होता है।